संस्कृति संरक्षण: हमारी अमूल्य धरोहर का रक्षण-2

Started by Atul Kaviraje, April 08, 2025, 09:04:55 PM

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Atul Kaviraje

संस्कृति संरक्षण-

संस्कृति संरक्षण: हमारी अमूल्य धरोहर का रक्षण-

लघु कविता:-

१.
संस्कृति का यह रक्षक कार्य,
हमारी पहचान बने सहारा।
आओ संजोएं हर कृति,
संगठन का हो दीप हमारा। 🌏🕯�

अर्थ: यह कविता संस्कृति के संरक्षण के महत्व को दर्शाती है, जो हमारी पहचान को सुरक्षित करता है और हमें एकजुट करता है।

२.
पारंपरिक नृत्य, रंगीन चित्र,
संस्कृति से बसी हर बात।
हमारे दिलों में बसी है वह शक्ति,
जो सहेजने का है कर्तव्य, रचनात्मकता की बात। 🎭🎨

अर्थ: इस कविता में पारंपरिक नृत्य और कला के माध्यम से संस्कृति के संरक्षण की शक्ति को दर्शाया गया है, जो हमें कर्तव्य की ओर प्रेरित करती है।

संस्कृति संरक्षण के महत्व पर विचार:

हमारी जड़ों से जुड़ना: संस्कृति के संरक्षण से हम अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। यह हमें हमारे इतिहास, कृतियों और परंपराओं के बारे में याद दिलाता है और हम उन पर गर्व महसूस करते हैं।

समाज में साक्षात्कार: संस्कृति संरक्षण के माध्यम से हम एक दूसरे के बीच साक्षात्कार और संवाद को बढ़ावा देते हैं। विभिन्न संस्कृतियाँ और परंपराएँ आपस में एक दूसरे को समझने और सम्मान करने का अवसर प्रदान करती हैं।

भावनात्मक जुड़ाव: जब हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण करते हैं, तो हमारे मन में एक भावनात्मक जुड़ाव उत्पन्न होता है। यह हमारे परिवारों, समुदायों और राष्ट्र के प्रति प्यार और समर्पण को प्रगाढ़ करता है।

आधुनिकता और परंपरा का समन्वय: संस्कृति संरक्षण यह सुनिश्चित करता है कि हम आधुनिकता के साथ-साथ अपनी परंपराओं और धरोहरों का भी संरक्षण करें। यह हमें समय की कसौटी पर खरा उतरने का अवसर देता है।

निष्कर्ष:

संस्कृति का संरक्षण केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि यह हमारे समाज और राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि के लिए आवश्यक है। यह हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है, हमारी पहचान को मजबूत करता है और हमारी भावनाओं और परंपराओं को सहेजता है। समाज, सरकार, और प्रत्येक व्यक्ति को मिलकर संस्कृति संरक्षण में अपना योगदान देना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इसे समझ सकें और इसका आनंद उठा सकें।

संस्कृति की महत्ता को समझना और उसे संरक्षित करना ही हमारी जिम्मेदारी है। 🌱🌍💫

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-07.04.2025-सोमवार.
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