प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण-

Started by Atul Kaviraje, June 11, 2025, 09:51:44 AM

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Atul Kaviraje

प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण-

चरण 1: प्राकृतिक संसाधनों की पहचान
जल, हवा, जंगल और मिट्टी,
खनिज, जीव, सब हैं अनमोल,
इनसे ही जीवन का है आधार,
संरक्षण करें, ये हैं हमारे शोल।

अर्थ: प्राकृतिक संसाधन हमारे जीवन के लिए आवश्यक हैं और हमें इन्हें पहचानकर संरक्षित करना चाहिए।

चरण 2: संसाधनों की सीमितता
संसाधन हैं सीमित, समझो बात,
जितना लो उतना ही बचाओ साथ,
भविष्य की पीढ़ियों का है अधिकार,
इनकी कमी से न हो कोई आघात।

अर्थ: संसाधनों की सीमितता को समझकर हमें उनका विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए ताकि भविष्य सुरक्षित रहे।

चरण 3: जल का महत्व
जल ही जीवन का है आधार,
बिना इसके सब सूना सा संसार,
बचाएं इसे, करें सही उपयोग,
जल है अमृत, ना हो इसका अपकार।

अर्थ: जल का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है; यह जीवन का अभिन्न हिस्सा है।

चरण 4: वनों का संरक्षण
जंगल हैं जीवन का एक सुंदर रूप,
वृक्षों से मिलता है हमें हर सुखदूप,
वृक्ष लगाएं, करें जंगलों की रक्षा,
प्रकृति का संतुलन, बना रहे सदा समूह।

अर्थ: वनों का संरक्षण आवश्यक है क्योंकि वे पर्यावरण संतुलन में सहायक होते हैं।

चरण 5: ऊर्जा का सही उपयोग
ऊर्जा है शक्ति, पर हो सावधानी,
बिजली, पेट्रोल का करें सही ख्याली,
नवीकरणीय स्रोतों पर ध्यान दें,
भविष्य की ऊर्जा, यही है हमारी कहानी।

अर्थ: ऊर्जा का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए, नवीकरणीय स्रोतों की ओर बढ़ना जरूरी है।

चरण 6: जीव-जंतुओं का महत्व
जीव-जंतु हैं धरती का अभिन्न हिस्सा,
इनके बिना न हो सकेगा जीवन का किस्सा,
संरक्षण करें, ये हैं हमारे साथी,
प्रकृति का संतुलन बनाए रखें सच्चा।

अर्थ: जीव-जंतुओं का संरक्षण जरूरी है, वे पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

चरण 7: सभी का योगदान
हम सब मिलकर करें प्रयास,
प्राकृतिक संसाधनों का करें संरक्षण खास,
सुरक्षित भविष्य की हो तैयारी,
प्रकृति की गोद में लाएं खुशहाली।

अर्थ: सभी को मिलकर प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में योगदान देना चाहिए ताकि भविष्य सुरक्षित रहे।

संकेत और प्रतीक:

💧 (जल)
🌳 (वृक्ष)
🌍 (पृथ्वी)
⚡ (ऊर्जा)
🦋 (जीव-जंतु)
🌱 (विकास)
इस कविता के माध्यम से हम प्राकृतिक संसाधनों के महत्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता को समझते हैं।

--अतुल परब
--दिनांक-10.06.2025-मंगळवार.
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