कमलवती मेला - गोवा पर भक्ति भावपूर्ण हिंदी कविता-

Started by Atul Kaviraje, April 18, 2025, 09:50:56 PM

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Atul Kaviraje

कमलवती मेला - गोवा पर भक्ति भावपूर्ण हिंदी कविता-

चरण 1:
कमलवती मेला, गोवा में बसा,
जहां हर दिल का प्रभु से रिश्ता है सजा।
भक्ति का रंग छाया, मन में उल्लास,
प्रभु के दर्शन से होता हर दिन खास।

अर्थ:
कमलवती मेला गोवा में स्थित एक महत्वपूर्ण स्थल है जहां पर हर भक्त का प्रभु से गहरा संबंध होता है। यहाँ प्रभु के दर्शन से भक्तों के दिल में खुशी और शांति का अनुभव होता है।

चरण 2:
भक्तों की टोली, बिखरी भक्ति से रंगी,
प्रभु की भक्ति से मन हर दिन सजीव।
गहरी आस्था के साथ मन को शांति मिलती,
प्रभु के चरणों में हर चिंता उड़ जाती।

अर्थ:
यह मेला भक्तों की एकता का प्रतीक है। यहाँ भक्ति के रंग हर व्यक्ति में बसी होती है, और प्रभु के प्रति गहरी आस्था के कारण जीवन में शांति और सुख की प्राप्ति होती है।

चरण 3:
कर्मों की सफाई और भक्ति की रीत,
प्रभु के दर्शन से होते हैं पवित्र गीत।
कमलवती मेला में हर दिल है समर्पित,
प्रभु की महिमा में सजीव हर कोई यथार्थ।

अर्थ:
इस मेले में, हर व्यक्ति अपनी भक्ति से अपने कर्मों की सफाई करता है। प्रभु की महिमा के गायन से यह स्थल और भी पवित्र हो जाता है, और हर भक्त सच्चे मन से समर्पित होता है।

चरण 4:
मेला है अद्भुत, प्रभु का आशीर्वाद,
प्रेम, शांति और सुख से हर दिल हो प्रदीप्त।
समर्पण से हर आत्मा भरी हुई है,
कमलवती मेला में बसी है दिव्य सजीवता।

अर्थ:
कमलवती मेला एक दिव्य स्थल है जहां पर प्रभु का आशीर्वाद हर दिल में प्रेम और शांति का संचार करता है। यह मेला दिव्य ऊर्जा से भरपूर होता है और हर व्यक्ति का मन शांत और प्रसन्न रहता है।

चित्र और इमोजी:

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--अतुल परब
--दिनांक-17.04.2025-गुरुवार.
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