धोंडीराज महाराज तीर्थयात्रा सफर - पळूस, जिल्हा-सांगली- कविता -

Started by Atul Kaviraje, April 27, 2025, 10:28:59 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

धोंडीराज महाराज तीर्थयात्रा सफर - पळूस, जिल्हा-सांगली-
कविता - 7 चरणों में

चरण 1:
धोंडीराज महाराज का आया शुभ दिन,
पळूस धाम में बसी है हर दिल की गिन।
भक्तों के संग यात्रा का आरंभ हो,
सच्ची भक्ति से हर दिल हरदम जोड़े हो।

अर्थ:
धोंडीराज महाराज का पुण्य दिवस पळूस में आया है, जहाँ भक्तों का दिल खुशी से भरा हुआ है। यहां की यात्रा भक्ति और विश्वास से शुरू होती है, जिससे सभी भक्त एकजुट हो जाते हैं।

चरण 2:
पळूस के मंदिर में बसी दिव्यता,
धोंडीराज की महिमा है अद्वितीयता।
भक्तों की प्रार्थना सच्ची हो जाए,
मन के हर दुःख में राहत मिल जाए।

अर्थ:
पळूस का मंदिर दिव्य और अद्वितीय है, जहाँ धोंडीराज की महिमा का गहरा प्रभाव है। यहाँ की प्रार्थना सच्ची भक्ति से हर दुःख और कष्ट को दूर करती है, और भक्तों को राहत मिलती है।

चरण 3:
संगति में बसा सुख-शांति का रूप,
धोंडीराज के चरणों में बसी परम छांव।
पूजा-अर्चना करते हैं भक्त निरंतर,
धर्म का मार्ग दिखाती है यहीं की लहर।

अर्थ:
भक्तों के संग बसा सुख और शांति का रूप यहाँ महसूस होता है। धोंडीराज के चरणों में निरंतर पूजा-अर्चना होती है, जो भक्तों को धर्म और नैतिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।

चरण 4:
हर भक्त का दिल करता है विश्वास,
धोंडीराज से मिलता है अनमोल आशीर्वाद।
उनकी कृपा से जीवन हो जाता है आसान,
हर कष्ट से मिलता हमें निजात का ध्यान।

अर्थ:
इस चरण में हम देखते हैं कि धोंडीराज से भक्तों को अपार विश्वास और आशीर्वाद मिलता है। उनकी कृपा से जीवन आसान हो जाता है और हर कष्ट का समाधान भी प्राप्त होता है।

चरण 5:
पळूस का धाम हुआ प्रकाशमान,
धोंडीराज से मिलती हर दरकार का ध्यान।
कभी ना दूर होती उनकी कृपा की छांव,
हर भक्त की रक्षा हो रही है रत्नमाल।

अर्थ:
पळूस का धाम उज्जवल हो चुका है, जहाँ धोंडीराज की कृपा से हर एक भक्त की जरूरत पूरी होती है। उनकी छांव से भक्तों की रक्षा होती है, और वे सशक्त होते हैं।

चरण 6:
ध्यान में बैठते हैं हम प्रेम से,
धोंडीराज की महिमा में समाते हैं हम।
जीवन में आये जो भी दुख-संस्कार,
उनसे मुक्ति मिले, मिले सच्चा उद्धार।

अर्थ:
ध्यान और भक्ति में बैठकर हम धोंडीराज की महिमा का अनुभव करते हैं। जीवन के कष्ट और दुखों से मुक्ति मिलती है, और सच्चे उद्धार की प्राप्ति होती है।

चरण 7:
धोंडीराज महाराज का व्रत है पवित्र,
हर भक्त के दिल में उनकी छवि है प्रगट।
पळूस में गूंजे हर भक्त का गीत,
धोंडीराज की भक्ति से हो जीवन निर्मल, और शुद्ध।

अर्थ:
यह अंतिम चरण यह बताता है कि धोंडीराज महाराज का व्रत हर एक के लिए पवित्र है, और उनकी भक्ति से जीवन शुद्ध और निर्मल बनता है। पळूस में भक्तों के गीत गूंजते रहते हैं और उनका दिल भक्ति से प्रफुल्लित रहता है।

कविता का सारांश:
यह कविता धोंडीराज महाराज की तीर्थयात्रा की पवित्रता और उनके दरबार में होने वाले आशीर्वाद की बात करती है। भक्तों के दिलों में बसी उनकी महिमा, उनके आशीर्वाद से जीवन में आने वाली शांति और सुख को दर्शाया गया है। पळूस के मंदिर में हर भक्त उनके चरणों में समर्पित होकर भक्ति की राह पर चलता है, जिससे हर कष्ट और दुःख से मुक्ति मिलती है।

चित्र और प्रतीक
🙏🕉�💫
🌿🕯�🌸
🛕✨🎶
💖🌟🙏

--अतुल परब
--दिनांक-25.04.2025-शुक्रवार.
===========================================