श्री शिपलागिरी महाराज पुण्यतिथी (देगाव वळुज, तालुका-मोहोळ) 30 मई 2025, शुक्रवार-

Started by Atul Kaviraje, May 30, 2025, 10:33:52 PM

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Atul Kaviraje

नीचे प्रस्तुत है श्री शिपलागिरी महाराज पुण्यतिथी (30 मई 2025, शुक्रवार) पर एक सरल, सुंदर, अर्थपूर्ण और भक्तिभावपूर्ण हिंदी कविता — 7 चरणों में, प्रत्येक चरण 4 लाइनों का, साथ ही प्रत्येक चरण का संक्षिप्त अर्थ, चित्र और इमोजी के साथ।

श्री शिपलागिरी महाराज पुण्यतिथी
(देगाव वळुज, तालुका-मोहोळ)
30 मई 2025, शुक्रवार

चरण 1
शिपलागिरी महाराज, थे ज्ञान के दूत,
भक्ति से भरे मन में, प्रेम का है सूत्र।
देगाव वळुज के वीर, समाज के पुजारी,
सेवा और सद्गुणों से, जग सारा प्यारी।

अर्थ: महाराज ज्ञान और भक्ति के महान स्रोत थे। वे देगाव वळुज के समाज सुधारक थे, जिन्होंने सेवा और सद्गुणों को बढ़ावा दिया।

चरण 2
साधना और तपस्या, उनका जीवन था,
सत्य मार्ग पर चले, न कभी थके क़दम।
मोहाळ तालुका में, जगाई जो ज्योति,
आध्यात्म के दीप से, मिटाए अंधकार की टोली।

अर्थ: उन्होंने जीवन में साधना और तपस्या का महत्व समझा। उन्होंने मोहाळ क्षेत्र में आध्यात्मिक जागृति फैलाई।

चरण 3
संगत की सेवा में, कभी ना किया कंजूसी,
भक्तों के संकटों में, बने सच्चे साथी।
अपने आशीर्वाद से, दिया सबको बल,
शिपलागिरी महाराज, थे सबके मंगल दल।

अर्थ: वे भक्तों की सेवा में हमेशा तत्पर थे और संकट में उनका साथ देते थे। उनका आशीर्वाद सभी के लिए शुभ था।

चरण 4
जीवन का सच्चा अर्थ, बताया गुरु ने,
धर्म, प्रेम, और सच्चाई से, रिश्ते बुने।
अहंकार त्याग कर, सज्जन बनो सभी,
महाराज का संदेश है, यही जीवन पथ सही।

अर्थ: गुरु ने जीवन का मूल उद्देश्य बताया—धर्म, प्रेम और सच्चाई से जीवन को सजाना और अहंकार को त्यागना।

चरण 5
उनकी पुण्यतिथी पर, हम सब करें प्रण,
उनके दिखाए मार्ग पर, चले जीवन धन।
सच्चे भक्त बनकर, करें सेवा साथ,
मिलकर जगाएं फिर से, शिपलागिरी की बात।

अर्थ: उनकी पुण्यतिथी पर हम सब प्रण लें कि हम उनके मार्ग पर चलेंगे और सेवा का कार्य करेंगे।

चरण 6
श्रद्धा और विश्वास से, भर दें हृदय अपना,
उनकी शिक्षाओं को, अपनाएं गहराई से।
भक्तिभाव से जियें, सद्गुणों का मेला,
शिपलागिरी महाराज, रहें हमारे दिल में खेला।

अर्थ: हमें अपनी श्रद्धा और विश्वास से गुरु की शिक्षाओं को जीवन में अपनाना चाहिए।

चरण 7
देगाव वळुज का गौरव, हम सबको यह है दिया,
महाराज की पुण्यतिथी पर, हम सब ने किया व्रत।
उनके आदर्शों को, हम सदा अपनाएं,
शिपलागिरी महाराज की महिमा हम गाएं।

अर्थ: वे देगाव वळुज के लिए गर्व के स्रोत हैं। उनकी पुण्यतिथी पर हम व्रत कर उनके आदर्शों को सदा अपनाएंगे।

प्रतीक और इमोजी:

🙏 — श्रद्धा और भक्ति

🌟 — आध्यात्मिक ज्ञान और प्रकाश

🌿 — सेवा और सद्गुण

💛 — प्रेम और आशीर्वाद

🕯� — स्मरण और श्रद्धांजलि

🌸 — पुण्यतिथी का पावन अवसर

🤝 — समाज सुधार और एकता

यह कविता श्री शिपलागिरी महाराज के भक्तिभावपूर्ण जीवन और सेवा को श्रद्धापूर्वक याद करती है। उनकी पुण्यतिथी पर हम सब उनके आदर्शों को अपनाकर समाज में प्रेम और सेवा का संदेश फैलाएं।

🙏🌺

--अतुल परब
--दिनांक-30.05.2025-शुक्रवार.
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