संकष्ट चतुर्थी- 16 अप्रैल, 2025 - बुधवार -1

Started by Atul Kaviraje, April 17, 2025, 09:34:23 PM

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Atul Kaviraje

संकष्ट चतुर्थी-

16 अप्रैल, 2025 - बुधवार - संकष्ट चतुर्थी के महत्व पर आधारित हिंदी लेख-

🙏 संकष्ट चतुर्थी – एक भक्ति भावपूर्ण लेख 🙏

संकष्ट चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जिसे विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के रूप में मनाया जाता है। यह हर महीने की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन यह विशेष रूप से उस दिन मनाया जाता है, जो पूर्णिमा और अमावस्या के बीच आता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन से सभी संकटों का निवारण होता है और उनके मार्ग में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया जाता है।

संकष्ट चतुर्थी का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि यह एक व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति का भी एक माध्यम है। भक्तगण इस दिन उपवासी रहते हैं, और दिनभर भगवान गणेश की पूजा करते हैं, जिससे वे भगवान से आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

इस दिन विशेष रूप से गणेश जी का पूजन बड़े श्रद्धा और भक्ति भाव से किया जाता है। संकष्ट चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश के कृपा की प्राप्ति के लिए किया जाता है, जिससे समस्त संकट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

संकष्ट चतुर्थी का महत्व:

1. भगवान गणेश की पूजा:
संकष्ट चतुर्थी का व्रत विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा के लिए किया जाता है। इसे गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश का पूजन करने से सभी प्रकार के विघ्न और संकट दूर होते हैं।

2. पूजा का समय:
संकष्ट चतुर्थी का व्रत संकष्ट के समय किया जाता है। यह समय पूर्णिमा और अमावस्या के बीच में होता है। इस समय भगवान गणेश की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन से सभी संकट समाप्त हो जाते हैं।

3. व्रत और उपवास:
इस दिन व्रति संपूर्ण दिन उपवासी रहते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। उपवासी रहने से मानसिक शांति मिलती है और मन की शुद्धता बढ़ती है। इस दिन विशेष रूप से गणेश मंत्र "ॐ गण गणपतये नमः" का जाप किया जाता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली हर परेशानी दूर होती है।

4. पारिवारिक सुख:
संकष्ट चतुर्थी का व्रत करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। परिवार के सभी सदस्य एकजुट होकर इस दिन भगवान गणेश की पूजा करते हैं, जिससे परिवार में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है।

संकष्ट चतुर्थी के दिन क्या करें:
इस दिन सूर्योदय से पूर्व उबटन कर स्नान करें।

घर में भगवान गणेश का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें दूर्वा, लड्डू, और फल अर्पित करें।

विशेष रूप से गणेश मंत्र "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप करें।

संकष्ट चतुर्थी के दिन व्रति रहते हुए उपवासी रहें और भगवान गणेश से अपने सभी संकटों का समाधान प्राप्त करने की प्रार्थना करें।

संकष्ट चतुर्थी के दिन गणेश जी को नैवेद्य अर्पित करें और परिवार के सदस्यों के साथ पूजा-अर्चना करें।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-16.04.2025-बुधवार.
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