सर्वे काही तुझ्यासाठी!

Started by अमोल कांबळे, July 06, 2011, 05:27:47 PM

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अमोल कांबळे

तो : सर्वे  काही  तुझ्यासाठी , पौर्णिमेचा  चंद्र , उगवता  सूर्य 

जे  मागशील  ते   देईन 

किरणांची  रंगत , चांदण्यांची  संगत

करून  देईन   

तू  माझी  राणी  अल्लड  मनी

माझ्या  प्रीत्फुला

तुझ्या  अंगणीचा  सोनचाफा 

व्हायचं  मला ,

ती : मी  हि  तुजीच  रे  तुजवीण  अधुरी

कधी  आपली  भेट  जुळावी 

तुझ्या  मिठीची  ओढ  सजना

न  कुणा  हि  प्रीत  कळावी .

मज  तुजीच  आठवण

तू  येशील  कधी  रे

नको  वेळ   दवडू   आता

नको  उशीर  करू  रे

तो : जगतो  तुझ्याच  साठी

तुला  मिळवण्यासाठी 

शर्थ  करतो  दुनियेशी

तुझ्या  प्रेमासाठी

एक  दिवस  असा  येईल  तू  माझी  असशील

फक्त  माझी .
                                        मैत्रेय





अमोल कांबळे

एक प्रामाणिक प्रयत्न
धन्यवाद!