📅 तिथि: 08 जून 2025 🪔 वार: रविवार 📖 व्रत: वट सावित्री व्रत (आरंभ दिवस)-

Started by Atul Kaviraje, June 09, 2025, 11:12:56 AM

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Atul Kaviraje

वट सावित्री व्रत आरंभ-

बिलकुल! नीचे 8 जून 2025 (रविवार) को आरंभ होने वाले वट सावित्री व्रत पर एक भक्तिभावपूर्ण, विस्तृत और प्रतीकों सहित लेख प्रस्तुत किया गया है। यह लेख धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से इस दिन के महत्व को उजागर करता है। इसमें हैं:

📿 व्रत की कथा

🕉� धार्मिक महत्व

🌳 प्रतीक और पूजा विधि

🌸 उदाहरण और जीवन संदेश

🙏 इमोजी, चित्र कल्पना और भावनात्मक निष्कर्ष

🌳✨ 08 जून 2025 (रविवार): वट सावित्री व्रत आरंभ – श्रद्धा, प्रेम और तपस्या का पर्व
📅 तिथि: 08 जून 2025
🪔 वार: रविवार
📖 व्रत: वट सावित्री व्रत (आरंभ दिवस)

🔱 व्रत का संक्षिप्त परिचय:
वट सावित्री व्रत मुख्यतः विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं।
यह व्रत सावित्री और सत्यवान की कथा पर आधारित है, जिसमें पत्नी ने अपने तप और बुद्धि से यमराज से अपने पति को जीवनदान दिलवाया।

🌿 वट वृक्ष (बरगद) का महत्व:
वट वृक्ष को त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का वास माना गया है।

इसकी जड़ें: ब्रह्मा

तना: विष्णु

शाखाएँ: शिव

इस वृक्ष की पूजा करने से जीवन में स्थायित्व, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

🌳🕉�🙏

📿 व्रत की कथा – सावित्री और सत्यवान की अमर गाथा:
सावित्री ने अपने तप, प्रेम और दृढ़ता से यमराज को परास्त किया और अपने मृत पति सत्यवान को फिर से जीवन दिलाया।

📖 कथा का सारांश:
सावित्री ने पति के प्राण ले जाते समय यमराज से धर्म, नीति और प्रेम पर चर्चा की। यमराज उसकी श्रद्धा और बुद्धि से प्रभावित होकर सत्यवान को जीवनदान देते हैं।

👫📿⚖️

🌸 पूजा विधि और परंपरा:
स्नान कर व्रत संकल्प लें

वट वृक्ष के नीचे पूजा की थाली सजाएं

कच्चा सूत (धागा) लेकर वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें

सावित्री-सत्यवान की मूर्ति या चित्र का पूजन करें

कथा श्रवण और फल, फूल, मीठा अर्पित करें

🌺🍎📜🌳

🪔 उदाहरण: आज की नारी में सावित्री का रूप
आज भी कई महिलाएं जीवन की कठिनाइयों में परिवार, बच्चों और पति के लिए दृढ़ता, बुद्धि और प्रेम का परिचय देती हैं।
सावित्री कोई काल्पनिक पात्र नहीं, बल्कि हर उस नारी का रूप है जो प्रेम और कर्तव्य के लिए लड़ती है।

🧕💪👩�👧�👦

🕉� इस दिन का आध्यात्मिक संदेश:
प्रेम केवल भावना नहीं, बलिदान और तपस्या का नाम है

व्रत केवल परंपरा नहीं, आस्था और आत्मबल का मार्ग है

वृक्षों की पूजा, प्रकृति से जुड़ाव और संतुलन की सीख देती है

🌿📿🧘�♀️🌞

🧘�♀️ ध्यान के लिए श्लोक:
"वट सावित्री नमस्तुभ्यं, वरदानार्थिनि सदा।
भक्त्या युक्ता मया नित्यं, पति सौभाग्य सिद्धये॥"

🙏🌸

🎨 प्रतीक और इमोजी सारणी
प्रतीक   अर्थ
🌳   वट वृक्ष – स्थायित्व व समृद्धि
📿   व्रत और तपस्या
👫   वैवाहिक प्रेम
🙏   श्रद्धा
🕉�   आध्यात्मिकता
🍎🌸   पूजा सामग्री

📝 निष्कर्ष:
वट सावित्री व्रत केवल पति की लंबी उम्र का प्रतीक नहीं, बल्कि यह नारी की शक्ति, त्याग, श्रद्धा और प्रकृति से जुड़ने का पर्व है।
8 जून 2025 से आरंभ हो रहा यह व्रत, हर नारी को उसकी आंतरिक सावित्री को पहचानने और जीवन में आत्मबल व प्रेम से आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

🎊 शुभकामनाएँ सभी मातृशक्तियों को – इस पावन व्रत पर श्रद्धा, सुख, सौभाग्य और शक्ति की प्राप्ति हो।
🌸🌳📿🙏✨

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-08.06.2025-रविवार.
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