भागवत एकादशी – 26 मार्च 2025-

Started by Atul Kaviraje, March 27, 2025, 07:38:59 PM

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Atul Kaviraje

भागवत एकादशी-

भागवत एकादशी – 26 मार्च 2025-

भागवत एकादशी एक अत्यंत पवित्र और विशेष दिन है जो हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु के उपासकों के लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना, उपवासी रहकर भक्ति भाव से प्रार्थना करना, और उनके प्रति प्रेम व्यक्त करना, मोक्ष की प्राप्ति के रास्ते को सरल बनाता है। भागवत एकादशी का सम्बन्ध श्रीमद्भागवद गीता और भगवान श्री कृष्ण के जीवन के महत्व से भी है।

भागवत एकादशी का महत्त्व:
भागवत एकादशी का पवित्रता और पुण्य का दिन होने के कारण यह भक्तों के लिए एक उपवास और साधना का अवसर प्रदान करता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनके अवतार श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन उपवास करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं, और उसकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है। साथ ही, भागवत एकादशी का उद्देश्य भक्ति और आत्म-निर्भरता की ओर प्रेरित करना है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में शुद्धता और पुण्य के मार्ग पर चल सके।

भागवत एकादशी का महत्व – धार्मिक दृष्टिकोण:
भागवत एकादशी का धार्मिक महत्व श्रीमद्भागवद गीता से जुड़ा हुआ है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने बताया है कि "जो व्यक्ति एकादशी के दिन उपवास करता है और भगवान विष्णु की उपासना करता है, वह न केवल पापों से मुक्त हो जाता है, बल्कि उसे मुक्ति की प्राप्ति भी होती है।"

उपवास का महत्व:
भागवत एकादशी के दिन उपवास का महत्व केवल शारीरिक आराम या भूख से बचने का नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक शुद्धता का भी मार्ग है। उपवास करने से मनुष्य का ध्यान केवल भगवान पर केंद्रित रहता है, और वह संसार की भौतिक इच्छाओं से दूर रहता है। इस दिन, भक्त भगवान के नाम का जाप करते हैं, श्रीमद्भागवत कथा सुनते हैं और उनके चरणों में श्रद्धा से समर्पित होते हैं।

भागवत एकादशी के दिन विशेष पूजा विधि:
प्रात:काल उठकर स्नान करें।

भगवान विष्णु या श्री कृष्ण की पूजा करें।

भगवान के मंत्रों का जाप करें, जैसे "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।"

पूजा के दौरान श्रीमद्भागवद गीता का पाठ करें।

रात को जागरण करें, और भक्ति गीत गाएं।

भागवत कथा सुनें।

भागवत एकादशी के साथ जुड़ी कथाएँ और उदाहरण:
एक प्रसिद्ध कथा है पुंडलीक की, जो श्री कृष्ण के परम भक्त थे। एक बार, पुंडलीक ने भागवत एकादशी का व्रत किया और पूरे दिन भगवान विष्णु की पूजा की। रात को भगवान विष्णु उनके दर्शन के लिए आए और उन्होंने पुंडलीक को आशीर्वाद दिया। इस कथा से यह सिखने को मिलता है कि भगवान के भक्तों के लिए यह एकादशी असीमित आशीर्वाद और पुण्य का दिन है।

लघु कविता:-

भागवत एकादशी, प्रेम का संदेश,
भगवान की आराधना से बढ़े श्रध्दा का रेश।
उपवास का महत्व, शांति का संकल्प,
भक्ति में समर्पण, जीवन हो हलचल। 🌸🙏

अर्थ:
भागवत एकादशी एक ऐसा दिन है, जो भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन उपवास और पूजा के माध्यम से हम शांति और संतुलन की प्राप्ति करते हैं। यह दिन हमें अपने जीवन में भगवान की कृपा और आशीर्वाद का अनुभव कराता है।

भागवत एकादशी और भक्ति का संदेश:
भागवत एकादशी न केवल आत्म-निर्भरता और शुद्धता का दिन है, बल्कि यह हमें भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति को बढ़ाने की प्रेरणा भी देती है। इस दिन उपवास करने से मनुष्य की आत्मा को शांति और मुक्ति मिलती है। हमारे पूर्वजों ने इस दिन की पूजा विधि को हमारे लिए एक मार्गदर्शन के रूप में प्रस्तुत किया है ताकि हम जीवन के उद्देश्य को समझ सकें और परमात्मा की उपासना से परम शांति और सुख की प्राप्ति कर सकें।

निष्कर्ष:
भागवत एकादशी का दिन भगवान विष्णु के प्रति समर्पण और भक्ति का दिवस है। इस दिन उपवास, पूजा और भक्ति भाव से भगवान का ध्यान करना जीवन में पुण्य और शांति का मार्ग खोलता है। यह दिवस हमे यह संदेश देता है कि भक्ति और आत्मसमर्पण से जीवन की कठिनाइयों को पार किया जा सकता है और भगवान की कृपा से जीवन में सुख और शांति का वास होता है।

🙏🌸 जय श्री कृष्ण 🌸🙏

चित्र और प्रतीक:

🌸🙏 - भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक

🕉� - भगवान के नाम का जाप

🌿✨ - शुद्धता और शांति

🕯� - प्रकाश और दिव्यता

👑💫 - भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा

यह लेख भागवत एकादशी के महत्व को दर्शाते हुए भक्ति और पुण्य की एक झलक प्रस्तुत करता है। 😊

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-26.03.2025-बुधवार.
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