होली-हुताशनी पौर्णिमा - होलिका प्रदीपन-

Started by Atul Kaviraje, March 14, 2025, 04:23:30 PM

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Atul Kaviraje

होली-हुताशनी पौर्णिमा - होलिका प्रदीपन-

कविता:-

होली आई रंगों से रंगी, हर दिशा में उमंग छाई,
हुताशनी की रात भी है, हर दिल में दिवाली समाई। 🌸🎉
होलिका दहन से जलता है पाप, अग्नि में हर बुराई,
आत्मा को मिलता है विश्राम, और नूतन आशा बलाई। 🔥🌿

अर्थ:
पहले चरण में, होली का पर्व आया है और रंगों की तरह खुशी का संदेश ले कर आया है। हुताशनी का पर्व भी, जो हर किसी के जीवन में नई उम्मीद और आस्था लाता है, वह आज के दिन विशेष रूप से मनाया जाता है।

प्रकृति ने रंगों से सजाया, हर खेत, हर बगिया,
होलिका दहन के संग जलते, जीवन की कंटीली कुमिया। 🌻🔥
मानवता की शांति का प्रतीक है ये पर्व, दिलों में अपार प्रेम लाए,
अज्ञान और अंधकार को जलाकर, ज्ञान की ज्योति फिर से चमकाए। 🕯�❤️

अर्थ:
इस चरण में, यह दिखाया गया है कि होली एक सकारात्मक बदलाव और अज्ञान को दूर करने का प्रतीक है। होलिका दहन से हम जीवन के तमाम नकरात्मकता और बुराइयों को समाप्त करने का संकल्प लेते हैं।

रंग बिखरे चारों ओर, सुख-शांति का संदेश आए,
हर घर में हो उल्लास, हर मुस्कान में छाई। 😊🌈
प्रेम और भाईचारे का यह पर्व, दिलों को जोड़ने का काम करे,
हमें सिखाए जीवन में प्रेम, और बुराई से दूर रहने का सबक दे। 🤝❤️

अर्थ:
यह चरण हमसे प्रेम और भाईचारे का पाठ पढ़ाता है। होली का त्योहार न केवल रंगों से, बल्कि प्यार और एकता से भी दिलों को जोड़ता है।

होली और हुताशनी की पर्व में छिपा संदेश:

रंगों से भरी होली, दिलों में प्रेम और शांति का प्रतीक बनकर आती है। हुताशनी और होलिका दहन हमें यह सिखाता है कि बुराई हमेशा खत्म होती है और अच्छाई की हमेशा जीत होती है। इस दिन हम अपनी गलतियों को जलाकर, एक नई शुरुआत करते हैं।

🔴🟢🟡🟣🟠

कविता का सार:

पहला चरण - होली का त्योहार खुशी और उमंग का प्रतीक है।
दूसरा चरण - होलिका दहन का अर्थ है जीवन से बुराईयों का नाश करना।
तीसरा चरण - रंगों और प्रेम से जीवन में शांति, भाईचारे और खुशी फैलाना।

सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं! 🎉💖

--अतुल परब
--दिनांक-13.03.2025-गुरुवार.
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