श्रमिकों के अधिकार और उनकी समस्याओं का समाधान पर कविता- कविता: श्रमिकों का हक-

Started by Atul Kaviraje, February 21, 2025, 09:43:28 PM

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Atul Kaviraje

श्रमिकों के अधिकार और उनकी समस्याओं का समाधान पर कविता-

कविता: श्रमिकों का हक-

श्रमिक हैं देश की पहचान,
उनके बिना अधूरा हर एक काम। ⚒️
खुद बहाकर करते हैं मेहनत,
उनकी दुनिया में हो खुशियों का रथ। 🌟

काम के घंटे हों सही, न हो ज्यादा भार,
हर श्रमिक को मिले उसका पूरा अधिकार। 📅
सुरक्षित हो वातावरण, हो स्वास्थ्य का ध्यान,
हर हाथ की है कीमत, समझो इसका मान। 🤝

तनख्वाह मिले समय पर, न हो कोई धोखा,
सुनो इनकी आवाज़, यही है सच्चा सोखा। 💰
श्रमिकों की समस्याओं का हो समाधान,
एकजुट होकर चलें, यही है हमारा प्रण। ✊

संक्षिप्त अर्थ: यह कविता श्रमिकों के अधिकारों और उनकी समस्याओं के समाधान पर केंद्रित है। इसमें यह बताया गया है कि श्रमिकों की मेहनत को समझना और उनके अधिकारों का सम्मान करना आवश्यक है।

चित्र और प्रतीक:

⚒️ (हथौड़ी और कूड़ो) - श्रमिकों की मेहनत
🌟 (तारा) - खुशियों का प्रतीक
📅 (कैलेंडर) - काम के घंटे
🤝 (दो हाथ) - सहयोग और एकता
💰 (पैसा) - उचित वेतन
✊ (हाथ उठाना) - श्रमिकों का संघर्ष

यह कविता सरल तुकबंदी में है और इसे सभी आयु वर्ग के लोग आसानी से समझ सकते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-21.02.2025-शुक्रवार.
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