राष्ट्रीय स्टिकी बन दिवस पर कविता- कविता: चिपचिपे बन का जश्न-

Started by Atul Kaviraje, February 21, 2025, 09:42:21 PM

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Atul Kaviraje

राष्ट्रीय स्टिकी बन दिवस पर कविता-

कविता: चिपचिपे बन का जश्न-

चिपचिपा बन, स्वाद का है राजा,
हर bite में छुपा है प्यार का साजा। 🍔
बच्चों की पसंद, बड़ों का भी है ध्यान,
हर पार्टी में इसकी होती है पहचान। 🎉

सॉस और मसालों का संगम प्यारा,
मौका मिले तो सबको कर दे तैयार। 🌶�
टमाटर, मिर्ची, प्याज का झमेला,
साथ में दोस्तों का हंसता मेला। 👯�♂️

बन के बिना अधूरी हर दावत,
इसकी खुशबू से महकती है रात। 🌙
आओ मिलकर मनाएं इसे धूमधाम से,
राष्ट्रीय बन दिवस, खुशी के साथ करें! 🎊

संक्षिप्त अर्थ: यह कविता राष्ट्रीय स्टिकी बन दिवस के अवसर पर चिपचिपे बन के महत्व और उसकी लोकप्रियता को दर्शाती है। इसमें बताया गया है कि किस तरह यह सभी उम्र के लोगों को पसंद आता है और हर समारोह में इसकी विशेष जगह होती है।

चित्र और प्रतीक:

🍔 (बर्गर) - चिपचिपा बन
🎉 (उत्सव) - जश्न का माहौल
🌶� (मसाला) - स्वाद का मिश्रण
👯�♂️ (दोस्त) - दोस्तों के साथ मज़ा
🎊 (उत्सव का प्रतीक) - खुशी का अनुभव

यह कविता सरल तुकबंदी में है और इसे हर आयु वर्ग के लोग आसानी से समझ सकते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-21.02.2025-शुक्रवार.
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