बाबाजी महाराज की पुण्यतिथि-(सादगी, श्रद्धा और सेवा के स्वर)-

Started by Atul Kaviraje, June 13, 2025, 10:27:25 PM

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Atul Kaviraje

यह रही एक भावपूर्ण, सीधी-सादी, तुकबंदी सहित 7 चरणों की भक्ति-पूर्ण हिंदी कविता,
प्रत्येक चरण के अर्थ,
बाबाजी महाराज की पुण्यतिथि (📅 13 जून 2025, शुक्रवार) के अवसर पर —
स्थान: मंजरी, तालुका चिकोडी
🕉�📿🌼

🙏 बाबाजी महाराज की स्मृति में - एक भक्ति-कविता
(सादगी, श्रद्धा और सेवा के स्वर)
🎇📖🌺

🪔 चरण 1
गुरु कृपा की छाया में, जीवन सदा निखरता है,
बाबा के चरणों में झुके, मन हरदम सुधरता है।
जहाँ प्रेम हो सेवा में, वहाँ सत्य उभरता है,
बाबा जैसे संतों से ही, पथ सच्चा बनता है।

🔸 अर्थ:
गुरु की छाया से जीवन सुधरता है। बाबाजी जैसे संतों की सेवा और सान्निध्य ही हमें सच्चे मार्ग पर ले जाते हैं।
🙏🌿

🌸 चरण 2
भोर सवेरा साथ भजन, बाबा नाम की गूंज,
हर दिशा में शांति फैले, जैसे मीठी धूप-धूप।
मंजरी गाँव धन्य बना, गुरुचरणों की छांव,
बाबा का जीवन दीप बना, मिटे अज्ञान की छांव।

🔸 अर्थ:
बाबाजी के भजन और नाम के स्मरण से सारा वातावरण पवित्र और शांत हो जाता है। उनका जीवन ज्ञान का दीपक बना।
🪔📿🕊�

🌼 चरण 3
न थे वो महलों के वासी, न थाली में प्रसाद,
हृदय था उनका स्वर्णमय, वाणी में प्रभु संवाद।
सेवा, साधना, संयम में, जीवन बीता प्यारा,
हर जन में प्रभु को देखा, हर रूप में न्यारा।

🔸 अर्थ:
बाबाजी महाराज का जीवन सादगीपूर्ण था। उन्होंने हर प्राणी में ईश्वर को देखा और निःस्वार्थ सेवा को ही धर्म माना।
🧘�♂️🌺🧡

🛕 चरण 4
बालक हो या वृद्ध कोई, बाबा सबको एक समझते,
जाति-धर्म की दीवारें, प्रेम से सहज गिराते।
हर जन को देते उपदेश, सच्चे कर्म का ज्ञान,
आत्मा को ईश्वर से जोड़े, ऐसा था उनका ध्यान।

🔸 अर्थ:
बाबाजी ने कभी भेदभाव नहीं किया। उनका संदेश था – सब एक हैं, प्रेम ही सच्चा धर्म है।
🤝💖🕉�

🌻 चरण 5
कभी खेतों में सेवा की, कभी दिया जलाया,
भूखे को भोजन दिया, प्यासे को जल पिलाया।
उनकी करुणा असीम थी, जैसे गंगा की धारा,
उनकी स्मृति में आज भी, भाव बहता प्यारा।

🔸 अर्थ:
बाबाजी ने जीवनभर सेवा की – मानवता के लिए। उनकी करुणा और दया गंगा समान पावन थी।
🚿🌾🍲

🕊� चरण 6
आज पुण्यतिथि पर बाबा को, श्रद्धा सुमन अर्पण,
हृदय से याद करें उन्हें, करें जीवन का दर्शन।
बाबा की वाणी गूंजे फिर, सत्संगों के द्वार,
जग में फैले ज्ञान-प्रकाश, मिटे अज्ञान अंधकार।

🔸 अर्थ:
इस पुण्यतिथि पर हमें बाबाजी को श्रद्धा से याद कर उनके जीवन से सीख लेकर अंधकार से उजाले की ओर बढ़ना है।
🕯�🌄🧘

🌿 चरण 7
बाबा तुम अमर रहो, हर हृदय में ज्योति बने,
तेरी यादों की बगिया में, भक्ति-सुगंध बह चले।
मंजरी की इस पावन धरती पर, चरण पड़े जहाँ,
वहीं से जागे आत्मा, वहीं बसे भगवान।

🔸 अर्थ:
बाबाजी की स्मृति और भक्ति हर दिल में बनी रहे। मंजरी गाँव उनकी चरणरज से पवित्र हुआ है, वही हमें आत्मिक जागृति की ओर ले जाता है।
🌸🛕🧡

🔔 संक्षिप्त अर्थ
यह कविता बाबाजी महाराज के सेवा, भक्ति, साधना और करुणा से भरे जीवन की स्तुति करती है।
हर चरण में उनके कार्यों, विचारों और समाज में दिए गए अमूल्य योगदान की झलक है।

🖼� प्रतीक / चित्र और उनके अर्थ
📷 प्रतीक   🌟 अर्थ
🛕   संतों का पावन आश्रम
📿   जप, साधना
🌼   श्रद्धा सुमन
🧘�♂️   ध्यान, आत्मज्ञान
🙏   समर्पण
🌄   आध्यात्मिक जागरण
🕯�   प्रकाश, मार्गदर्शन

🙌 निष्कर्ष
"संत मरते नहीं, वे चेतना बनकर हमारे भीतर जीवित रहते हैं।"

बाबाजी महाराज जैसे संतों का जीवन हमें सिखाता है कि
👉 सच्ची पूजा सेवा है,
👉 सच्चा धर्म करुणा है,
👉 और सच्चा जीवन समर्पण है।

🕊� अंतिम भक्ति संदेश:
"हम सदा तुम्हारे चरणों में रहें बाबा,
तुम्हारी कृपा से हमारा अंतःकरण निर्मल बना रहे।"
🌸🕉�🙏

--अतुल परब
--दिनांक-13.06.2025-शुक्रवार.
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