26 मई 2025, सोमवार -"दर्श अमावस्या : आत्मशुद्धि की पुण्य वेला"-

Started by Atul Kaviraje, May 26, 2025, 10:21:27 PM

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Atul Kaviraje

🙏🏼🕉� दीर्घ हिंदी भक्ति कविता – "दर्श अमावस्या : आत्मशुद्धि की पुण्य वेला"-

📅 तिथि – 26 मई 2025, सोमवार (सोमवती अमावस्या)
🌑 विशेषता – पूर्ण अंधकार की रात, आत्मिक शांति, पितृ तर्पण, और ध्यान का पर्व
🎨 प्रतीक: 🌑🪔🧘🏻�♂️🕊�🌊🌿🙏🏼

🌑 कविता (7 चरण, प्रत्येक 4 पंक्तियाँ)
📜 सरल तुकबंदी | भक्ति और भावना से परिपूर्ण | हर चरण के नीचे हिन्दी अर्थ

1️⃣
🌑 अमावस की रात है भारी,
मन में बसी अज्ञानी ज्वारी।
सोम का संग लाया उजियारा,
अंतर में फैला मधुर सितारा।

📖 अर्थ:
अमावस्या की रात अंधकारमयी होती है, पर जब वह सोमवार से मिलती है तो आत्मा के भीतर प्रकाश और शांति का संचार होता है।

2️⃣
🪔 पितृजन की स्मृति जगाओ,
तर्पण से कर्ज चुकाओ।
जल में श्रद्धा का दीप बहाओ,
प्रेम का सन्देश फैलाओ।

📖 अर्थ:
इस दिन पितरों की पूजा और तर्पण का विशेष महत्व है। जल में दीप प्रवाहित कर श्रद्धा और प्रेम की अभिव्यक्ति की जाती है।

3️⃣
🌊 स्नान करो पवित्र नदी में,
तन-मन धोओ प्रभु स्मृति में।
गंगा, यमुना या तीर्थ जल,
शुद्ध हो जाता हर एक छल।

📖 अर्थ:
इस दिन नदी-स्नान का विशेष महत्त्व है। धार्मिक स्थलों में स्नान करने से शरीर और मन की शुद्धि मानी जाती है।

4️⃣
🧘�♂️ ध्यान धरें शिव के चरणों में,
मन लगाएँ हरि के मननों में।
शांत हो हर अशांत विचार,
मिले प्रभु से अनुपम उपहार।

📖 अर्थ:
सोमवती अमावस्या पर शिव-ध्यान और आत्मनिरीक्षण से मानसिक शांति और ईश्वरीय अनुभूति मिलती है।

5️⃣
🌿 पीपल वट को जल चढ़ाएँ,
सात परिक्रमा प्रेम से गाएँ।
धागा बांधें, मन में आस,
सभी बाधाएँ लें संन्यास।

📖 अर्थ:
पीपल और वट वृक्ष की पूजा इस दिन विशेष रूप से की जाती है, जिससे जीवन की परेशानियाँ दूर मानी जाती हैं।

6️⃣
🙏🏼 दान-पुण्य की हो परिपाटी,
अन्न-वस्त्र दें सच्ची भाटी।
जरूरतमंदों को दें सहारा,
यही अमावस्या का प्यारा इशारा।

📖 अर्थ:
इस दिन दान का विशेष महत्व होता है – अन्न, वस्त्र, और सेवा देना पुण्य का कार्य माना जाता है।

7️⃣
🕊� आत्मा को मिले नई दिशा,
मिले परम की मधुर भाषा।
दर्श अमावस दे वरदान,
सच्चे मन को स्वर्ग समान।

📖 अर्थ:
दर्श अमावस्या आत्मिक जागरण की रात होती है। यह ईश्वर से जुड़ने, आत्मा को नया मार्ग देने वाला पर्व है।

✨ संक्षिप्त निष्कर्ष:
दर्श अमावस्या, विशेषकर जब सोमवार को आती है (सोमवती), तो यह आत्मशुद्धि, पितृ शांति और मोक्ष प्राप्ति के लिए अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है।

🙏🏼 "भक्ति, शांति और समर्पण – यही अमावस्या का असली प्रकाश है।"
🌑🪔🧘�♂️🌿🕊�🌊📿

💐 शुभ सोमवती अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाएँ!

--अतुल परब
--दिनांक-26.05.2025-सोमवार. 
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