🌸🙏 श्री साईं बाबा और उनकी ‘गरीबों में भगवान’ की शिक्षा 🙏🌸🕉️🛕🪔👣🥣🌾🧎‍♂️

Started by Atul Kaviraje, June 13, 2025, 10:57:49 AM

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Atul Kaviraje

श्री साईं बाबा और उनकी 'गरीबों में भगवान' की शिक्षा-
(Shri Sai Baba and His Teachings of 'God in the Poor')

🌸🙏 श्री साईं बाबा और उनकी 'गरीबों में भगवान' की शिक्षा 🙏🌸
(भक्तिभावपूर्ण, अर्थपूर्ण, सरल तुकबंदी में 7 चरणों की दीर्घ हिंदी कविता, प्रतीकों, इमोजी और सरल हिंदी अर्थ सहित)

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🔶 चरण 1:
सादा वेश, चिर शांत स्वरूप,
शिरडी में थे जैसे प्रभु की धूप।
ध्यान में लीन, मौन में ज्ञान,
हर जन में देखा उन्होंने भगवान।

📖 अर्थ:
श्री साईं बाबा एकदम सादा जीवन जीते थे। शिरडी में उनका वास, जैसे भक्तों के लिए ईश्वर का तेज था। वे हर व्यक्ति में ईश्वर का दर्शन करते थे।

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🔶 चरण 2:
न मंदिर माँगा, न कोई सिंहासन,
मस्जिद में बसा उनका आवास-स्थान।
हर मज़हब को एक समान कहा,
सभी में ईश्वर का रूप दिखा।

📖 अर्थ:
साईं बाबा ने धर्म या पूजा के भेद को कभी नहीं माना। वे मस्जिद (द्वारकामाई) में रहते थे और सभी धर्मों को समान सम्मान देते थे।

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🔶 चरण 3:
भूखे को रोटी, नंगे को वस्त्र,
साईं ने बाँटे प्रेम के सच्चे मंत्र।
कहा— "गरीबों में बसा है राम,"
सेवा ही पूजा, यही था काम।

📖 अर्थ:
साईं बाबा ने हमेशा सिखाया कि सेवा ही ईश्वर की सच्ची पूजा है। उन्होंने जरूरतमंदों की मदद को ही भक्ति बताया।

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🔶 चरण 4:
ना ऊँच-नीच, ना जात-पात,
सबको अपनाया, किया साथ-साथ।
जो आया उनके चरणों में एक,
उसके जीवन से मिटा हर क्लेश।

📖 अर्थ:
उन्होंने भेदभाव नहीं किया। जो भी उनके पास आया, उन्होंने उसे प्रेम और समानता से अपनाया और उसके दुःख दूर किए।

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🔶 चरण 5:
दीपक जलाया हर दिल में,
सिखाया ईश्वर हर पल में।
बोले— "मुझमें कुछ नहीं है भिन्न,
बस देखो सबमें राम को चिंतन।"

📖 अर्थ:
साईं बाबा ने हर हृदय को प्रकाशित किया और सिखाया कि ईश्वर हर कण में है। उन्होंने स्वयं को अलग नहीं बताया, बल्कि सबमें ईश्वर देखने को कहा।

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🔶 चरण 6:
साईं नाम जपे जो नित्य,
उसके जीवन में हो उज्ज्वल दृष्टि।
संकट सारे भाग जाते हैं,
जब बाबा के चरणों में झुक जाते हैं।

📖 अर्थ:
जो भक्त श्रद्धा से साईं बाबा का नाम जपते हैं, उनके जीवन में सुख-शांति आती है और सारे संकट दूर हो जाते हैं।

📿🙏✨🕉�

🔶 चरण 7:
न धन माँगा, न स्वर्ग की चाह,
बस सेवा में ही बाबा की राह।
जो गरीबों को दे प्रेम-स्पर्श,
उसे ही मिलता बाबा का हर्ष।

📖 अर्थ:
साईं बाबा ने कभी धन या स्वर्ग की इच्छा नहीं की, बल्कि सेवा और करुणा को ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग बताया। गरीबों को प्रेम देने वाला ही उनका सच्चा भक्त है।

🌾❤️🤲👑

🕊� निष्कर्ष:
श्री साईं बाबा की शिक्षा हमें बताती है कि सच्चा ईश्वर मंदिर में नहीं, बल्कि भूखों, पीड़ितों और असहायों की सेवा में है।
जो 'गरीब में भगवान' को देखता है, वही साईं का प्रिय बनता है।

🌸 "सबका मालिक एक" 🙏
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--अतुल परब
--दिनांक-12.06.2025-गुरुवार.
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