विष्णु का 'कृष्ण' अवतार और गीता में उनका तत्त्वज्ञान 🌌📜-

Started by Atul Kaviraje, February 19, 2025, 08:06:29 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

विष्णु का 'कृष्ण' अवतार और गीता में उनका तत्त्वज्ञान 🌌📜-

1. पहला चरण:

🌌 विष्णु का अवतार, जब धरती पर आए,
कृष्ण का रूप धारण, सबको सुख में लाए।
गोपियों का प्रियतम, मुरली की मधुर धुन,
धर्म की रक्षा के लिए, किया हर युद्ध का पुन।

अर्थ: इस चरण में भगवान विष्णु के कृष्ण अवतार का महत्व और उनके द्वारा धर्म की रक्षा का वर्णन किया गया है।

2. दूसरा चरण:

📜 गीता का ज्ञान, अद्भुत और गहरा,
कृष्ण ने अर्जुन को, समझाया जीवन का सहरा।
"कर्म करो, फल की चिंता न कर,
धर्म की राह पर चल, यही है सच्चा चर।"

अर्थ: यहाँ गीता में दिए गए कृष्ण के ज्ञान पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें कर्म करने और फल की चिंता न करने की बात की गई है।

3. तीसरा चरण:

🕉� "धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष का मार्ग है ये,
सच्चाई की राह पर, चलना है सबको नित।
जो आत्मा अमर है, उसे तू क्यों मरेगा?
शरीर तो क्षणिक है, यह तू क्यों सहेगा?"

अर्थ: इस चरण में कृष्ण ने आत्मा की अमरता और शरीर की क्षणिकता के बारे में बताया है, जिससे अर्जुन को प्रेरणा मिलती है।

4. चौथा चरण:

🌼 "भक्ति से मिले, सच्चा सुख और शांति,
प्रेम से भरी हो, यह जीवन की संजीवनी।
समर्पण से बढ़े, प्रेम का यह बंधन,
कृष्ण का ज्ञान, सिखाता हमें हर क्षण।"

अर्थ: यहाँ कृष्ण के भक्ति और प्रेम के महत्व को दर्शाया गया है, जो जीवन को संजीवनी प्रदान करता है।

5. अंतिम चरण:

🙏 कृष्ण का तत्त्वज्ञान, जग में फैलाए प्रकाश,
सभी को सिखाए, प्रेम और करुणा का आस।
विष्णु का यह अवतार, सदा रहेगा अमर,
कृष्ण की शिक्षाओं से, हर दिल करे स्वीकार।

अर्थ: इस अंतिम चरण में कृष्ण के तत्त्वज्ञान के प्रकाश को सभी के लिए प्रेरणादायक बताया गया है।

चित्र और प्रतीक:

🌌 (कृष्ण अवतार)
📜 (गीता)
🕉� (आत्मा)
🌼 (भक्ति)
🙏 (आभार)

संक्षिप्त अर्थ:
यह कविता विष्णु के कृष्ण अवतार और गीता में उनके तत्त्वज्ञान को दर्शाती है। कृष्ण ने अर्जुन को कर्म, धर्म, और आत्मा के महत्व के बारे में ज्ञान दिया, जो आज भी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह कविता भक्ति भाव से भरी हुई है, जो हमें प्रेम, करुणा और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

--अतुल परब
--दिनांक-19.02.2025-बुधवार.
===========================================