धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज जयंती (7 जून 2025, शनिवार)-

Started by Atul Kaviraje, June 08, 2025, 11:08:08 AM

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Atul Kaviraje

यहाँ धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज जयंती के अवसर पर एक सुंदर, अर्थपूर्ण, भक्तिभावपूर्ण हिंदी कविता प्रस्तुत है। इसमें 7 चरण हैं, प्रत्येक चरण में 4 पंक्तियाँ, सरल तुकबंदी के साथ। हर चरण के बाद उसका हिंदी अर्थ भी दिया गया है। साथ में इमोजी और प्रतीक भी हैं ताकि कविता और प्रभावशाली बने।

धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज जयंती
(7 जून 2025, शनिवार)

चरण 1
वीर शिवाजी के थे सपूत धर्मवीर,
संभाजी महाराज, थे मराठा की शिर।
धर्म, शौर्य, नीति का बने उदाहरण,
उनकी महिमा है देश की आन। ⚔️👑

अर्थ:
छत्रपति संभाजी महाराज वीर शिवाजी के पुत्र थे और धर्म तथा शौर्य के प्रतीक। वे मराठा साम्राज्य की महान शिरोमणि थे। उनका जीवन धर्म और नीति का आदर्श है।

चरण 2
जयंती मनाएं हम श्रद्धा से भारी,
संबल लें हम उनके अद्भुत काबिलीयों से।
धर्म के रक्षक, स्वाभिमान के पुजारी,
संभाजी महाराज थे वीरता के पुजारी। 🛡�🙏

अर्थ:
हम उनकी जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाते हैं। उनके अद्भुत कार्यों से हमें साहस और ताकत मिलती है। वे धर्म और स्वाभिमान के रक्षक थे।

चरण 3
दुश्मनों से लड़े, कभी न घबराए,
मराठा मर्यादा को उन्होंने बनाए।
धर्मवीर संभाजी ने इतिहास रचा,
शौर्य और सम्मान की नई मिसाल बनाई। 🗡�🔥

अर्थ:
संभाजी महाराज ने दुश्मनों का सामना साहस से किया और मराठा संस्कृति और मर्यादा को बनाए रखा। उनका इतिहास शौर्य की मिसाल है।

चरण 4
धर्म की डगर पर चलते रहे सदा,
सच्चाई और न्याय में रहते सदैव मचा।
शत्रु भी उन्हें देते थे सम्मान,
संभाजी की भक्ति थी सबके मन में महान। 🌺🕉�

अर्थ:
वे हमेशा धर्म और न्याय के मार्ग पर चलते रहे। शत्रु भी उनके साहस और भक्ति की प्रशंसा करते थे। उनकी भक्ति सभी के दिलों में थी।

चरण 5
कष्ट सहकर भी न छोड़ा धर्म का पाठ,
संभाजी ने जगाया मराठा का गाथ।
वीरता और भक्ति की जोड़ी अद्भुत,
उनका जीवन है सच्चा प्रेरणा स्रोत। 🌟📜

अर्थ:
संभाजी महाराज ने कठिनाइयों के बावजूद धर्म की शिक्षा नहीं छोड़ी। उन्होंने मराठा गौरव को जगाया। उनकी वीरता और भक्ति प्रेरणादायक है।

चरण 6
उनकी शौर्यगाथा आज भी गूँजती है,
हर मराठी के मन में बसती है।
धर्मवीर संभाजी का आदर करें,
उनके सच्चे नाम को सदैव जियें। 🕯�🙌

अर्थ:
संभाजी महाराज की वीरता आज भी जीवित है और हर मराठी के दिल में बसी है। हमें उनका सम्मान करना चाहिए और उनका नाम सदा स्मरण रखना चाहिए।

चरण 7
आओ मिलकर करें प्रण हम सभी,
संभाजी के संस्कार हम दिल से अपनाएं।
धर्म और शौर्य की छाप छोड़ें,
मराठा गौरव को हम बढ़ाएं। 🤝🌿

अर्थ:
आइए हम सब मिलकर प्रण लें कि संभाजी महाराज के आदर्शों को अपनाएंगे। धर्म और शौर्य की परंपरा को आगे बढ़ाएंगे और मराठा गौरव को बढ़ावा देंगे।

🖼� चित्र और प्रतीक:

⚔️ तलवार (वीरता)

👑 मुकुट (शासन)

🛡� ढाल (रक्षा)

🙏 भक्ति (श्रद्धा)

🕉� धर्म (आध्यात्म)

🌺 श्रद्धांजलि (सम्मान)

🕯� प्रकाश (ज्ञान)

🤝 मिलन (समर्पण)

🌟 प्रेरणा (आशा)

--अतुल परब
--दिनांक-07.06.2025-शनिवार.
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