हनुमान और श्री राम की मित्रता-

Started by Atul Kaviraje, April 26, 2025, 09:31:01 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

हनुमान और श्री राम की मित्रता-
(The Friendship Between Lord Hanuman and Lord Rama)
कविता:-

यह कविता भगवान राम और हनुमान जी के बीच के सच्चे मित्रता के संबंध को दर्शाती है। उनकी मित्रता केवल आध्यात्मिक नहीं थी, बल्कि एक शुद्ध और समर्पित भावनाओं का आदान-प्रदान था। आइए जानते हैं उनके बीच के अद्वितीय संबंध को सात चरणों में, और हर चरण का अर्थ भी:

चरण 1:
राम के साथ हनुमान का बंधन सच्चा था,
दोनों का प्यार, विश्वास से भी बढ़ा था।
राम ने उन्हें भाई, हनुमान ने उन्हें भगवान माना,
मित्रता में कोई शर्त न थी, यही विश्वास था उनका जाना।

अर्थ:
यह चरण दर्शाता है कि भगवान राम और हनुमान के बीच का बंधन सच्चा और विश्वास से परिपूर्ण था। राम ने हनुमान को भाई माना, और हनुमान ने राम को भगवान के रूप में पूजा। उनकी मित्रता में कोई शर्तें नहीं थीं, केवल प्रेम और विश्वास था।

चरण 2:
हनुमान ने राम के लिए किया हर संघर्ष,
सीता माता की खोज में भी किया न कोई भय।
राम ने उनकी भक्ति को साकार माना,
उनके साहस और प्रेम को हमेशा सम्मान दिया।

अर्थ:
यह चरण हनुमान जी के साहस और भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति को दर्शाता है। हनुमान जी ने राम के लिए जीवन के सबसे बड़े संघर्ष किए, जैसे सीता माता की खोज, और भगवान राम ने हमेशा उनकी भक्ति और साहस को सम्मानित किया।

चरण 3:
राम ने दिया हनुमान को आशीर्वाद असीम,
उनके प्रेम और भक्ति की रही कभी न कोई कमी।
हनुमान ने किया राम के आदेश को पूरा,
उनकी मित्रता में था, एक विश्वास का सूरज सच्चा।

अर्थ:
यह चरण राम और हनुमान के रिश्ते में आशीर्वाद और विश्वास को दर्शाता है। भगवान राम ने हनुमान को असीम आशीर्वाद दिया, और हनुमान ने हमेशा राम के आदेशों का पालन किया। दोनों के बीच विश्वास का सूरज हमेशा चमकता रहा।

चरण 4:
हनुमान के दिल में राम का नाम था बस,
उनके बिना, हर कार्य था अधूरा, जैसे तन्हा कोई भूत।
राम ने हनुमान के प्रति दिया समर्थन सच्चा,
मित्रता में नहीं था कोई भी संकोच, कोई भी उलझन।

अर्थ:
यह चरण हनुमान जी के दिल में राम के प्रति अद्भुत श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है। राम के बिना उनका हर कार्य अधूरा था। राम ने हमेशा हनुमान की मदद की और उनके बीच कभी भी संकोच या उलझन नहीं थी।

चरण 5:
राम के युद्ध में हनुमान ने दी पूरी ताकत,
हर मुश्किल को किया पार, हर बाधा को तोड़ा।
राम ने हमेशा रखा उन्हें अपने करीब,
मित्रता में छिपा था एक सच्चा संबंध का रिश्ता।

अर्थ:
यह चरण राम और हनुमान की मित्रता के संघर्षपूर्ण पहलू को दिखाता है। युद्ध में हनुमान ने राम की पूरी ताकत से मदद की और सभी मुश्किलों को पार किया। राम ने हमेशा हनुमान को अपने करीब रखा, और उनकी मित्रता मजबूत हुई।

चरण 6:
राम की सफलता में हनुमान का था योगदान,
वो एक सच्चे मित्र थे, न कोई छल, न कोई धोखा।
दोनों का प्यार था, शुद्ध और स्वच्छ,
दोस्ती में यह था एक अनमोल विश्वास का पत्थर।

अर्थ:
यह चरण बताता है कि राम की सफलता में हनुमान का बहुत बड़ा योगदान था। हनुमान हमेशा सच्चे और निष्कलंक मित्र थे, और उनकी दोस्ती में कभी भी छल या धोखा नहीं था। यह मित्रता शुद्ध और विश्वास से भरी हुई थी।

चरण 7:
हनुमान और राम की मित्रता न थी सामान्य,
वह थी दिव्य और आत्मिक, बहुत ही विशाल।
उनकी मित्रता एक आदर्श थी, हमेशा रहेगी यथावत,
यह संबंध हमें सिखाता है सच्ची मित्रता का महत्व।

अर्थ:
यह अंतिम चरण हनुमान और राम की मित्रता को दिव्य और अद्वितीय बताते हुए उनके रिश्ते की विशालता को प्रदर्शित करता है। यह मित्रता हमारे लिए एक आदर्श है और हमें सच्ची मित्रता का महत्व सिखाती है।

कविता का सारांश:
भगवान राम और हनुमान की मित्रता एक आदर्श है जो हमें सच्चे मित्रता के रूप में दिखाती है। इस मित्रता में विश्वास, प्रेम, सम्मान और बिना शर्त का आदान-प्रदान था। हनुमान ने राम के लिए हर कठिन कार्य को किया और राम ने हमेशा हनुमान को अपने साथ रखा। यह मित्रता हमें सिखाती है कि सच्चे मित्र एक दूसरे के लिए समर्पित होते हैं और उनके बीच कभी भी कोई शर्त नहीं होती।

चित्र और प्रतीक
🙏💖🌟
🌞🤝🐒
🦸�♂️🏹🌿
💫👑🕊

--अतुल परब
--दिनांक-26.04.2025-शनिवार.
===========================================