महिला जननांग विकृति के प्रति शून्य सहनशीलता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस – 06 फरवरी-

Started by Atul Kaviraje, February 06, 2025, 11:49:39 PM

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Atul Kaviraje

महिला जननेंद्रियाच्या विच्छेदनासाठी शून्य सहनशीलता आंतरराष्ट्रीय दिवस -

महिला जननांग विकृति के प्रति शून्य सहनशीलता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस – 06 फरवरी, 2025-

महत्व और संकल्प

आज 6 फरवरी को, हम महिला जननांग विकृति (FGM) के प्रति शून्य सहनशीलता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाते हैं। यह दिन इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके खिलाफ कड़ा कदम उठाने का दिन है। महिला जननांग विकृति एक भयंकर और अमानवीय कृत्य है, जो दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचाता है। इस दिन का उद्देश्य इस क्रूर प्रथा को समाप्त करने के लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक संकल्प और कार्यवाही को प्रेरित करना है।

महिला जननांग विकृति (FGM) का परिभाषा और प्रभाव

महिला जननांग विकृति एक प्रथा है, जिसमें किसी लड़की या महिला के जननांगों में शारीरिक परिवर्तन किया जाता है, जिसमें नसबंदी, चीरे या किसी भी प्रकार की शारीरिक चोट डाली जाती है। यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है, लेकिन अब इसे दुनिया के अधिकांश देशों में अपराध माना जाता है। FGM न केवल शारीरिक रूप से हानिकारक है, बल्कि यह महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इसके परिणामस्वरूप गर्भधारण में कठिनाई, यौन स्वास्थ्य समस्याएँ, प्रसव में जटिलताएँ, और जीवनभर दर्द और तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है।

महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और न्याय का संघर्ष

यह दिन महिलाओं के अधिकारों की रक्षा, उनकी गरिमा और सम्मान को बनाए रखने का प्रतीक बन चुका है। महिला जननांग विकृति के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी महिला या लड़की इस अमानवीय प्रथा का शिकार न हो। यह दिन उन महिलाओं और लड़कियों के लिए एक संदेश है जो इस कष्टप्रद प्रथा से जूझ रही हैं कि वे अकेली नहीं हैं, और समाज उनके साथ है। दुनिया भर के देशों ने इस प्रथा को खत्म करने का संकल्प लिया है, लेकिन अभी भी हमें और अधिक सशक्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

उदाहरण और प्रयास

संयुक्त राष्ट्र और विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने महिला जननांग विकृति के खिलाफ कई अभियान चलाए हैं। इस दिशा में कई देशों ने कानून बनाए हैं जो FGM को दंडनीय अपराध मानते हैं। इसके अलावा, शिक्षा, जागरूकता, और समुदायों में बदलाव लाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं, ताकि यह प्रथा पूरी तरह से समाप्त हो सके।

कविता और संदेश

🌸 "महिला के शरीर में है शक्ति, उसमें बसती है उम्मीद,
अमानवीय कृत्यों से न हो उसे कोई भी पीड़,
हम सब मिलकर खड़ा करें एक संकल्प,
महिला जननांग विकृति को हम देंगे संपूर्ण वक़्त."

🌺 "सपने उनके भी पूरे होंगे, जो भरे हैं अब डर से,
हम सब मिलकर इसे खत्म करेंगे,
और लाएंगे दुनिया में एक नई सवेरा."

अर्थ: यह कविता हमें यह संदेश देती है कि हमें एकजुट होकर इस कुप्रथा का उन्मूलन करना होगा, ताकि महिलाओं को वह जीवन मिले जिसकी वे हकदार हैं। एक ऐसा समाज बनाने का संकल्प लें, जहाँ महिलाएँ स्वतंत्र, सुरक्षित और सम्मानित महसूस करें।

समाप्ति

महिला जननांग विकृति के प्रति शून्य सहनशीलता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस हमें यह याद दिलाता है कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा केवल एक दिन का काम नहीं है, बल्कि यह एक निरंतर संघर्ष है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम समाज में जागरूकता फैलाएं, कानूनों का पालन करें, और हर लड़की और महिला को उस सम्मान और सुरक्षा का अधिकार प्रदान करें, जिसकी वह पूरी तरह से हकदार है।

यह दिन एक आह्वान है – सभी को एकजुट होकर इस प्रथा को समाप्त करने का संकल्प लें, और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति सशक्त बनाएं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-06.02.2025-गुरुवार.
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