श्री वडसिद्धनाथ रथोत्सव-बगIड बनवाडी, तालुकI-कोरेगाव, जिल्हा-सIतारा-

Started by Atul Kaviraje, April 24, 2025, 07:26:09 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

श्री वडसिद्धनाथ रथोत्सव-बगIड बनवाडी, तालुकI-कोरेगाव, जिल्हा-सIतारा-

श्री वडसिद्धनाथ रथोत्सव - बगिड बनवाडी, तालुका-कोरेगाव, जिला-सातारा-

श्री वडसिद्धनाथ रथोत्सव की महिमा और भक्ति से ओत-प्रोत एक लंबी और सुंदर हिंदी कविता। यह कविता 07 चरणों में प्रस्तुत की गई है, जिसमें प्रत्येक चरण के साथ उसका हिंदी अर्थ भी दिया गया है। साथ ही, इस कविता में भक्ति भाव और श्रद्धा का चित्रण किया गया है।

कविता -

श्री वडसिद्धनाथ रथोत्सव-

चरण 1
वडसिद्धनाथ का रथ हर दिल में है बसा,
भक्तों के मन में उनका आशीर्वाद रचा।
बगिड़ बनवाडी की धरती में शुभ है हलचल,
शिव के रथ का आगमन है, अपार है आनंद।

📝 अर्थ: इस चरण में वडसिद्धनाथ का रथ जो भक्तों के दिलों में बसा है, उसकी महिमा का वर्णन किया गया है। रथोत्सव का आयोजन बगिड़ बनवाडी में हो रहा है और इस अवसर पर पूरे गांव में खुशी और उत्साह है।

चरण 2
आरती की गूंज है हर एक घर में,
भक्तों की भक्ति से सजी है यह धरती।
वडसिद्धनाथ के दर्शन से आत्मा पवित्र हो,
सच्चे प्रेम में बसी है उसकी महिमा।

📝 अर्थ: इस चरण में आरती की गूंज और भक्तों की भक्ति का वर्णन किया गया है, जो वडसिद्धनाथ के दर्शन से जीवन में पवित्रता लाती है। यह चरण भक्तों के दिलों में उनके प्रति श्रद्धा और प्रेम का आभास कराता है।

चरण 3
शिव के रथ में बसी है एक अद्भुत शक्ति,
रथ का पहिया घूमे, जैसे बहे शांति की धारा।
वडसिद्धनाथ के चरणों में भक्ति का रूप,
हर दिल में बजने लगी प्रेम की तारा।

📝 अर्थ: इस चरण में रथ के पहिये की महिमा का वर्णन किया गया है, जो जैसे शांति और प्रेम की धारा को बिखेरते हैं। वडसिद्धनाथ के चरणों में भक्ति का रूप भक्तों के दिलों में प्रेम का संचार करता है।

चरण 4
रथ की यात्रा में हर कदम में बसी है शक्ति,
वडसिद्धनाथ की कृपा से सबका जीवन रौशन हो।
भक्तों के रथ की सवारी में बढ़े हर कदम,
वह रथ ले जाएगा हमें परम शांति की राह।

📝 अर्थ: इस चरण में रथ यात्रा के माध्यम से भक्तों के जीवन में शक्ति का संचार होता है। वडसिद्धनाथ की कृपा से यह यात्रा उन्हें शांति और सुख की दिशा में मार्गदर्शन करती है।

चरण 5
वडसिद्धनाथ का रथ हमें जीवन की राह दिखाए,
हर कष्ट से मुक्ति का मार्ग बताए।
शिव के आशीर्वाद से जीवन में सुख पाए,
भक्ति का रास्ता ही सर्वोत्तम है, यही हम सब जान पाए।

📝 अर्थ: इस चरण में वडसिद्धनाथ के रथ की यात्रा हमें जीवन की सही दिशा दिखाती है और उनके आशीर्वाद से कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। भक्ति ही जीवन का सर्वोत्तम मार्ग है, यह संदेश इस चरण में दिया गया है।

चरण 6
पुजारियों का मंत्रोच्चारण है अद्भुत,
हर भक्त के दिल में गूंजे शिव की वाणी।
रथ के साथ संग चली है भक्ति की रचना,
सिद्धनाथ की कृपा से हो सभी का उद्धार।

📝 अर्थ: इस चरण में पुजारियों के मंत्रोच्चारण का जिक्र है, जो हर भक्त के दिल में शिव की वाणी को गूंजते हैं। रथ यात्रा में भक्ति और आस्था का संगम है, और वडसिद्धनाथ की कृपा से हर भक्त का उद्धार होता है।

चरण 7
शिव के रथ की सवारी से जीवन संपूर्ण हो,
वडसिद्धनाथ के दर्शन से हर दुःख दूर हो।
भक्ति का रथ हम सभी के साथ चलता जाए,
सिद्धनाथ के आशीर्वाद से जीवन में हर खुशी समाई जाए।

📝 अर्थ: इस अंतिम चरण में शिव के रथ की यात्रा को जीवन की पूर्णता से जोड़ा गया है। वडसिद्धनाथ के दर्शन से भक्तों के सभी दुःख समाप्त होते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशी और शांति का वास होता है।

चित्र, प्रतीक और इमोजी:

🌟🙏
🖼�

वडसिद्धनाथ मंदिर - जहाँ से भक्ति और शांति का मार्ग प्रशस्त होता है।

🖼�

रथ यात्रा - रथ के साथ भक्ति का संगम और शिव के आशीर्वाद की प्रतीक।

निष्कर्ष:
यह कविता श्री वडसिद्धनाथ रथोत्सव की महिमा और उसकी भक्ति भावनाओं को उजागर करती है। बगिड़ बनवाडी में आयोजित रथ यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि यह जीवन में शांति, प्रेम और आस्था का संचार भी करती है। वडसिद्धनाथ के रथ की यात्रा हमें भक्ति के मार्ग पर चलने का प्रोत्साहन देती है, जिससे जीवन में सफलता और सुख मिलता है।

"शिव की भक्ति से जीवन में हर खुशी और शांति आती है, रथ यात्रा से एक नया उत्साह मिलता है!" 🌸🙏

--अतुल परब
--दिनांक-22.04.2025-मंगळवार.
===========================================