🙏🌺 देवी सातेरी भद्रकाली उत्सव – आरोंदा, सावंतवाडी 🌺🙏10 मई 2025, शनिवार-

Started by Atul Kaviraje, May 10, 2025, 10:17:20 PM

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Atul Kaviraje

🙏🌺 देवी सातेरी भद्रकाली उत्सव – आरोंदा, सावंतवाडी 🌺🙏
दिनांक: 10 मई 2025, शनिवार
एक भक्तिभावपूर्ण  हिंदी कविता – 7 चरणों में, अर्थ सहित

🌸 चरण 1:
जय जय माता सातेरी, शक्ति की तू पहचान।
भक्तों के कष्ट हरती, करती जीवन महान।।
भक्तिभाव से जो पुकारे, उसे तू दर्शन दे।
काली रूप में आई माता, संकट सारे ले।।

📜 अर्थ: माता सातेरी भद्रकाली शक्तिस्वरूपा हैं, जो अपने भक्तों के दुःख हरती हैं और उनके जीवन को शुभता से भर देती हैं।

🌸 चरण 2:
आरोंदा की भूमि पावन, गूंजे जयकारों से।
डोलत आहे पालखी, भरे मन बहारों से।।
नवदुर्गा का रूप दिव्य, भक्त करे श्रृंगार।
माँ की जय से गूंज उठा, सारा संसार।।

📜 अर्थ: आरोंदा गांव का यह उत्सव पूरे श्रद्धा से मनाया जाता है। पालखी यात्रा और माँ की पूजा से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है।

🌸 चरण 3:
ढोल-ताशे की गूंज उठी, भक्ति में झूमे लोग।
भजन-कीर्तन से सज गई, भक्तों की हर संजोग।।
देवी के चरणों में रखा, सबने अपना भाव।
भक्ति में डूबा आरोंदा, जैसे स्वर्ग का गाँव।।

📜 अर्थ: उत्सव में पूरे गांव में भक्ति का सागर बहता है। ढोल-ताशे और भजनों की गूंज हर घर को देवीमय कर देती है।

🌸 चरण 4:
भद्रकाली की ज्योति जले, तम हरती है माँ।
काली रूप में रक्षा करे, जब संकट हो घना।।
भक्तों के मन की भाषा, माँ झट से समझे।
करुणा की वह मूर्ति है, आँसू सब पोंछे।।

📜 अर्थ: भद्रकाली माँ केवल शक्ति की देवी नहीं, बल्कि करुणा की भी प्रतीक हैं, जो भक्तों के दुःखों का निवारण करती हैं।

🌸 चरण 5:
कुमकुम, फूलों, दीपों से सजी माँ की चौकी।
हर भक्त लाता है श्रद्धा, भक्ति की झोली भरी।।
माँ के दर पे जो आए, खाली ना जाता कोई।
भक्ति का अमृत बरसे, मन पावन हो जोई।।

📜 अर्थ: पूजा के समय देवी की चौकी सजाई जाती है और हर भक्त अपनी श्रद्धा और प्रेम माँ को समर्पित करता है।

🌸 चरण 6:
नारी शक्ति की आराधना, सातेरी माँ स्वरूप।
संस्कारों की सजी छाया, जीवन में भर धूप।।
संरक्षक, पालनकर्ता, तू ही जग की रानी।
तेरे चरणों में है सारा जग का कल्याणी।।

📜 अर्थ: माँ सातेरी केवल आराध्य नहीं, बल्कि नारी शक्ति की प्रतीक हैं। उनके चरणों में ही लोकमंगल का आधार है।

🌸 चरण 7:
उत्सव की इस दिव्य घड़ी में, करें सब संकल्प।
भक्ति, सेवा, करूणा, जीवन में हों विकल्प।।
माँ का आशीर्वाद मिले, रहे सदा उजियारा।
हर दिल में बसे भद्रकाली, जीवन हो सारा प्यारा।।

📜 अर्थ: इस पावन अवसर पर सभी भक्त माँ के चरणों में यह संकल्प लें कि वे जीवन में सेवा, भक्ति और सच्चाई का मार्ग अपनाएंगे।

🌺 कविता का सार (संक्षिप्त अर्थ):
यह कविता माँ सातेरी भद्रकाली के आरोंदा (सावंतवाडी) में मनाए जाने वाले भक्तिपूर्ण उत्सव को दर्शाती है। इसमें माँ की शक्ति, करुणा, और भक्तों के प्रति उनका प्रेम वर्णित है। यह उत्सव न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सामाजिक एकता, स्त्रीशक्ति का सम्मान और संस्कृति की जड़ें भी मज़बूत करता है।

प्रतीक व इमोजी तालिका:
प्रतीक   अर्थ
🙏   भक्ति
🌺   देवी माँ
🔥   ज्योति, शक्ति
🏵�   पूजा-सामग्री
🕯�   दीपमालिका
🎶   भजन-कीर्तन
🏞�   उत्सव स्थल (आरोंदा)
👣   देवी के पावन चरण

🌼 "सातेरी भद्रकाली माँ का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे!" 🌼
जय माता दी! 🙏🌺

--अतुल परब
--दिनांक-10.05.2025-शनिवार.
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