भौम प्रदोष: 25 फरवरी, 2025 –

Started by Atul Kaviraje, February 25, 2025, 10:06:43 PM

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Atul Kaviraje

भौम प्रदोष-

भौम प्रदोष: 25 फरवरी, 2025 –

प्रस्तावना:

भौम प्रदोष हर महीने के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है, जो विशेष रूप से मंगल ग्रह से संबंधित है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। भौम प्रदोष का महत्व भक्तों के लिए अत्यधिक है, क्योंकि यह दिन मंगल देवता की पूजा के रूप में शुभ फल प्रदान करने वाला माना जाता है। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से भक्त भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति करते हैं।

भौम प्रदोष का महत्व:
भौम प्रदोष का महत्व विशेष रूप से इस तथ्य में निहित है कि यह दिन मंगल ग्रह के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। मंगल ग्रह युद्ध, शक्ति, साहस और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। जब मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करना होता है या जब जीवन में संघर्ष बढ़ने लगे, तो इस दिन की पूजा विशेष रूप से लाभकारी होती है।

इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य के सभी संकटों का निवारण होता है और जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। इस दिन किए गए उपायों से मंगली दोष, नौकरी में बाधाएं और व्यक्तिगत जीवन की समस्याएं हल हो जाती हैं।

भौम प्रदोष का महत्व पूजा विधि:

व्रत और उपवास:
भौम प्रदोष के दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं और दिनभर भगवान शिव की उपासना करते हैं।

भगवान शिव की पूजा:
इस दिन भगवान शिव के प्रिय लिंग रूप की पूजा की जाती है। इसके साथ ही शिव चालीसा, शिव महिम्नस्त्रोत, और महामृत्युञ्जय मंत्र का जाप किया जाता है।

मंगल दोष का निवारण:
इस दिन विशेष रूप से मंगल ग्रह के प्रभावों को कम करने के लिए पूजा की जाती है। इसके लिए विशेष रूप से हनुमान जी और गणेश जी की पूजा की जाती है।

ध्यान और मंत्र जाप:
इस दिन भक्त विशेष रूप से ध्यान और मंत्र जाप करते हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति शांत और सकारात्मक रहती है।

भौम प्रदोष पर एक भक्ति भावपूर्ण कविता:-

"भौम प्रदोष की वेला आई,
शिव भक्तों के लिए खुशी लायी।
मंगल की क्रूरता को शांत करें,
शिव की महिमा में जीवन रंगें। 🙏✨

मांगलिक दोष से मुक्ति मिले,
मन में शांति का सूरज चमके। 🌅💫
शिव की कृपा से हो जीवन सुंदर,
कष्टों से मिले सभी राहत, आनंद का संचार। 🌟🕉�

शिव शंकर के चरणों में बसा सुख,
भौम प्रदोष में हम पाएं मुक्ति का अधिकार। 🙌🌙

कविता का अर्थ:
"भौम प्रदोष की वेला आई, शिव भक्तों के लिए खुशी लायी।"

भौम प्रदोष का दिन भगवान शिव के भक्तों के लिए खुशियों का संदेश लेकर आता है। यह दिन विशेष रूप से मंगल दोष को समाप्त करने के लिए उत्तम है।
"मंगल की क्रूरता को शांत करें, शिव की महिमा में जीवन रंगें।"

मंगल ग्रह की अशुभता को शांत करने के लिए इस दिन शिव की पूजा की जाती है, ताकि जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहे।
"मांगलिक दोष से मुक्ति मिले, मन में शांति का सूरज चमके।"

इस दिन विशेष रूप से मंगल दोष से मुक्ति प्राप्त होती है, और व्यक्ति के जीवन में शांति और संतोष का सूर्य चमकता है।
"शिव की कृपा से हो जीवन सुंदर, कष्टों से मिले सभी राहत, आनंद का संचार।"

भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुंदरता और सुख की प्राप्ति होती है, जिससे सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में आनंद का संचार होता है।
"शिव शंकर के चरणों में बसा सुख, भौम प्रदोष में हम पाएं मुक्ति का अधिकार।"

भगवान शिव के चरणों में सुख और शांति का निवास होता है, और इस दिन की पूजा से भक्तों को मुक्ति का अधिकार प्राप्त होता है।

प्रतीक, इमोजी और चित्र:

🔮🌙 (शिव के दिव्य रूप और चंद्रमा का प्रतीक)
🙏💫 (भक्ति और भगवान शिव की कृपा का प्रतीक)
🌟💖 (ध्यान और आशीर्वाद का प्रतीक)
🕉�🌱 (आध्यात्मिक शांति और जीवन में सकारात्मकता का प्रतीक)
🌅✨ (नई शुरुआत और मंगलमूर्ति की आशीर्वाद का प्रतीक)

निष्कर्ष:
भौम प्रदोष का दिन विशेष रूप से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम दिन है। इस दिन की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। भक्ति भाव से भगवान शिव का ध्यान और पूजा करें, और इस दिन का पूरा लाभ प्राप्त करें।

"भगवान शिव की कृपा से आपका जीवन शांति और समृद्धि से भरा रहे!" 🌿🕉�

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-25.02.2025-मंगळवार.
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