गंगा का निर्माण - गंगा पूजा - गंगा सप्तमी-

Started by Atul Kaviraje, May 03, 2025, 09:18:42 PM

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Atul Kaviraje

गंगा का निर्माण - गंगा पूजा - गंगा सप्तमी-

गंगा नदी, भारतीय संस्कृति और धार्मिकता में एक अतिमहत्वपूर्ण स्थान रखती है। गंगा को 'माँ गंगा' कहा जाता है और यह हिंदू धर्म में विशेष पूजा और सम्मान का पात्र मानी जाती है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी की पूजा का महत्व और गंगा के निर्माण से जुड़ी कई कथाएँ प्रचलित हैं।

यह कविता गंगा के महत्व और उसकी पूजा के बारे में भक्तिभाव से लिखी गई है।

कविता:-

चरण 1
गंगा माता की जयकार हो, जीवन को वह पवित्र करे,
पापों को हरकर दूर करें, सबको सुखमय जीवन दे।
गंगा का जल पवित्र है, निर्मल और अमृत के समान,
हर मनुष्य को चाहिए इसे, श्रद्धा से इसे लें सम्मान।

अर्थ: गंगा माता का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि वह हमारे जीवन को शुद्ध करती हैं और पापों को दूर करती हैं। उनका जल अमृत के समान पवित्र होता है, जिसे सभी को श्रद्धा से लेना चाहिए।

चरण 2
गंगा के पवित्र जल में, हम नहाते हैं हर वर्ष,
गंगा सप्तमी पर पूजा करें, मन में प्रेम और आस्था का संचार।
हर पाप को धोती है वह, देती है शांति का एहसास,
गंगा के जल में डूब कर, हर दिल को मिलता है विश्राम।

अर्थ: गंगा के जल में स्नान से पाप धुल जाते हैं, और गंगा सप्तमी पर उसकी पूजा से मन में शांति और प्रेम का संचार होता है। गंगा का जल हमें मानसिक शांति और विश्राम देता है।

चरण 3
गंगा की पूजा में श्रद्धा हो, मन में विश्वास का दीप जलाएं,
गंगा का चरण जीवन में, हर दुख को दूर भगाएं।
वह शक्तिशाली और पवित्र है, हमें देती है असीम आशीर्वाद,
गंगा के इस अमृत जल से, जीवन का हो उज्जवल संस्कार।

अर्थ: गंगा की पूजा में श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए। गंगा का चरण हमारे जीवन को उज्जवल और पवित्र बनाता है, और हमें असीम आशीर्वाद देता है।

चरण 4
गंगा माँ की वंदना कर, हम जीवन में सच्चाई अपनाएं,
हर दिन हम गंगा में श्रद्धा से, नदियों का आशीर्वाद पाएं।
वह हमसे प्रेम करती है, और सच्चे भक्तों को सन्मान देती है,
गंगा का यह जल अमृत रूप है, जो आत्मा को शांति और सुख प्रदान करता है।

अर्थ: गंगा माँ की पूजा से जीवन में सच्चाई और प्रेम आता है। गंगा का जल आत्मा को शांति और सुख देता है, और सच्चे भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करता है।

चरण 5
गंगा सप्तमी का दिन आए, हम करें पूजा और व्रत,
हमारी प्रार्थना गंगा से, हो पूर्ण, हम सबके हों सपने साकार।
गंगा में जो श्रद्धा रखते हैं, वह जीवन में उज्जवल हो,
गंगा के दर्शन से ही, हर मनुष्य हर समस्या से मुक्त हो।

अर्थ: गंगा सप्तमी के दिन हम पूजा और व्रत करते हैं, और हमारी प्रार्थना गंगा से पूरी होती है। गंगा के दर्शन से हर व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है।

चरण 6
गंगा का जल, जीवनदायिनी, स्वच्छ और पवित्र है,
हर दिन उसकी पूजा करने से, मनुष्य का जीवन सुखमय है।
गंगा के आशीर्वाद से, संसार से हम दुखों को दूर करें,
हमेशा गंगा के साथ, हम सुखी और समृद्ध बनें।

अर्थ: गंगा का जल जीवनदायिनी और पवित्र है, जो हमारे जीवन में सुख और समृद्धि लाता है। गंगा के आशीर्वाद से हम दुखों से मुक्त हो सकते हैं।

चरण 7
गंगा की महिमा अनंत है, गंगा का जल अमृत समान है,
वह पापों को धोता है, और जीवन को निखारता है।
गंगा सप्तमी पर पूजा करें, जीवन में शांति पाएं,
गंगा का आशीर्वाद सदा हम पर बना रहे, यही हमारी दुआ है।

अर्थ: गंगा की महिमा अनंत है और उसका जल अमृत के समान है। गंगा सप्तमी पर पूजा करने से हम शांति और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

निष्कर्ष:
गंगा की पूजा और उसका महत्व जीवन के हर पहलू में दिखाई देता है। गंगा नदी न केवल भारत के धार्मिक जीवन का केंद्र है, बल्कि वह हमें पवित्रता, शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी देती है। गंगा सप्तमी का दिन हमें गंगा माँ की महिमा और उनके आशीर्वाद के महत्व को समझाने का अवसर प्रदान करता है। 🌸💧🕉�

"गंगा माँ की पूजा से हम जीवन के हर संकट को पार कर सकते हैं।" 🙏🌼

--अतुल परब
--दिनांक-03.05.2025-शनिवार.
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