विष्णु के 'परशुराम' अवतार का उद्देश्य - एक सुंदर भक्ति भावपूर्ण हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, February 06, 2025, 04:29:31 PM

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Atul Kaviraje

विष्णु के 'परशुराम' अवतार का उद्देश्य - एक सुंदर भक्ति भावपूर्ण हिंदी कविता-

प्रस्तावना:
विष्णु के 'परशुराम' अवतार का उद्देश्य पृथ्वी पर धर्म की रक्षा करना और अधर्म के पापी लोगों को नष्ट करना था। भगवान विष्णु के परशुराम अवतार ने अपनी भक्ति, शौर्य और बल के माध्यम से समाज में आदर्श स्थापित किया। परशुराम के रूप में विष्णु ने राक्षसों और अत्याचारी राजाओं से पृथ्वी को मुक्ति दिलाई और धर्म की पुनर्स्थापना की। इस कविता में हम परशुराम के अवतार और उनके उद्देश्य को समझेंगे।

कविता:-

🔱 विष्णु का अवतार, परशुराम नाम,
धर्म की रक्षा हेतु लिया था उन्होंने एक प्रण धाम।
पृथ्वी पर अत्याचार हो रहे थे बहुत,
परशुराम ने दिया सभी को सजा, किया अधर्म का संहार।

🛡� पिता की मृत्यु से उत्पन्न हुआ क्रोध,
धर्म की रक्षा के लिए लिया परशुराम ने शंख, चक्र, और धनुष।
राजाओं ने किया अत्याचार अनगिनत,
परशुराम ने सबको किया हराया, लिया धर्म का प्रतिपक्ष।

🌿 भीम, अर्जुन जैसे योद्धा थे महान,
लेकिन परशुराम का शौर्य था अनूठा, था निराला, पावन धाम।
शरीर में शक्ति, मन में सत्य का ज्ञान,
धर्म के लिए उनका था एक महान संकल्प, एक महान ईश्वर का ध्यान।

💥 राक्षसों का संहार कर, किया धरती को पवित्र,
राजाओं के अधर्म से संघर्ष किया अडिग।
नकली देवता, राक्षस सभी मरे,
परशुराम का उद्देश्य था, सत्य की जड़ें फैलाना, धर्म का आघात सहना।

⚔️ परशुराम ने धर्म की स्थापना की,
उनकी भक्ति, त्याग और बल से हर किसी को सिखाया।
शौर्य और साहस से भरी हुई मूरत,
धर्म के लिए किया हर बलिदान, उनका था पवित्र कर्तव्य का संज्ञान।

🙏 विष्णु के अवतार में था सबसे श्रेष्ठ,
कभी धर्म की शक्ति से हार न हो, यही था उद्देश्य महान।
शिव से मिले वरदान ने किया उन्हें पराक्रमी,
सदियों तक रहेगा उनका नाम, धर्म की रक्षा के लिए बेमिसाल।

🌸 परशुराम का उपदेश था सत्य का पालन,
धर्म की रक्षा करना ही मुख्य कारण।
न्याय और सच्चाई के मार्ग पर चलो,
सभी का कल्याण हो, यही था उनका सबसे बड़ा लक्ष्य।

कविता का अर्थ:
यह कविता भगवान विष्णु के परशुराम अवतार के उद्देश्य को व्यक्त करती है। परशुराम का अवतार अत्याचार और अधर्म के नाश के लिए हुआ था। उनका जीवन सत्य, धर्म और न्याय की रक्षा करने का एक उदाहरण है। वे एक महान योद्धा थे जिन्होंने धर्म की स्थापना की और समाज में न्यायपूर्ण व्यवस्था की आवश्यकता को बताया।

विवेचन:
भगवान विष्णु के परशुराम अवतार ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज में अत्याचार और असत्य बढ़ने लगे, तो धर्म की रक्षा के लिए एक सशक्त हस्तक्षेप जरूरी है। परशुराम ने अपने जीवन में हर कदम पर धर्म, सत्य और न्याय की स्थापना की। उनकी पूजा आज भी की जाती है, क्योंकि वे समाज के हर व्यक्ति को सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

निष्कर्ष:
परशुराम का अवतार हमें यह सिखाता है कि हमें समाज में किसी भी प्रकार के असत्य या अत्याचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और धर्म की रक्षा करनी चाहिए। उनका जीवन एक आदर्श प्रस्तुत करता है कि कैसे बल, साहस, और सत्य के साथ किसी भी स्थिति में धर्म की रक्षा की जा सकती है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा, और उनका उपदेश आज भी हमें अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है।

स्माइलीज़ और प्रतीक:

🔱⚔️🙏💥🌸

--अतुल परब
--दिनांक-05.02.2025-बुधवार.
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