क्षण प्रेमाचे

Started by अमोल कांबळे, July 06, 2011, 01:24:23 PM

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अमोल कांबळे

मधाळ  रात्र  मदहोश  मी ,
बाहुपाशात  तुझ्या,
तुझ्या  केसांचा  गालीचा , भोवताली  माझ्या,
मखमली  स्पर्श  जणू  मोत्यांचा,
घट्ट  बिलगून  घेणाऱ्या  हळुवार  हातांचा, .
माझ्या  डोळ्यांना  तुझ्या  डोळ्यांचा  होकार,
मी  अल्लड  उतावळा , तू  अलगद   हळुवार,
सुरु  व्हावा   प्रवास  कधी   न  संपणारा,
डोळ्यांनी  सुरु  होऊन , काळजा  पर्यंत  भिडणारा .
                                                          मैत्रेय

balasaheb

कविता छान,भावनांची उत्कटता  छान