10 फरवरी, 2025 - राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस-

Started by Atul Kaviraje, February 11, 2025, 04:25:55 PM

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Atul Kaviraje

राष्ट्रीय जंतनाशक दिवस-

10 फरवरी, 2025 - राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस-

राष्ट्रिय कृमि मुक्ति दिवस का महत्व:

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, जिसे 'नेशनल वर्म फ्री डे' भी कहा जाता है, हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत सरकार द्वारा बच्चों और समुदायों में कृमियों (पेट के कीड़े) के संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है। देशभर में यह दिन विशेष रूप से बच्चों को कृमि नाशक दवाइयाँ देने के लिए मनाया जाता है, ताकि उनके शारीरिक विकास और सेहत पर कृमियों का नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

कृमि संक्रमण बच्चों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जिससे उनका पोषण स्तर प्रभावित होता है और वे शारीरिक और मानसिक विकास में पिछड़ सकते हैं। इस दिन की विशेषता यह है कि विभिन्न सरकारी संस्थाएँ और संगठन मिलकर बच्चों को कृमि नाशक दवाइयाँ उपलब्ध कराते हैं, और साथ ही इस विषय पर समाज में जागरूकता फैलाते हैं।

कृमि मुक्ति के लिए उपाय:

बच्चों को नियमित रूप से कृमि नाशक दवाइयाँ देना।
स्वच्छता और शौचालयों का उपयोग बढ़ाना।
बगैर धोए हाथों से भोजन करने से बचना।
सुरक्षित जल का सेवन करना।
पालतू जानवरों की सफाई पर ध्यान देना।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य:

इस दिवस का मुख्य उद्देश्य देशभर के बच्चों में कृमि के संक्रमण को समाप्त करना है। इसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष अभियान चलाए जाते हैं, ताकि बच्चों को समय-समय पर कृमि नाशक दवाइयाँ दी जा सकें। इसके अतिरिक्त, यह दिवस समुदायों में जागरूकता फैलाने का भी एक प्रभावी माध्यम है।

कृमि संक्रमण केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है। इसलिए इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि यह ना केवल बच्चों की सेहत को सुनिश्चित करता है बल्कि समाज की समग्र सेहत को भी बेहतर बनाता है।

उदाहरण:

भारत में कई स्थानों पर बच्चों को कृमि नाशक दवाइयाँ दी जाती हैं और इसके साथ ही उन्हें शारीरिक स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाता है। जैसे कि यदि एक बच्चा बगीचे में खेलते हुए हाथ नहीं धोता और फिर भोजन करता है, तो उस बच्चे में कृमि संक्रमण हो सकता है। ऐसे मामलों में यह अभियान बच्चों को इस खतरे से बचाता है।

लघु कविता:-

कृमि मुक्ति दिवस पर हम सब ये संकल्प लें,
स्वच्छता से रोगों को दूर हम रखें।
बच्चों को दवाइयाँ, समय पर दें हम,
ताकि उनका स्वास्थ्य, मजबूत और सुखी हो चमक।

खुश रहें वे, शारीरिक और मानसिक रूप से,
स्वस्थ शरीर हो, मन भी हो सच्चे।
कृमि नाशक दवाइयों से बचाव करें,
हमारे बच्चों को स्वस्थ और मजबूत बनाएं हम।

समाप्ति:

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस हमें यह सिखाता है कि अगर हम समय पर ध्यान दें और स्वच्छता के नियमों का पालन करें तो हम बच्चों को कृमि संक्रमण जैसे खतरों से बचा सकते हैं। यह दिन हमें अपने समाज में इस विषय पर जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है।

स्वच्छता, जागरूकता और सक्रियता के माध्यम से हम अपने बच्चों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन दे सकते हैं।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-10.02.2025-सोमवार.
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