नर्मदा जयंती - 04 फरवरी, 2025-

Started by Atul Kaviraje, February 04, 2025, 11:15:36 PM

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Atul Kaviraje

नर्मदा जयंती-

नर्मदा जयंती - 04 फरवरी, 2025-

नर्मदा जयंती एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, जो भारत के मध्यप्रदेश और गुजरात राज्यों में खासतौर पर मनाया जाता है। यह पर्व नर्मदा नदी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। नर्मदा नदी, जिसे भारत की पवित्र नदियों में से एक माना जाता है, का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है। नर्मदा जयंती माघ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भक्तजन नर्मदा नदी की पूजा अर्चना करते हैं और उसका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रद्धा से व्रत और स्नान करते हैं।

नर्मदा जयंती का महत्व:
नर्मदा जयंती का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। नर्मदा नदी का उल्लेख हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों जैसे रामायण, महाभारत और विष्णु पुराण में मिलता है। इसे एक जीवनदायिनी और तपस्विनी नदी माना जाता है, जो हर कष्ट और संकट को दूर करने वाली मानी जाती है। नर्मदा के किनारे स्थित प्रमुख तीर्थस्थल जैसे अमरकंटक, होशंगाबाद, नर्मदा प्रसाद आदि स्थानों पर भक्तजन आते हैं और स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं।

नर्मदा नदी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। माना जाता है कि नर्मदा नदी के दर्शन और स्नान से समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। नर्मदा जयंती के दिन इस नदी की पूजा करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है।

नर्मदा जयंती पर पूजा विधि:
नर्मदा नदी का पूजन: इस दिन भक्तजन नर्मदा नदी के किनारे जाकर उसका पूजन करते हैं। नर्मदा की पूजा में विशेष रूप से गंगा जल, ताजे फूल, बेलपत्र और दीपक अर्पित किए जाते हैं। साथ ही नर्मदा के जल में स्नान करना भी विशेष पुण्यकारी माना जाता है।

व्रत और उपवासी रहना: इस दिन नर्मदा जयंती के अवसर पर विशेष व्रत और उपवास रखा जाता है। भक्तजन दिनभर व्रत रखकर रात को नर्मदा के मंत्रों का जाप करते हैं।

नर्मदा भजन और कीर्तन: नर्मदा जयंती पर विशेष रूप से नर्मदा के भजन, कीर्तन और आरती गाने का महत्व है। भक्तजन संकीर्तन के माध्यम से नर्मदा मां की महिमा का गुणगान करते हैं।

नर्मदा जयंती पर भक्ति भावपूर्ण कविता:

"नर्मदा की महिमा"

नर्मदा मां की रज से, बसी है जीवन की धारा,
हर कष्ट को हर लेती, सबको देती सुख हमारा।
पवित्र जल की छांव में, सवेरा हो जाता है उजियारा,
जो स्नान करे नर्मदा में, उसका जीवन हो सुखमय, प्यारा।

नर्मदा नदी की धारा, हर पीड़ा को करती दूर,
जो हर दिन नर्मदा पूजा करें, हो जाता है उसका मन मुर।
हे नर्मदा, तेरी महिमा निरंतर गाई जाए,
तेरी कृपा से हर जीव का जीवन आसान हो जाए।

कविता का अर्थ: यह कविता नर्मदा नदी की महानता और उसका प्रभाव बताती है। नर्मदा नदी, जो सभी कष्टों को हरती है और जीवन को सुखी और समृद्ध बनाती है, हर एक भक्त के लिए आशीर्वाद का स्रोत है। नर्मदा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, खुशी और संतोष आता है।

नर्मदा जयंती का सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण:
नर्मदा जयंती का पर्व केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि यह समाज में पर्यावरणीय जागरूकता का भी प्रतीक है। नर्मदा नदी की महिमा के साथ-साथ यह हमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्रेरित करती है। नर्मदा नदी का जल न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र है, बल्कि यह जीवों के लिए भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। नर्मदा नदी का संरक्षण और स्वच्छता हमारी जिम्मेदारी है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

नर्मदा जयंती के आशीर्वाद:
नर्मदा जयंती का पर्व व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और आंतरिक संतोष की प्राप्ति का दिन है। नर्मदा के आशीर्वाद से न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी बल मिलता है। इस दिन की पूजा और व्रत से जीवन के सारे दुःख और कष्ट समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को एक नई दिशा और ऊर्जा मिलती है।

नर्मदा के आशीर्वाद से आपका जीवन सुखमय और समृद्ध हो!

शुभ नर्मदा जयंती! 🌊🙏

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-04.02.2025-मंगळवार.
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