📅 तारीख: 06 जून 2025 (शुक्रवार) 🕉️ व्रत: निर्जला स्मार्त एकादशी-

Started by Atul Kaviraje, June 06, 2025, 10:18:34 PM

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Atul Kaviraje

निर्जला स्मार्त एकादशी-

🌸 निर्जला स्मार्त एकादशी पर भावपूर्ण एवं विस्तृत हिंदी लेख 🌸
📅 तारीख: 06 जून 2025 (शुक्रवार)
🕉� व्रत: निर्जला स्मार्त एकादशी
📖 विषय: धार्मिक महत्व, आध्यात्मिक विवेचन, उदाहरण, प्रतीक और भक्तिभावपूर्ण प्रस्तुति सहित

🌼 परिचय – क्या है निर्जला स्मार्त एकादशी?
निर्जला एकादशी को 'भीम एकादशी' भी कहा जाता है। यह ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी होती है।
'निर्जला' का अर्थ होता है — "बिना जल के", यानी इस व्रत में अन्न और जल दोनों का पूर्ण त्याग किया जाता है।
स्मार्त परंपरा में यह एकादशी अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है और यह सभी एकादशियों का फल अकेले ही प्रदान करती है।

🪔 विशेषता:
जो व्यक्ति साल भर एकादशी नहीं कर पाता, वह केवल यह एक निर्जला एकादशी व्रत कर ले तो सभी एकादशियों का पुण्य फल उसे प्राप्त होता है।

🌿 धार्मिक पौराणिक कथा (उदाहरण सहित)
🌟 उदाहरण: भीमसेन और महर्षि व्यास संवाद
महाभारत के भीमसेन को खाने-पीने का अत्यधिक मोह था।
व्यास मुनि ने जब उन्हें सभी एकादशी व्रत करने को कहा तो भीमसेन बोले:

"गुरुवर! मैं अन्न के बिना नहीं रह सकता, लेकिन मैं धर्म का पालन करना चाहता हूं। कोई एक व्रत बताइए जिससे सभी एकादशी का फल मिल सके।"

📿 तब व्यास मुनि ने कहा:

"हे वत्स! ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को 'निर्जला' व्रत करो। इस दिन अन्न-जल का पूर्ण त्याग कर केवल भगवान विष्णु का स्मरण करो, यह सभी एकादशी का पुण्य देता है।"

🌺 व्रत की विधि और आचरण
🛐 पूर्व रात्रि से ही संयम और सात्विकता रखें।
🔔 सूर्योदय से पूर्व स्नान कर संकल्प लें – "मैं आज निर्जला एकादशी व्रत रखता/रखती हूँ।"
🌿 भगवान विष्णु का पूजन करें – तुलसी, गंगाजल, फूल, धूप-दीप से अर्चना करें।
📚 "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जप करें।
❌ अन्न, जल, फल, दूध आदि कुछ भी न लें – पूर्ण उपवास करें।
🙏 अगले दिन द्वादशी पर जल पीकर व्रत समाप्त करें और ब्राह्मण को अन्न/वस्त्र/दान दें।

✨ व्रत का आध्यात्मिक महत्व
🪷 यह व्रत आत्म संयम, त्याग और तपस्या का प्रतीक है।
🧘�♂️ निर्जला व्रत करने से आत्मा की शुद्धि होती है और इन्द्रियों पर नियंत्रण आता है।
📿 यह व्रत पापों का क्षालन करता है और मोक्ष की ओर अग्रसर करता है।

💫 प्रतीक, चिन्ह और अर्थ
🌟 प्रतीक   📖 अर्थ

💧 जल   जीवन, संयम का त्याग
🌞 सूर्य   आस्था, जागरूकता, तेज
🪔 दीप   ज्ञान, भक्तिभाव, आत्मिक प्रकाश
📿 माला   मंत्रजप, ध्यान, आत्मशुद्धि
🧘�♂️ साधक   आत्मनियंत्रण, तपस्या
🌺 फूल   प्रेम, समर्पण, सात्विकता

🙏 भक्तिभावपूर्ण संदेश
निर्जला एकादशी केवल उपवास नहीं, यह है –
👉 वासनाओं का नियंत्रण,
👉 आत्मा का उन्नयन,
👉 ईश्वर से आत्मीय संवाद का अवसर।

"जो स्वयं से जूझता है, वही सच्चे रूप में प्रभु से जुड़ता है।"

📖 निष्कर्ष (नैतिक सार)
निर्जला एकादशी हमें संयम, श्रद्धा और आत्म-साक्षात्कार की शिक्षा देती है।

यह एकादशी भीतर के अंधकार को मिटाकर, दिव्य प्रकाश की ओर ले जाती है।

इस दिन किया गया छोटा-सा भी तप और दान, अक्षय फल प्रदान करता है।

🎉 आप सभी को निर्जला एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
🌼 व्रत, भक्ति और सेवा से जीवन पवित्र हो — यही प्रार्थना है। 🙏
🌺 जय श्री विष्णु! 🌺

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-06.06.2025-शुक्रवार.
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