अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस - 21 फरवरी, 2025-

Started by Atul Kaviraje, February 21, 2025, 09:35:21 PM

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Atul Kaviraje

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस-

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस - 21 फरवरी, 2025-

महत्व और उद्देश्य:

हर साल 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है, जो हमारी मातृभाषा और भाषा विविधता के महत्व को पहचानने और उसे बढ़ावा देने का एक विशेष दिन है। यह दिवस दुनिया भर में भाषाओं की रक्षा और संवर्धन की आवश्यकता को उजागर करता है। मातृभाषा एक व्यक्ति की पहचान, संस्कृति, और मानसिक विकास का अहम हिस्सा होती है। यह हमें अपने पूर्वजों की धरोहर, परंपराओं, और विचारों से जोड़ती है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1999 में इस दिवस की शुरुआत की गई थी, और इसका उद्देश्य दुनियाभर में भाषाई विविधता को बढ़ावा देना और भाषाओं के संरक्षण के प्रयासों को समर्थन देना है। मातृभाषा का ज्ञान बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी सोचने, समझने, और संवाद करने की क्षमता को बढ़ाता है।

उदाहरण और महत्व:

मातृभाषा के महत्व को समझने के लिए हमें यह विचार करना होगा कि यदि एक व्यक्ति अपनी मातृभाषा में बात करता है, तो वह अधिक सहज, आत्मविश्वास से भरा और अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर पाता है। उदाहरण स्वरूप, एक बच्चे को जब उसकी मातृभाषा में शिक्षा मिलती है, तो उसे समझने में आसानी होती है और उसकी सीखने की प्रक्रिया तेज़ होती है। इसके अलावा, यह उसकी सांस्कृतिक पहचान को भी सुरक्षित रखता है।

सांस्कृतिक धरोहर और भाषा:

मातृभाषा केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारे अस्तित्व की गहरी जड़ें हैं। हमारी मातृभाषा हमारे परिवार, समुदाय, और संस्कृति की आवाज है। भारतीय उपमहाद्वीप में कई भाषाओं और बोलियों का अस्तित्व है, और प्रत्येक भाषा अपनी विशेष संस्कृति और परंपराओं से जुड़ी होती है। हिंदी, मराठी, बengाली, तमिल, उर्दू, आदि भाषाओं का संरक्षण हमारे सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

चिंता का विषय:

आजकल कई भाषाएँ विलुप्त होने के कगार पर हैं। दुनिया भर में लगभग 6,000 से ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन इन में से अधिकतर भाषाओं का इस्तेमाल बहुत कम होता जा रहा है। कई भाषाएँ बच्चों में न के बराबर सिखाई जा रही हैं, और इस तरह से उन भाषाओं का अस्तित्व संकट में पड़ रहा है।

संकेत और प्रतीक:

🌏 पृथ्वी का प्रतीक, जो भाषा विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।
🗣� बोलने का प्रतीक, जो किसी भाषा में संवाद की शक्ति को दर्शाता है।
📚 किताब का प्रतीक, जो ज्ञान और शिक्षा के महत्व को दिखाता है।
🌱 पौधा, जो किसी भाषा के विकास और संरक्षण को इंगीत करता है।
🧠 मस्तिष्क का प्रतीक, जो मानसिक विकास और शिक्षा के महत्व को दर्शाता है।
🌸 फूल, जो मातृभाषा की सुंदरता और विशिष्टता को प्रदर्शित करता है।

संदेश:

"एक भाषा केवल शब्दों का समूह नहीं होती, बल्कि यह एक संस्कृति, एक धरोहर और एक पहचान होती है। अपनी मातृभाषा में बात करना गर्व की बात है, क्योंकि यह हमारे आत्म-सम्मान का प्रतीक है।"

लघु कविता:-

माँ की भाषा, सच्ची पहचान,
हर शब्द में बसी एक जान।
इसमें बसी हमारी दुनिया,
इसे बचाना है हमारी क़िस्मत का काम।

अर्थ:

यह कविता मातृभाषा के महत्व को समझाती है। यह हमें यह बताती है कि हमारी मातृभाषा हमारे जीवन का हिस्सा होती है, जो हमारी पहचान को बनाए रखती है। हमारे प्रत्येक शब्द में हमारी संस्कृति, परिवार, और समाज की छाप होती है।

निष्कर्ष:

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का यह अवसर हमें अपनी भाषाओं की महत्वता को समझने और उनकी सुरक्षा की दिशा में कदम उठाने का प्रेरणा देता है। जब हम अपनी मातृभाषा को संरक्षित रखते हैं, तो हम न केवल अपनी संस्कृति की रक्षा करते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को एक मजबूत और समृद्ध आधार भी देते हैं। आइए, हम इस दिवस पर अपनी मातृभाषाओं को सम्मानित करें और उन्हें सहेजने का संकल्प लें।

"मातृभाषा के बिना कोई संस्कृति और समाज जीवित नहीं रह सकता, इसलिए इसे बचाना और बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य है!"

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--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-21.02.2025-शुक्रवार.
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