🌸 मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 🌸 दिनांक: 28 मई, 2025 - बुधवार-

Started by Atul Kaviraje, May 28, 2025, 10:33:27 PM

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Atul Kaviraje

प्रस्तुत है मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर एक सरल, अर्थपूर्ण और तुकबंदी के साथ दीर्घ हिंदी कविता, जिसमें 7 चरण, प्रत्येक में 4 पंक्तियाँ, साथ ही प्रत्येक चरण का संक्षिप्त अर्थ। साथ में चित्र, प्रतीक और इमोजी भी शामिल हैं।

🌸 मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 🌸
दिनांक: 28 मई, 2025 - बुधवार

कविता:
1.
मांझे चुप्पी का आवरण तोड़ो,
बोली खोलो, साहस जोड़ो।
मासिक धर्म का है ये दिन,
ज्ञान से करो हर घाव मिटाओ।

अर्थ: सामाजिक चुप्पी तोड़कर मासिक धर्म के बारे में खुलकर बात करें और ज्ञान से भ्रांतियाँ मिटाएं।

2.
स्वच्छता से बढ़े आत्मविश्वास,
सुलभ हो हर संसाधन खास।
लड़कियाँ हो जाएं स्वस्थ सदा,
उजियारा हो हर दिशा में।

अर्थ: स्वच्छता के कारण आत्मविश्वास बढ़ता है और सभी के लिए सुविधाएं उपलब्ध हों ताकि लड़कियाँ स्वस्थ रहें।

3.
शिक्षा से सशक्त बनाएं हम,
अपनी गरिमा का मान बढ़ाएं हम।
मासिक धर्म नहीं कोई कलंक,
इसे अपनाएं, समझें सम्मान।

अर्थ: शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को सशक्त बनाएं और मासिक धर्म को सम्मान के साथ स्वीकार करें।

4.
सुरक्षित साधन जब मिलेंगे,
तन-मन से खुशहाल होंगे।
रुकावटें सब दूर हटेंगी,
हर दिल में उमंग जागेगी।

अर्थ: सुरक्षित साधन मिलने से शरीर और मन स्वस्थ रहेंगे और जीवन में खुशी आएगी।

5.
चलिए मिलकर संदेश फैलाएं,
मासिक धर्म की बात बनाएं।
समाज में फैले जागरूकता,
बदले सोच और परंपराएं।

अर्थ: समाज में जागरूकता फैलाकर मासिक धर्म के प्रति सही सोच लाएं।

6.
हर लड़की को मिले समान अधिकार,
स्वच्छता में छुपा है संसार।
सपनों को उड़ान दे हम,
बंद करें हर बंधन और द्वार।

अर्थ: हर लड़की को बराबर अधिकार मिले और स्वच्छता उसके जीवन को बेहतर बनाए।

7.
मासिक धर्म दिवस की है ये पुकार,
सशक्त बने हर नवजवान प्यार।
साथ मिलकर बढ़ाएं कदम,
खुशहाल हो हर जीवन का घर।

अर्थ: मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की अपील है कि हर युवा सशक्त बने और साथ मिलकर खुशहाल जीवन बनाएं।

प्रतीक, चित्र और इमोजी:

🌸 फूल — स्वच्छता और नयी शुरुआत

💧 पानी — स्वच्छता का प्रतीक

👩�🎓 लड़की — शिक्षा और सशक्तिकरण

🤝 साथ — मिलजुल कर प्रयास

❤️ सम्मान और प्यार

सारांश:
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस महिलाओं और लड़कियों के जीवन में स्वच्छता, शिक्षा, और सम्मान का संदेश लेकर आता है। यह दिन सामाजिक कलंक तोड़ने, सुरक्षित साधन उपलब्ध कराने और जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। इससे उनकी गरिमा और आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलता है।

🌸💧👩�🎓🤝❤️
स्वच्छता से जीवन उज्जवल हो, जागरूकता से समाज प्रगट हो!

--अतुल परब
--दिनांक-28.05.2025-बुधवार.
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