"जितना शांत आप बनेंगे, उतना ही अधिक आप सुन पाएंगे"

Started by Atul Kaviraje, February 21, 2025, 03:21:45 PM

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Atul Kaviraje

"जितना शांत आप बनेंगे, उतना ही अधिक आप सुन पाएंगे"

एक ऐसी दुनिया में जो भागती-दौड़ती है, तेज़ और तेज़,
हम शायद ही कभी रुकते हैं, हम शायद ही कभी टिक पाते हैं।
शोर चारों ओर है, यह हवा को भर देता है,
लेकिन मौन, सच्चा मौन, दुर्लभ है। 🌎🔊

बकवास गूंजती है, आवाज़ें उठती हैं,
फिर भी शांति में, ज्ञान निहित है।
क्योंकि जब हम अपने मन और दिल को शांत करते हैं,
एक गहरा सत्य शुरू होने लगता है। 🧘�♂️💭

शांत क्षण बहुत स्पष्ट बोलते हैं,
आश्चर्य की एक दुनिया, जिसे हम सुन सकते हैं।
सरसराती पत्तियाँ, बहती हवा,
नीचे धरती की फुसफुसाहट। 🍃🌬�

दिल की धड़कन स्थिर, कोमल और सच्ची,
मौन में, हम नया महसूस कर सकते हैं।
जीवन की आवाज़ें, इतनी कोमल, इतनी नज़दीक,
केवल तभी सुनाई देती हैं जब हम पास आते हैं। 💓👂

शांति शांति की आवाज़ को प्रकट करती है,
यह हमारी आत्माओं की मुक्ति के लिए फुसफुसाती है।
शांति गहरी होती जाती है, दुनिया इतनी विस्तृत होती जाती है,
उत्तर अंदर से आते हैं। 🌌🔇

आप जितने शांत होते हैं, उतना ही आप देखते हैं,
वह सुंदरता जो जीवित है, वह सत्य जो मुक्त है।
शांत क्षणों में, हम अपना रास्ता खोजते हैं,
और दुनिया को बिल्कुल नए तरीके से सुनते हैं। ✨🔍

कविता का अर्थ:
यह कविता मौन और शांति की शक्ति का पता लगाती है। शोर से भरी दुनिया में, शांत होने के लिए समय निकालना हमें अपने आस-पास की दुनिया और भीतर के विचारों दोनों को अधिक गहराई से सुनने की अनुमति देता है। कविता इस बात पर जोर देती है कि शांति और स्पष्टता तब मिल सकती है जब हम रुकते हैं और जीवन की सूक्ष्म, अक्सर अनदेखी की गई ध्वनियों और सत्यों को वास्तव में सुनते हैं। यह हमें याद दिलाता है कि मौन में, हम अधिक सुनते हैं और अधिक गहराई से समझते हैं।

प्रतीकात्मकता और इमोजी:

🌎: शोर भरी दुनिया, बाहरी विकर्षण।
🔊: ध्वनि, जोर, बकबक।
🧘�♂️: शांत चिंतन, ध्यान।
💭: विचार, मानसिक शांति।
🍃: प्रकृति की फुसफुसाहट, कोमल ध्वनियाँ।
🌬�: हवा, सूक्ष्मता, शांत गति।
💓: हृदय, शांति, संबंध।
👂: सुनना, सुनना, समझना।
🌌: विशालता, गहरी समझ।
🔇: मौन, शांति।
✨: स्पष्टता, अंतर्दृष्टि, बोध।
🔍: ध्यान, जागरूकता, स्पष्ट रूप से देखना।

--अतुल परब
--दिनांक-21.02.2025-शुक्रवार.
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