गुरुप्रतिपदI- (Guru Pratipada)-कविता:-

Started by Atul Kaviraje, February 14, 2025, 12:10:36 AM

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Atul Kaviraje

गुरुप्रतिपदI- (Guru Pratipada)-कविता:-

गुरु के चरणों में बसा है सुख का सुख,
जो मिल जाए गुरु, न लगे कोई दुख। 🙏🌼
ज्ञान की जो गंगा बहाती हो निरंतर,
वह गुरु ही है, जो दिखाता है मार्ग हर वक्त। 📖✨

गुरु की महिमा, अनंत है, अपार,
जो सिखाए सच्चे मार्ग पर चलने का अधिकार। 🌸🕉
अंधकार में बत्ती जैसा है, वह प्रकाश,
गुरु के बिना नहीं कोई भी विशेष आभास। 🔦💫

गुरु की बानी में समाई है दिव्य शक्ति,
जो जीवन को दे नई दिशा, नई रचना। 🔮💡
कभी वह शिष्य को हंसाते हैं, कभी रुलाते,
पर हर एक शब्द में जीवन के राज बताते। 🗣�🌱

कर्मों से फल सिखाता गुरु, न करता निराश,
हर राह में वही दिखाता है जीवन का रास्ता पास। 🌿🌟
शरण में लिया गुरु का, अब न कोई भय,
गुरु की कृपा से पाते हैं हम हर सुख और शांति की मंज़िल। 🕊�💖

संक्षिप्त अर्थ (Short Meaning):

यह कविता गुरु की महिमा और उनकी भूमिका को दर्शाती है। गुरु हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं, जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। गुरु के बिना जीवन में दिशा की कमी होती है, लेकिन उनका आशीर्वाद जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर देता है। गुरु के प्रत्येक शब्द में जीवन के गहरे अर्थ छिपे होते हैं, जो हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

प्रतीक (Symbols) और इमोजी (Emojis):

🙏🌼 (गुरु का आशीर्वाद और पवित्रता)
📖✨ (ज्ञान और रौशनी)
🔦💫 (प्रकाश और दिशा)
🔮💡 (दिव्य शक्ति और उजाला)
🗣�🌱 (शब्द और जीवन के राज)
🌿🌟 (जीवन में सच्ची राह)
🕊�💖 (शांति और प्रेम)

सारांश:

गुरुप्रतिपदI, गुरु के प्रति भक्ति भाव और श्रद्धा का प्रतीक है। गुरु की उपासना से जीवन में सच्ची दिशा मिलती है, और जीवन के अंधकार से प्रकाश की ओर मार्गदर्शन मिलता है। यह कविता गुरु के आशीर्वाद से जीवन में आने वाली सफलता और शांति को व्यक्त करती है।

--अतुल परब
--दिनांक-13.02.2025-गुरुवार.
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