🕉️ श्री सिद्धेश्वर यात्रा - संगवाड, तालुका पाटन - 22 अप्रैल 2025 (मंगलवार)-

Started by Atul Kaviraje, April 24, 2025, 07:18:55 PM

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Atul Kaviraje

श्री सिद्धेश्वर यात्रा-संगवाड, तालुक I-पाटन-

🕉� श्री सिद्धेश्वर यात्रा - संगवाड, तालुका पाटन - 22 अप्रैल 2025 (मंगलवार)-

📜 लेख: "श्री सिद्धेश्वर यात्रा - भक्ति से सराबोर एक ऐतिहासिक महोत्सव"
श्री सिद्धेश्वर यात्रा महाराष्ट्र की एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक परम्परा है, जो मंगलवार, 22 अप्रैल 2025 को सांगवाड़ (तालुका पाटण) में सम्पन्न हुई। यह यात्रा न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र के लाखों श्रद्धालुओं के लिए भक्ति से सराबोर आस्था का उत्सव है।

सिद्धेश्वर मंदिर संगवाड़ का ग्राम देवता है। इस मंदिर का महत्व केवल स्थानीय लोगों तक ही सीमित नहीं है; यह पूरे महाराष्ट्र में फैला हुआ है। तीर्थयात्रा के अवसर पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। इनमें तेलाभिषेक, कीर्तन, भजन, महाप्रसाद और पालकी समारोह प्रमुख हैं।

तीर्थयात्रा के दिन सुबह तेल अभिषेक समारोह आयोजित किया गया। इसके बाद पालकी यात्रा शुरू हुई, जिसमें भक्तों ने 'हर-हर महादेव' के जयकारों के बीच श्री सिद्धेश्वर के दर्शन किए। इस समारोह के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किये गये।

स्थानीय प्रशासन ने तीर्थयात्रा के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की थी। यातायात प्रबंधन, पार्किंग और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष उपाय किए गए। यात्रा के सफल आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन, मंदिर समिति और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों ने सहयोग किया।

🎶 कविता:

"श्री सिद्धेश्वर की महिमा"-

स्थिति 1:

सिद्धेश्वर की महिमा अपार है,
भक्तों के हृदय में सुगंध,
सांगवाडे मंदिर,
धर्म का गढ़, भक्ति।

अर्थ: श्री सिद्धेश्वर की महिमा अनंत है, जो भक्तों के हृदय में निवास करती है। सांगवाडे स्थित यह मंदिर धर्म का गढ़ है, जहां भक्ति का सार अनुभव होता है।

स्थिति 2:

अभिषेक समारोह,
भक्तों का उत्साह अनंत है,
कीर्तन और भजनों की ध्वनि,
धर्म का प्रकाश प्रकट होता है।

अर्थ: तेल अभिषेक समारोह भक्तों के उत्साह से भरा हुआ था। कीर्तन और भजन के शोर में धर्म का प्रकाश प्रकट हुआ।

स्थिति 3:

पालकी समारोह की भव्यता,
भक्तों ने लगाए 'हर-हर महादेव' के जयकारे
सांगवाडे में सड़क पर,
धर्म का गणवेश, भक्तिरस

अर्थ: पालकी समारोह की भव्यता अद्भुत थी। भक्तजन 'हर हर महादेव' का नारा लगाते हुए सांगवाडे की सड़कों पर धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे।

श्लोक 4:

सिद्धेश्वर की कृपा अपार है,
भक्तों के जीवन में प्रकाश हो,
सांगवाडे मंदिर,
धर्म का गढ़, भक्ति।

अर्थ: श्री सिद्धेश्वर की कृपा अनंत है, जो भक्तों के जीवन में चमकती है। सांगवाडे स्थित यह मंदिर धर्म का गढ़ है, जहां भक्ति का सार अनुभव होता है।

🖼� चित्र और प्रतीक:

श्री सिद्धेश्वर मंदिर, सांगवाड

📿🕯�🎶🙏🚩
प्रतीक: तुलसी पत्र माला, दीप माला, भजन घंटा, प्रार्थना मुद्रा, और भगवती ध्वज।

📌 निष्कर्ष:
श्री सिद्धेश्वर यात्रा संगवाड़ एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक परम्परा है, जो श्रद्धालुओं की आस्था एवं एकता को प्रोत्साहित करती है। इस तीर्थयात्रा में भाग लेकर भक्तगण अपनी आस्था व्यक्त करते हैं और एक साथ आकर धर्मपरायणता का अनुभव करते हैं।

शुभकामनाएँ: श्री सिद्धेश्वर यात्रा के अवसर पर सभी भक्तों को आशीर्वाद मिले और उनका जीवन सुख, समृद्धि और शांति से भर जाए।

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-22.04.2025-मंगळवार.
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