"दुख के ये दिन बीत जाएँगे"

Started by Atul Kaviraje, April 09, 2025, 05:00:55 PM

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Atul Kaviraje

"दुख के ये दिन बीत जाएँगे"

छंद 1
दुख के ये दिन बीत जाएँगे,
समय घावों को भर देता है, हालाँकि यह काँच की तरह लगता है।
रातें लंबी और ठंडी लग सकती हैं,
लेकिन उजले दिन अभी आने बाकी हैं।

अर्थ:
हालाँकि दुख अब भारी लग सकता है, लेकिन समय के पास ठीक होने का एक तरीका है। यहाँ तक कि सबसे अंधेरी रातें भी अंततः उजली ��सुबहों का रास्ता देती हैं।

छंद 2
अपने मन को समझाते रहो, उसे बहकने मत दो,
आशा फुसफुसाती है कि प्रकाश अपने रास्ते पर है।
हर आँसू के माध्यम से, हर आह के माध्यम से,
बादलों से परे, साफ़ आसमान को देखो।

अर्थ:
अपने मन को स्थिर और आशावान रखना महत्वपूर्ण है। दुख में भी, भरोसा रखें कि एक नई रोशनी दिखाई देगी, और उजले दिन आगे हैं।

छंद 3
गुलाब खिलेगा, एक नई शुरुआत नज़दीक है,
जब तूफ़ान थम जाएँगे, तो डरने की कोई बात नहीं होगी।
हर काँटा जो कभी तीखा था, अब अनुग्रह का प्रतीक है,
गुलाब के खिलने के लिए, धैर्य को गले लगाना चाहिए।

अर्थ:
जैसे गुलाब कठोर परिस्थितियों को सहने के बाद खिलता है, वैसे ही जीवन भी नई शुरुआत लेकर आएगा। सामना की गई चुनौतियाँ अंततः विकास और सुंदरता की ओर ले जाएँगी।

पंक्तियाँ 4
तब तक, कलियों को सावधानी से सहलाएँ,
अपनी आत्मा का पोषण करें, उसे तैयार होने दें।
कोमलता सबसे अंधेरे दिनों में बढ़ती है,
और इसकी गर्मी में, आपका दिल अपने रास्ते खोज लेगा।

अर्थ:
जब भी चीजें मुश्किल लगती हैं, तो अपने दिल की देखभाल करने के लिए समय निकालें। खुद का पोषण करके, आप आने वाली खुशी के लिए तैयार होते हैं।

पंक्तियाँ 5
धैर्य में सुंदरता है, प्रतीक्षा में शक्ति है,
हर तूफान के माध्यम से, जीवन फिर से बन रहा है।
सूर्य उदय होगा, अंधेरा छँट जाएगा,
और आप अपने दिल में शांति महसूस करेंगे।

अर्थ:
धैर्य और सहनशीलता शक्तिशाली हैं। अंधेरा अंततः छँट जाएगा, और एक बार जब आप तूफान का सामना कर लेंगे तो शांति आपके दिल में भर जाएगी।

छंद 6
दुख के हर पल को एक सबक बनने दें,
हर आंसू से एक गहरी ताकत अर्जित करें।
समय के साथ, घाव मिट जाएंगे,
और खुशी लौट आएगी, आज से भी ज्यादा उज्ज्वल।

अर्थ:
दुख और आंसू व्यर्थ नहीं हैं; वे हमें मूल्यवान सबक सिखाते हैं। आखिरकार, दर्द कम हो जाएगा, और खुशी चमक उठेगी।

अर्थ 7
इसलिए भरोसा रखो, प्रिय आत्मा, कि तूफान थम जाएगा,
और इसके बाद, तुम्हें अपनी शांति मिलेगी।
गुलाब खिलेगा, सूरज चमकेगा,
उस पल तक, ईश्वरीय विश्वास रखो।

अर्थ:
भरोसा रखो कि तुम्हारे संघर्ष अस्थायी हैं। जल्द ही, शांति तुम्हें मिल जाएगी, और जीवन एक बार फिर प्रकाश और सुंदरता से भर जाएगा।

यह कविता आशा और लचीलेपन की बात करती है, हमें याद दिलाती है कि दुख में भी, आगे उज्जवल दिनों का वादा है। 🌹🌦�🌞💫

--अतुल परब
--दिनांक-09.04.2025-बुधवार.
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