🙏 जानुबाई देवी तीर्थयात्रा सफर – करंजखोप, तालुका: कोरेगाव- 🗓️ तिथि: 09 मई 2025

Started by Atul Kaviraje, May 09, 2025, 10:51:22 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

🙏 जानुबाई देवी तीर्थयात्रा सफर – करंजखोप, तालुका: कोरेगाव-
🗓� तिथि: 09 मई 2025 | 📍 शुक्रवार
🎤 विषय: एक भक्ति-भावपूर्ण, अर्थपूर्ण, सरल और तुकबंदीयुक्त दीर्घ हिन्दी कविता
✍️ संरचना: 7 चरण × 4 पंक्तियाँ + प्रत्येक चरण का हिंदी अर्थ, भाव और चित्र/प्रतीक/इमोजी सहित

🛕 चरण 1 – देवी का आमंत्रण
चलो करंजखोप की ओर, जहाँ देवी विराजे,
शुद्ध भक्ति के संग, हर मनवांछित फल साजे।
जानुबाई का नाम लो, दुख सारा मिट जाए,
शरण में जो आए यहाँ, जीवन सफल हो जाए।

📖 अर्थ: जानुबाई देवी के दर्शन से मन की शांति मिलती है। जो श्रद्धा से आते हैं, उन्हें जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है।
🔰 प्रतीक: 🙏🌸🛕✨

🎺 चरण 2 – यात्रा की शुरुआत
डोल-ताशे बाजे, पालखी नाचती जाए,
फूलों की वर्षा हो, भक्तों की भीड़ छाए।
हर घर से दीप जले, हर मन में उमंग,
देवी का नाम गूँजे, हर कोना हो भंग।

📖 अर्थ: जानुबाई देवी की यात्रा एक उल्लासमयी आयोजन होता है जिसमें पूरा गाँव सहभागी बनता है।
🔰 प्रतीक: 🥁🎉🚩🌼

🪔 चरण 3 – देवी का स्वरूप
लाल साड़ी में देवी, शेर पर सवारी,
त्रिशूल हाथ में, आँखों में तेज की क्यारी।
भक्तों को देती वर, करती रक्षा सदा,
उनकी छाया में ही, जीवन हो आनंददा।

📖 अर्थ: देवी जानुबाई को शक्ति और करुणा का स्वरूप माना जाता है, वे अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।
🔰 प्रतीक: 🐅🪔🔱💫

🌄 चरण 4 – पर्वत पर मंदिर
ऊँचाई पर मंदिर, घेरें वृक्ष घने,
पथ कठिन सही, पर भक्ति में मन रमे।
हर पग में विश्वास, हर सांस में गीत,
देवी का नाम लेते, मिटे हर कष्ट-प्रीत।

📖 अर्थ: मंदिर तक पहुँचने का मार्ग कठिन होता है, लेकिन भक्ति भाव से हर बाधा सरल बन जाती है।
🔰 प्रतीक: 🏞�🪵🚶�♀️💓

🍛 चरण 5 – महाप्रसाद का महत्व
भंडारा लगे हर ओर, खिचड़ी की खुशबू,
संग साथियों के बैठें, बाँटे प्रेम भरपूर।
खाने में ईश्वर बसे, सेवा में पुण्य,
देवी की कृपा से होता हर क्षण शुभ।

📖 अर्थ: महाप्रसाद केवल भोजन नहीं बल्कि प्रेम, सेवा और पुण्य का प्रतीक है।
🔰 प्रतीक: 🍚🥄🤝🕊�

🪕 चरण 6 – भजनों का संगीतमय समर्पण
भजन गूंजे हर दिशा, ताल पर थिरकते पाँव,
ढोलक-झांझ की धुन में, खो जाता हर गांव।
भाव-विभोर आँखों से बहे अश्रुधार,
देवी के चरणों में सब कुछ हो स्वीकार।

📖 अर्थ: भजन कीर्तन से वातावरण भक्ति से भर जाता है, लोग भाव-विभोर होकर देवी का गुणगान करते हैं।
🔰 प्रतीक: 🎶🪕💃😭

🌟 चरण 7 – यात्रा का संदेश
जानुबाई की यात्रा, नहीं केवल रीत,
यह है आत्मा की खोज, भक्ति की जीत।
हर वर्ष बुलावा हो, हर बार हो दर्शन,
जीवन भर साथ रहे देवी का स्पंदन।

📖 अर्थ: जानुबाई यात्रा केवल परंपरा नहीं, यह भक्ति और आत्मिक उन्नति का अवसर है।
🔰 प्रतीक: 🕉�🌠🛐👣

✨ निष्कर्ष (Short Meaning):
जानुबाई देवी की यात्रा श्रद्धा, परंपरा और सामाजिक एकता का अनुपम संगम है। यह पर्व एक ऐसी भक्ति यात्रा है जो बाह्य मंदिर से शुरू होकर अंतःकरण के मंदिर तक जाती है।

📜 "हर वर्ष देवी का बुलावा, जीवन में आए नया उजाला।"
🌸🙏🚩 जय जानुबाई माता की! 🚩🙏🌸

--अतुल परब
--दिनांक-09.05.2025-शुक्रवार.
===========================================