🛕 "कालिकादेवी देवस्थान स्थापना दिवस यात्रा - सांगली"-दिनांक: 04 मई 2025, रविवार

Started by Atul Kaviraje, May 04, 2025, 09:16:16 PM

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Atul Kaviraje

यह रही एक सुंदर, अर्थपूर्ण, सरल तुकबंदी में भक्तिभावपूर्ण दीर्घ हिंदी कविता:-

🛕 "कालिकादेवी देवस्थान स्थापना दिवस यात्रा - सांगली"
📅 दिनांक: 04 मई 2025, रविवार
🕉� 07 चरण, प्रत्येक में 4 पंक्तियाँ
📚 प्रत्येक चरण का संक्षिप्त हिंदी अर्थ
🎨 प्रतीक, भावचित्र और इमोजी सहित

🌅 चरण १: यात्रा का प्रारंभ
🚩
सुबह की सुनहरी किरणें, अरुणिमा से आईं सजी,
मन में माँ के दर्शन की, आशा लेकर निकली सजी।
सांगली की पावन भूमि, कालिकादेवी का धाम,
भक्ति का जोत जलाकर, निकले हम हरिनाम।

📜 अर्थ:
सुबह हम श्रद्धा और आस्था के साथ कालिकादेवी मंदिर की ओर रवाना हुए। वातावरण भक्तिपूर्ण था।

📷 प्रतीक: 🌄🚶�♀️🛕🌺

🔔 चरण २: मंदिर का दृश्य
कंचन सी दमके दीपों से, माँ का पावन द्वार,
फूलों की सुंदर सजावट, मंदिर बना अद्भुत संसार।
शंखों की गूंज से गूंजे गगन, मंत्रों की मधुर ध्वनि,
हर दिशा में बिखरी भक्ति, जैसे माँ हो हर ध्वनि।

📜 अर्थ:
मंदिर को फूलों और दीपों से सजाया गया था। मंत्र और शंखनाद ने वातावरण को अलौकिक बना दिया।

📷 प्रतीक: 🔔🕯�🌸🛕

🙏 चरण ३: माँ का रूप
काजल-सी आंखें विशाल, तेजस्वी उसका रूप,
सिंदूर और चांदी की पायल, शक्ति का स्वरूप।
माँ कालिका बैठी सिंह पर, दे रहीं आशीर्वाद,
देख उन्हें झुका शीश, मिटे जीवन के संताप।

📜 अर्थ:
माँ कालिकादेवी का स्वरूप अत्यंत दिव्य और शक्ति से भरपूर है। उनके दर्शन से मन को अद्भुत शांति मिली।

📷 प्रतीक: 🐯👁�🌟🪔

🎶 चरण ४: आरती और भजन
घंटों की टंकार बजे, दीप आरती थर-थराए,
भजनों की पंक्तियाँ गूंजी, भक्तजन झूम जाएं।
हर स्वर में नाम माँ का, हर ताल में प्रेम,
आरती की उस बेला में, तन-मन हुए प्रेम-नियम।

📜 अर्थ:
आरती के समय संपूर्ण वातावरण भक्तिरस से भर गया। भजन और माँ का नाम हर ओर गूंज रहा था।

📷 प्रतीक: 🕯�🎤🛕🪘🎵

🍛 चरण ५: प्रसाद और सेवा
हलवा, पूड़ी, चने का भोग, प्रेम से बना प्रसाद,
भक्तों ने सेवा में पाया, माँ का विशेष प्रसाद।
बच्चे, वृद्ध, स्त्री-पुरुष सब, बांट रहे प्रेम भाव,
सेवा में माँ मिलती है — यही सच्चा प्रभाव।

📜 अर्थ:
माँ को अर्पित प्रसाद सबने प्रेम से पाया। सेवा और समर्पण का भाव हर भक्त में था।

📷 प्रतीक: 🍲👩�🍳🙏🍌🥣

🌳 चरण ६: मंदिर परिसर और वातावरण
वृक्षों की छाया, शीतल वायु, मंदिर का शांत बसेरा,
पक्षियों की मीठी बोली, हर कोना लगे सवेरा।
धूप की गंध, जल की छाया, संगीतमयी ध्वनि,
माँ की उपस्थिति से सुंदर, लगता था हर क्षण।

📜 अर्थ:
मंदिर का वातावरण बहुत शांत, पवित्र और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर था, मानो माँ स्वयं वहां विराजमान हों।

📷 प्रतीक: 🌳💧🕊�🌺☀️

🌸 चरण ७: विदा और संकल्प
अश्रु नयन में, मन में माँ, विदा की आई बेला,
"माँ फिर आऊँगा" कहकर, बढ़ा भक्त अकेला।
आशीर्वाद लिए माँ का, मन में दृढ़ विश्वास,
संकल्प लिया जीवनभर, माँ का रहे प्रकाश।

📜 अर्थ:
माँ से विदा लेते समय आंखें नम थीं, पर आशीर्वाद और संकल्प साथ थे कि जीवनभर माँ का स्मरण रहेगा।

📷 प्रतीक: 👋🌷🛕❤️🕊�

📝 लघु सारांश / Short Meaning:
कालिकादेवी स्थापना दिवस की यह यात्रा केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आत्मिक अनुभूति थी। मंदिर की दिव्यता, माँ का तेजस्वी रूप, भक्तों की सेवा भावना, और आरती का भक्तिरस — सबने मिलकर इस दिन को अविस्मरणीय बना दिया।

🌈 भाव चित्र (Visual Symbols & Emojis):
🛕🌸🪔👁�🙏🕊�🍲🎶🌳🔥💖🌺🚶�♂️👋

--अतुल परब
--दिनांक-04.05.2025-रविवार.
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