भारत का स्वतंत्रता संग्राम – हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, March 06, 2025, 10:21:16 PM

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Atul Kaviraje

भारत का स्वतंत्रता संग्राम –  हिंदी कविता-

सपने थे उजले, दिलों में जज्बा था,
भारत को आज़ाद करना, हर दिल की ख्वाहिश था।
शहीदों का लहू, इतिहास बन गया,
उनकी शहादत से ही स्वतंत्रता का रास्ता खुल गया। 🇮🇳💔

गांधीजी का सत्याग्रह, हर दिल में जोश,
अहिंसा का बल, बन गया हमारा मोशन।
झुकी न सिर झुकाया, अंगरेज़ों से संघर्ष,
हमारा था इरादा, हमारी एकजुटता ही थी सच्ची ताकत। ✊🕊�

नेताजी का सपना था, वन्दे मातरम् गूंजे,
हर इन्कलाबी ने चिंगारी लगाई, और फिर यह आग में बदल गई।
सभी के दिल में यही एक संदेश था,
'आज़ादी चाहिए, हम सबका यही विश्वास था।' 🇮🇳🔥

संघर्ष था लंबा, लेकिन कभी न रुका,
हमें बस चाहिए थी स्वतंत्रता का मौका।
शहीदों की यादें, हमें करती हैं प्रेरित,
उनके संघर्ष की वजह से, भारत हुआ स्वतंत्र। 🌍💪

कविता का अर्थ:

पहला चरण:
यह चरण भारत के स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत का चित्रण करता है। इसमें यह बताया गया है कि भारतीय जनता के दिलों में आज़ादी की कितनी तीव्र इच्छा थी और कैसे शहीदों के बलिदान से स्वतंत्रता की राह खोली गई। 🇮🇳💔

दूसरा चरण:
यह चरण महात्मा गांधी के सत्याग्रह और अहिंसा के बल को दर्शाता है। गांधीजी के नेतृत्व में अहिंसा का रास्ता अपनाकर भारत ने अंगरेज़ों के खिलाफ संघर्ष किया। ✊🕊�

तीसरा चरण:
नेताजी सुभाष चंद्र बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को चित्रित करता है। इन नेताओं का सपना था कि भारत को पूरी तरह से स्वतंत्र किया जाए और इसके लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया। 🇮🇳🔥

चौथा चरण:
यह चरण स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष को बयां करता है, जो कभी थमा नहीं। शहीदों की यादें आज भी हमारे दिलों में जीवित हैं और उनका बलिदान हमें प्रेरणा देता है। 🌍💪

इमोजी और चित्रों के साथ कविता का आनंद

🇮🇳 = भारत
💔 = शहीदों का बलिदान
✊ = संघर्ष और एकता
🕊� = अहिंसा
🔥 = क्रांति की आग
💪 = ताकत और दृढ़ता
🌍 = स्वतंत्रता और शांति

निष्कर्ष:
भारत का स्वतंत्रता संग्राम एक लंबी और कठिन यात्रा थी, जिसमें हर भारतीय ने अपने संघर्ष और बलिदान से स्वतंत्रता प्राप्त करने की ओर कदम बढ़ाया। गांधीजी, नेताजी, और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान ने भारत को आज़ादी दिलाई। इस कविता के माध्यम से हम उन महान लोगों को याद करते हैं जिन्होंने भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए अपनी जान की आहुति दी। आज़ादी का दिन हमारे लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है। 🇮🇳💪

--अतुल परब
--दिनांक-06.03.2025-गुरुवार.
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