📜 कविता शीर्षक: "माताजी सीता – धरती की अमोल रत्न"

Started by Atul Kaviraje, May 06, 2025, 08:31:13 PM

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Atul Kaviraje

🌸 जानकी जन्म – सीता नवमी 🌸
🗓� तारीख – 6 मई 2025, मंगलवार
🙏 मातृशक्ति, आदर्श नारीत्व और त्याग की प्रतिमा को समर्पित एक भक्तिभावपूर्ण रचना 🙏

📜 कविता शीर्षक: "माताजी सीता – धरती की अमोल रत्न"
(07 चरण, प्रत्येक में 04 पंक्तियाँ, सरल तुकबंदी सहित, हर चरण के बाद उसका हिन्दी अर्थ)

🔹 चरण 1
धरती की छाती से ली अवतार,
पावन सीता, शुभ संसार।
जनकपुरी में हुआ प्रकाश,
नारीत्व का परम प्रकाश।

📖 अर्थ:
सीता माता का जन्म धरती से हुआ और उनका आगमन जनकपुरी में हुआ, जिसने सम्पूर्ण जगत में पवित्रता और आदर्श नारीत्व की ज्योति फैलाई।

🔹 चरण 2
धैर्य, प्रेम, सेवा की मूरत,
भक्ति में लीन, न कोई शूरति।
राम की अर्धांगिनी बनी,
हर नारी में शक्ति जगी।

📖 अर्थ:
माता सीता धैर्य, भक्ति और प्रेम की प्रतीक हैं। उन्होंने राम के साथ जीवन भर समर्पण से जीवन जिया और नारीशक्ति को एक नई दिशा दी।

🔹 चरण 3
वन में साथ दिया जो निर्भय,
त्याग किया हर पल सहजय।
रावण के कुल को किया नाश,
सत्य की रखी सदा आश।

📖 अर्थ:
माता सीता ने राम के साथ 14 वर्ष वनवास में बिताए, रावण जैसे शक्तिशाली राक्षस का अंत करवाया, और हमेशा सत्य और धर्म की रक्षा की।

🔹 चरण 4
अग्नि परीक्षा से न घबराई,
धैर्य की हर कसौटी पाई।
नारी को दी सच्ची पहचान,
शक्ति स्वरूपा सीता महान।

📖 अर्थ:
सीता माता ने अग्नि परीक्षा के रूप में अत्यंत कठिन परिस्थिति का सामना किया और अपने चरित्र से नारी जाति को गौरव प्रदान किया।

🔹 चरण 5
मातृत्व की मूरत कहलाईं,
लव-कुश को नीति सिखाईं।
न्याय, नीति, धर्म का पाठ,
बन गईं जग की माता साथ।

📖 अर्थ:
सीता माता ने लव-कुश जैसे तेजस्वी पुत्रों का पालन-पोषण कर उन्हें धर्म और न्याय का आदर्श सिखाया। वे सम्पूर्ण मातृत्व की प्रतिमूर्ति बनीं।

🔹 चरण 6
धरती में जब समा गईं,
संघर्षों से ऊपर उठ गईं।
जननी, पत्नी, साध्वी रूप,
हर रूप में थीं आदर्श स्वरूप।

📖 अर्थ:
अपने जीवन के अंतिम चरण में, माता सीता धरती में समा गईं, और अपने संपूर्ण जीवन में वे आदर्श जननी, पत्नी और साध्वी बनी रहीं।

🔹 चरण 7
सीता नवमी पर करें प्रणाम,
स्मरण करें राम का नाम।
नारी हो सीता सी तेजस्वी,
हो जीवन सेवा में हर्षित व्रती।

📖 अर्थ:
सीता नवमी के इस पवित्र अवसर पर हमें सीता माता के चरणों में नमन करना चाहिए और उनके जैसे तेजस्वी, संयमी व सेवा भावी जीवन की प्रेरणा लेनी चाहिए।

🌸 संक्षिप्त अर्थ / Short Meaning:
यह कविता माता सीता के जन्म, जीवन संघर्ष, नारीत्व के आदर्श, त्याग और मातृत्व के महान रूपों को श्रद्धाभाव से प्रस्तुत करती है। उनका चरित्र हर युग की नारी के लिए प्रेरणास्रोत है।

🌺 प्रतीक, चित्र और इमोजी
भाव / विषय   प्रतीक / इमोजी
सीता माता का जन्म   🌾👶
नारी का आदर्श रूप   👸🌼
वनवास और त्याग   🌳🕉�
अग्निपरीक्षा व धैर्य   🔥🕊�
मातृत्व व शिक्षा   👩�👧�👦📚
श्रद्धांजलि / भक्ति   🙏🌸

🕊� निष्कर्ष:
माता सीता का जीवन एक प्रेरणा है, जिसमें नारी के संपूर्ण रूपों—धैर्य, प्रेम, त्याग, भक्ति और शक्ति—का समावेश है। जानकी जन्म, अर्थात सीता नवमी, नारी के तेज, तप और त्याग का उत्सव है।
इस दिन हम सभी को सीता माता के गुणों को जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।

🌸 "सीता सी सादगी हो, जानकी सा तेज,
हर नारी बने अब युगों की सेज।" 🌸

🙏 जय सीता माता! 🙏

--अतुल परब
--दिनांक-06.05.2025-मंगळवार.
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