कालिकादेवी देवस्थान स्थापना दिवस सफर यात्रा - सांगली (04 मई 2025, रविवार)-

Started by Atul Kaviraje, May 04, 2025, 09:12:03 PM

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Atul Kaviraje

कालिकादेवी देवस्थान स्थापना दिवस सफर यात्रा-सांगली-

कालिकादेवी देवस्थान स्थापना दिवस सफर यात्रा - सांगली (04 मई 2025, रविवार)-

परिचय:
कालिकादेवी देवस्थान, जो कि सांगली जिले में स्थित है, एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर विशेष रूप से देवी कालिका को समर्पित है, जो शक्ति और ब्रह्मा के रूप में पूजी जाती हैं। इस देवस्थान की स्थापना दिवस पर श्रद्धालुओं का तांता लगता है और यह दिन विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण होता है। इस लेख में हम कालिकादेवी मंदिर के स्थापना दिवस के महत्व, यात्रा अनुभव और यहां की धार्मिक महिमा के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

कालिकादेवी मंदिर की महत्ता:
कालिकादेवी मंदिर भारतीय हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह मंदिर देवी कालिका के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। देवी कालिका को महाकाल का रूप माना जाता है, जो संसार की रक्षा करने वाली और सभी बुराईयों को नष्ट करने वाली मानी जाती हैं। कालिकादेवी के मंदिर में लोग अपने दुखों के निवारण, शांति और सुख की कामना के लिए आते हैं। देवी के प्रति अडिग विश्वास और भक्तिभाव के कारण इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है।

स्थापना दिवस का महत्व:
स्थापना दिवस का आयोजन विशेष रूप से मंदिर के इतिहास से जुड़ा हुआ है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना, हवन और भव्य आयोजन होते हैं, जो देवी के प्रति भक्तों का आभार और श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह दिन एक अवसर होता है जब भक्तजन अपने परिवार के साथ इस पवित्र स्थान पर आकर देवी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन विशेष रूप से मंदिर में भव्य भंडारे और महाआरती का आयोजन किया जाता है, जिससे मंदिर का वातावरण भक्तिपूर्ण और आध्यात्मिक हो जाता है।

यात्रा अनुभव:
कालिकादेवी देवस्थान की यात्रा एक अद्भुत अनुभव होती है। संगली जिले में स्थित यह मंदिर प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है, और यहां के वातावरण में एक अलौकिक शांति और शांति का अहसास होता है। यात्रा के दौरान भक्तगण पहले देवी कालिका के दर्शन करने के लिए मंदिर में प्रवेश करते हैं, और वहां के वातावरण में पूरी तरह से डूब जाते हैं। मंदिर के परिसर में देवी की मूर्ति की सुंदरता और भव्यता भक्तों के दिलों को छू जाती है।

स्थल का दृश्य:
मंदिर के भीतर देवी कालिका की भव्य मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के चारों ओर देवताओं और देवी-देवताओं की अन्य मूर्तियाँ भी हैं, जो वातावरण को और भी दिव्य बना देती हैं। मंदिर का आंतरिक दृश्य शांतिपूर्ण और भक्तिपूर्ण होता है, जहां पूजा के दौरान भक्तों को मानसिक और आत्मिक शांति मिलती है।

पुजारियों द्वारा पूजा:
मंदिर में नियमित पूजा होती है, लेकिन स्थापना दिवस के दौरान विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। पुजारी देवी के मंत्रों का उच्चारण करते हैं, और भक्तगण इन मंत्रों के साथ समर्पण भाव से पूजा अर्चना करते हैं।

भंडारा और महाआरती:
स्थापना दिवस के अवसर पर मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, जिसमें श्रद्धालु निःशुल्क भोजन ग्रहण करते हैं। साथ ही, महाआरती का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें भक्तगण अपनी आस्था और भक्ति को उच्चारित करते हैं।

स्थल के आसपास के दर्शनीय स्थल:
कालिकादेवी मंदिर के आसपास और भी कई दर्शनीय स्थल हैं, जिन्हें यात्रा के दौरान देखना चाहिए:

कृष्णा नदी:
कृष्णा नदी सांगली के पास बहती है, जो एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। यहां का दृश्य बहुत ही सुंदर है, और यह स्थान शांति और आंतरिक शांति का अहसास दिलाता है।

सांगली किला:
यह किला सांगली शहर के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है। किले का भ्रमण करने से आपको सांगली के इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी मिलती है।

दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर:
यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और सांगली का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह भी कालिकादेवी मंदिर के करीब स्थित है।

समाप्ति और शुभकामनाएं:
कालिकादेवी देवस्थान की यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक शांति की भी प्राप्ति कराती है। स्थापना दिवस के दौरान यहां का माहौल और भी भक्तिपूर्ण हो जाता है। इस यात्रा से आपको सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
🙏 हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं, यह यात्रा आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए! 🙏

🕉�🙏 कालिकादेवी के आशीर्वाद से आपका जीवन हमेशा खुशहाल और समृद्ध रहे! 🙏🕉�
--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-04.05.2025-रविवार.
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