श्री राम के 'मर्यादा पुरुषोत्तम' रूप का महत्व-कविता:-

Started by Atul Kaviraje, February 12, 2025, 07:32:28 PM

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Atul Kaviraje

श्री राम के 'मर्यादा पुरुषोत्तम' रूप का महत्व-कविता:-

राम के रूप में बसी एक अद्भुत ताकत,
धैर्य, शांति, और सत्य की वह भव्य छवि।
मर्यादा पुरुषोत्तम ने दिखाया हमें पथ,
सच्चे कर्म और धर्म का यही था यथार्थ। 🌸🕊�

ध्यान में रक्षार्थ, न कोई घमंड था,
सीता के साथ उनका प्रेम एक आदर्श था।
धर्म की स्थापना, अधर्म का नाश किया,
राम का जीवन सच्चे आदर्श से भरा था। ✨💖

मातृ-पितृ, गुरु के प्रति सम्मान,
राम ने हमेशा निभाया यही महान धर्म।
त्याग, तपस्या और धर्म से जुड़ा हर कर्म,
राम के आदर्श से जीवन में आया हर उत्थान। 🕉�🌿

जब संकट पड़ा, भगवान राम ने न डिगे,
सच्चाई का पथ हमेशा चिर स्थिर रहे।
राम के आदर्शों को अपनाकर हम बढ़े,
मर्यादा पुरुषोत्तम का रास्ता ही सही था। 🌟🙏

अर्थ:

भगवान श्री राम का 'मर्यादा पुरुषोत्तम' रूप भारतीय संस्कृति में आदर्श और सिद्धांतों का प्रतीक है। वे सद्गुणों और नैतिक मूल्यों का पालन करते हुए न केवल स्वयं को, बल्कि समाज को भी धर्म, सत्य और प्रेम का मार्ग दिखाते थे। राम ने हमें यह सिखाया कि हमें अपने कर्तव्यों और दायित्वों का पालन करना चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ जैसी भी हों। उनके जीवन के आदर्श आज भी हमारे जीवन में प्रेरणा का स्रोत हैं। राम का जीवन समर्पण, त्याग, और उच्चतम नैतिकता का उदाहरण था, जो हमें हर परिस्थिति में अपनी मर्यादा बनाए रखने की प्रेरणा देता है।

चित्र/चिन्ह और इमोजी:
🌸🕉�🙏💖✨

--अतुल परब
--दिनांक-12.02.2025-बुधवार.
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