शनिदेव और उनकी 'सख्ती' और 'सहिष्णुता'-कविता:-

Started by Atul Kaviraje, April 26, 2025, 09:30:10 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

शनिदेव और उनकी 'सख्ती' और 'सहिष्णुता'-कविता:-
(Shani Dev's Toughness and Patience)

शनिदेव का व्यक्तित्व कड़ा और न्यायप्रिय है,
सभी को कर्मों का फल मिलना है, यह सत्य है।
लेकिन उनकी सहिष्णुता भी अद्भुत है,
कभी न कभी हर व्यक्ति को मिलता है आत्मविश्वास का एक समय।

चरण 1:
शनि की दृष्टि सख्त, न्यायपूर्ण और सटीक,
कर्मों के अनुसार मिलती है सुख या दुःख की शिक।
जिसे कर्मों का फल तुरंत नहीं मिलता,
उसके लिए शनि का न्याय समझने की क्षमता आवश्यक है।

अर्थ:
यह चरण शनिदेव की कठोरता और न्यायप्रियता को दर्शाता है। शनिदेव किसी को भी उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं, और यह फल कभी तुरंत नहीं मिलता। हमें यह समझने की जरूरत है कि शनिदेव का न्याय समय के साथ होता है, और हमें उसकी सख्ती का सम्मान करना चाहिए।

चरण 2:
धैर्य का पाठ है शनि का हर क़दम,
कभी कठिनाई, कभी सुख – जीवन का यही पैटर्न।
लेकिन कर्मों का हर सुख-दुःख सिखाता है,
शनि का आशीर्वाद आत्मा को तप और सत्य का एहसास कराता है।

अर्थ:
यह चरण शनि के धैर्य और सख्ती को समझाता है। शनि हमें सिखाते हैं कि जीवन में हर सुख और दुःख का उद्देश्य होता है, और हमें इन अनुभवों से कुछ न कुछ सीखने की आवश्यकता होती है। शनि का आशीर्वाद हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

चरण 3:
कभी-कभी शनि का कड़ा न्याय दुखों में बदलता,
लेकिन यह भी समय देता है आत्मा के उन्नति के लिए।
समय के साथ वह बदलता है, सहिष्णुता और धैर्य में,
जो जीवन को संतुलित और सशक्त करता है।

अर्थ:
यह चरण बताता है कि शनि के कड़े निर्णय और न्याय से हमें कभी-कभी दुख भी होता है, लेकिन वही समय हमें हमारी आत्मा को सुधारने और आगे बढ़ने के लिए तैयार करता है। शनि हमें सिखाते हैं कि दुखों से भी हम मजबूत और संतुलित हो सकते हैं।

चरण 4:
शनि देव की सख्ती एक पाठ है जीवन का,
जो कठिनाइयों से गुजरने के बाद मिलती है समृद्धि का।
सहिष्णुता से उनकी परीक्षा में सफलता मिलती,
समय के साथ जीवन की राह को समझने की कला आती।

अर्थ:
यह चरण बताता है कि शनिदेव की सख्ती जीवन में एक पाठ है। जीवन की कठिनाइयाँ हमें सफलता की ओर ले जाती हैं, और शनि की सहिष्णुता से हम इन कठिनाइयों को सहन कर पाते हैं। समय के साथ हम जीवन की सच्चाई को समझने लगते हैं।

चरण 5:
शनि का न्याय है कठोर लेकिन उचित,
हर जीव को मिलता है उसके कर्मों का न्याय।
उनकी दृष्टि को समझना है आवश्यक,
क्योंकि वह देते हैं हमें एक स्थिर जीवन का आधार।

अर्थ:
यह चरण शनि के न्याय को समझाता है। शनिदेव का न्याय सख्त जरूर है, लेकिन वह हमेशा उचित होता है। हमें उनके न्याय को समझने की आवश्यकता है, क्योंकि यही हमें एक स्थिर और संतुलित जीवन का आधार प्रदान करता है।

चरण 6:
शनि का धैर्य और सहिष्णुता अद्वितीय,
कभी न जल्दी, न ही देरी से मिलता है उनका आदर्श।
जिसे समझे, वही जीवन को सच्चा पाए,
उनकी दृष्टि से कोई भी भटक न जाए।

अर्थ:
यह चरण शनिदेव के धैर्य और सहिष्णुता को दर्शाता है। शनि हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में किसी भी चीज़ का समय सही होता है और हर चीज़ का सही मूल्यांकन समय के साथ करना चाहिए। जो शनि के न्याय को समझता है, वही जीवन में सफलता प्राप्त करता है।

चरण 7:
शनि देव की राह पर चलकर पाया सब कुछ,
उनकी कृपा से मनुष्य की दुनिया हुई संपूर्ण।
कठिनाई, समृद्धि – सबके पीछे है उनका विश्वास,
शनि की सख्ती और सहिष्णुता, एक दिव्य दर्शन का आभास।

अर्थ:
यह अंतिम चरण शनि देव के मार्ग को जीवन में अपनाने की महिमा को दर्शाता है। शनि की सख्ती और सहिष्णुता हमें जीवन में हर स्थिति को समझने और अपने कर्मों से सीखने की प्रेरणा देती है। उनकी कृपा से जीवन में संतुलन और सफलता प्राप्त होती है।

कविता का सारांश:
शनिदेव की सख्ती और सहिष्णुता का अद्भुत मिश्रण हमें यह सिखाता है कि जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन उनके माध्यम से हम आत्म-सुधार और उन्नति की ओर बढ़ते हैं। शनिदेव का न्याय कभी कठोर लगता है, लेकिन वह सही होता है। उनका धैर्य और सहिष्णुता हमें सिखाती है कि हम हर स्थिति का सामना धैर्य और समझदारी से कर सकते हैं।

चित्र और प्रतीक
🌓⚖️💫
🌟🙏💪
🌿🖤🔮
⚖️🕊�✨

--अतुल परब
--दिनांक-26.04.2025-शनिवार.
===========================================