🙏 श्री स्वामी समर्थ एवं उनके भक्तों का आध्यात्मिक मार्गदर्शन-

Started by Atul Kaviraje, April 24, 2025, 07:42:18 PM

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Atul Kaviraje

🙏 श्री स्वामी समर्थ एवं उनके भक्तों का आध्यात्मिक मार्गदर्शन-
(Spiritual Guidance of Shri Swami Samarth for His Devotees)

📿✨ भक्तिभावपूर्ण, सरल भाषा में दीर्घ हिंदी कविता – अर्थ व प्रतीकों सहित-

🌸 परिचय (Introduction):
श्री स्वामी समर्थ, अक्कलकोट निवासीन, एक दिव्य योगी और परमहंस संत माने जाते हैं। उनका जीवन चमत्कारों, उपदेशों और भक्तों को अध्यात्म की ओर प्रेरित करने वाले कार्यों से भरा था। उन्होंने "भय काहे का?" और "मैं तुझसे दूर नहीं हूँ" जैसे वाक्य कहकर भक्तों को हिम्मत दी।

🛕 भक्ति-कविता – ७ कड़ियाँ (प्रत्येक चरण का अर्थ सहित)-

✨ चरण 1
अक्कलकोट के महाराज महान,
सिद्ध योगी, प्रभु का वरदान।
भक्तों के संकट दूर करें,
सत्य के पथ पर सदा धरे।

🔹 अर्थ:
श्री स्वामी समर्थ अक्कलकोट में स्थित एक सिद्ध संत हैं, जो अपने भक्तों के दुःख हरते हैं और उन्हें सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

✨ चरण 2
"भय काहे का?" उन्होंने कहा,
भक्ति में ही जीवन की राह।
संशय को मन से दूर करो,
हर क्षण प्रभु में भरपूर भरो।

🔹 अर्थ:
स्वामीजी ने भय से मुक्त रहने और ईश्वर पर अडिग विश्वास रखने की शिक्षा दी। उनकी वाणी भक्तों के लिए सच्ची प्रेरणा है।

✨ चरण 3
भक्तों के मन को वो पढ़ते,
ना बोले कुछ, पर सब समझते।
वाणी से नहीं, नयनों से काम,
करते हैं कृपा बिना कोई नाम।

🔹 अर्थ:
स्वामी समर्थ बिना कुछ कहे भक्तों के मन की बात समझ लेते थे। वे मौन रहकर भी भक्तों का मार्गदर्शन करते थे।

✨ चरण 4
वैराग्य में लीन, योग में पूर्ण,
प्रकृति से थे वे सदैव जुड़।
कभी दिखे बालक, कभी योगी,
हर रूप में जग में संजीवनी।

🔹 अर्थ:
स्वामीजी अनेक रूपों में प्रकट होते थे – कभी बालक, कभी वृद्ध योगी – और अपने कर्मों से लोगों का कल्याण करते थे।

✨ चरण 5
शरण में जो आया सच्चे मन से,
उसका जीवन बदला क्षण में।
दुःख, रोग, मोह हो दूर,
स्मरण मात्र से होता भरपूर।

🔹 अर्थ:
जो भी सच्चे मन से स्वामी समर्थ की शरण में आया, उसका जीवन बदल गया। उनकी स्मृति मात्र से दुःख दूर हो जाते हैं।

✨ चरण 6
ध्यान लगाओ, नाम जपो,
आलस्य छोड़ सेवा करो।
स्वामी कहते "मैं हूँ पास",
भक्तों को देते निर्भय विश्वास।

🔹 अर्थ:
स्वामीजी ने अपने भक्तों को ध्यान, नामस्मरण और सेवा का महत्व बताया। वे हमेशा यह भरोसा दिलाते कि वे कभी दूर नहीं हैं।

✨ चरण 7
स्वामी समर्थ की कृपा अपार,
भक्ति से हो जीवन संवार।
जो चले उनके चरणों की राह,
पाए आनंद, शांति और प्रभु की चाह।

🔹 अर्थ:
स्वामी समर्थ की कृपा से जीवन सुंदर और शांतिपूर्ण बनता है। उनकी राह पर चलने वाला आत्मिक शांति और मोक्ष की ओर बढ़ता है।

🖼� प्रतीक और चित्र (Images & Symbols):

🛕 अक्कलकोट मंदिर

🧘�♂️ योग मुद्रा में स्वामीजी

🔥 धूनी व राख (भस्म)

🙌 चरण स्पर्श करते भक्त

🌞 "भय काहे का?" जैसे वाक्य

📿 जाप माला, त्रिशूल, गेरुआ वस्त्र

🕉� संक्षिप्त निष्कर्ष (Short Summary):
श्री स्वामी समर्थ अपने भक्तों के लिए मार्गदर्शक, सहारा और ईश्वर के साक्षात स्वरूप हैं। उन्होंने अध्यात्म, सेवा, नामस्मरण और आत्मविश्वास का पाठ पढ़ाकर लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया। उनकी कृपा और उपदेश आज भी उतने ही जीवंत हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-24.04.2025-गुरुवार.
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