श्री ब्राह्मणनाथ यात्रा-वडगIव, तालुक-तासगाव-

Started by Atul Kaviraje, April 14, 2025, 08:33:27 PM

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Atul Kaviraje

श्री ब्राह्मणनाथ यात्रा-वडगIव, तालुक-तासगाव-

श्री ब्रह्मनाथ यात्रा-वडागिव, तालुक-तासगांव-

आप रविवार, 13 अप्रैल, 2025 को वडगांव, तासगांव में होने वाली श्री ब्रह्मनाथ यात्रा के बारे में जानकारी खोज रहे हैं। इस तीर्थयात्रा का महत्व, उदाहरण, भक्ति मराठी कविताएँ, तथा इमोजी और प्रतीकों सहित पूरी जानकारी नीचे प्रस्तुत है:

श्री ब्रह्मनाथ यात्रा - वडगांव, तासगांव
श्री ब्रह्मनाथ यात्रा वडगांव, तासगांव में एक महत्वपूर्ण वार्षिक तीर्थयात्रा है। यह तीर्थयात्रा हर साल 13 अप्रैल को आयोजित की जाती है, जिस दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार 'राम नवमी' का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन वडगांव स्थित श्री ब्रह्मनाथ मंदिर में विशेष पूजा, आरती और भक्ति सेवाओं का आयोजन किया जाता है।

यात्रा का महत्व:
धार्मिक महत्व: श्री ब्रह्मनाथ को वडगांव का ग्राम देवता माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से गांव के सभी लोगों के जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य आता है।

सामाजिक एकता: इस यात्रा के अवसर पर गांव के सभी वर्ग और आयु के लोग एक साथ आते हैं, जिससे सामाजिक सद्भाव और एकता बढ़ती है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम: यात्रा के दौरान भजन, कीर्तन, नृत्य और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे स्थानीय कला और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।

भक्ति मराठी कविता-

"श्री ब्रह्मनाथ की महिमा"

चरण 1: देवता की स्तुति करें

श्री ब्रह्मनाथ, आपको नमस्कार,
तेरे चरणों में बैठो, हमारा संसार।
वडगांव के हृदय में, तुजावी की सुगंध,
आपकी कृपा से जीवन धन्य हो जायेगा।

चरण 2: भक्तों की प्रार्थना

दीनानाथ, तुजवी आधार,
आपके दर्शन से मेरा जीवन प्रकाशित हो जायेगा।
आरती की ध्वनि में, मैं तुम्हें याद करता हूँ,
आपके आशीर्वाद से जीवन समृद्ध होगा।

चरण 3: यात्रा उत्सव

तीर्थयात्रा के दिन एक जुलूस निकाला जाएगा।
भक्तों के जयकारों की ध्वनि आकाश में गूंजेगी।
मैं आपके चरणों में नमन करता हूँ, मैं आपके चरणों में नमन करता हूँ,
श्री ब्रह्मनाथ, आपको हमारा प्रणाम।

प्रतीक और इमोजी

श्री ब्रह्मनाथ मंदिर: 🛕

आरती दीप: 🕯�

भक्त समूह: 🙏👫👬👭

सांस्कृतिक कार्यक्रम: 🎶💃🕺

जुलूस: 🚶�♂️🚶�♀️🎉

आशीर्वाद: 🙌✨

चित्र के बारे में सोचो

श्री ब्रह्मनाथ मंदिर: मंदिर के बाहरी और आंतरिक दृश्य, मुख्यतः गर्भगृह, हॉल और गोपुरम।

आरती और पूजा: भक्तगण दीप जलाते हैं, पूजा करते हैं और आरती करते हैं।

जुलूस: रथों, पालकियों और भक्तों का जीवंत जुलूस गांव की मुख्य सड़कों से गुजरता है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम: भजन, कीर्तन और पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-13.04.2025-रविवार.
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