श्री दत्त पादुका वर्षगांठ - बळवंस, गोवा- कविता -

Started by Atul Kaviraje, April 27, 2025, 10:28:26 PM

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Atul Kaviraje

श्री दत्त पादुका वर्षगांठ - बळवंस, गोवा-
कविता - 7 चरणों में-

चरण 1:
श्री दत्त पादुका का आया दिन शुभ,
भक्ति में लहराए, हर मन में लहर।
गोवा के बळवंस में बसी है रौनक,
दत्त भक्तों में खुशी का बहता है संग।

अर्थ:
यह चरण श्री दत्त पादुका की वर्षगांठ के शुभ अवसर पर बळवंस, गोवा में भक्तों के बीच खुशियों का माहौल दर्शाता है। भक्ति भाव से मन हर ओर प्रसन्नता से भरा हुआ है।

चरण 2:
सकल संतों का आशीर्वाद मिला,
शिव-पार्वती का संदेश मिला।
दत्त महाराज की चरण धारा,
हमें दिखाती है सुख-संस्कारों की सारा।

अर्थ:
इस चरण में हम महसूस करते हैं कि संतों का आशीर्वाद और शिव-पार्वती का संदेश हमें मिलता है। दत्त महाराज के चरणों से हमें जीवन में सुख और संस्कार मिलते हैं।

चरण 3:
ध्यान की मुद्रा में हर भक्त डूबे,
संगति में प्रेम की आभा फैले।
दत्त पादुका से मिलती आत्मा को शांति,
गहरी है भक्ति, पवित्रता का रंग।

अर्थ:
यहां भक्त पूरी श्रद्धा और प्रेम से ध्यान में डूबते हैं, और दत्त पादुका से आत्मा को शांति प्राप्त होती है। भक्ति और पवित्रता का रंग गहरे से उनके जीवन में समाहित होता है।

चरण 4:
बळवंस में हर गली गूंजे ध्वनि,
"जय दत्त महाराज!" हर मुख से जानी।
पादुका की पूजा हर घर में हो,
भक्ति के रास्ते से हम चलें जोड़ी।

अर्थ:
इस चरण में बळवंस के हर घर में "जय दत्त महाराज!" की ध्वनि गूंज रही है। सभी भक्त एक साथ पादुका की पूजा कर रहे हैं और भक्ति के मार्ग पर चलते हुए जीवन की दिशा को सही बना रहे हैं।

चरण 5:
हाथ में लाठी, चरणों में बसी शक्ति,
दत्त महाराज से मिलती है समृद्धि।
जो झुके है, वो पाते हैं सुख,
नतमस्तक हो, मिलती है दया की वृष्टि।

अर्थ:
यह चरण दत्त महाराज की शक्ति को दर्शाता है, जो भक्तों के जीवन में समृद्धि लाती है। जो भक्त उनके चरणों में समर्पित रहते हैं, उन्हें दया और आशीर्वाद मिलता है।

चरण 6:
प्रसाद में मिलता है आशीर्वाद का स्वाद,
मन्नतें पूरी होती हैं भगवान की कृपा से।
सच्ची भक्ति से ही पाया जाता है सुख,
श्री दत्त पादुका से मिलता हर संकट का हल।

अर्थ:
यहां हम देखते हैं कि श्री दत्त पादुका का प्रसाद भक्तों के जीवन में आशीर्वाद और सुख लाता है। उनकी सच्ची भक्ति से भगवान की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन के सभी संकटों का समाधान देती है।

चरण 7:
श्री दत्त पादुका का व्रत है परम पवित्र,
हर एक दिल में बसी उनकी छवि।
बळवंस में उठे बधाई का स्वर,
हम सभी मिलकर करें धन्यवाद-प्रणाम, गहरी भक्ति से भर।

अर्थ:
यह अंतिम चरण श्री दत्त पादुका के व्रत की पवित्रता और उनकी छवि के प्रति श्रद्धा को व्यक्त करता है। बळवंस में सभी भक्त मिलकर उनका धन्यवाद करते हैं और गहरी भक्ति से उन्हें प्रणाम करते हैं।

कविता का सारांश:
यह कविता श्री दत्त पादुका की वर्षगांठ के अवसर पर बळवंस, गोवा में भक्तों द्वारा उनकी भक्ति में समर्पण और प्रेम का प्रदर्शन करती है। प्रत्येक चरण में दत्त महाराज की कृपा, पादुका के दर्शन, और उनकी शक्ति का अनुभव किया जाता है। इस कविता के माध्यम से यह बताया गया है कि भक्ति से ही जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। भक्तिपूर्ण श्रद्धा और ध्यान से हम दत्त महाराज के आशीर्वाद का अनुभव कर सकते हैं।

चित्र और प्रतीक
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--अतुल परब
--दिनांक-25.04.2025-शुक्रवार.
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