यादवराज महाराज पुण्यतिथि-"यादवराज की अमर ज्योति"

Started by Atul Kaviraje, June 16, 2025, 10:27:35 AM

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Atul Kaviraje

🙏 भक्तिभावपूर्ण दीर्घ हिंदी कविता
📅 विषय: यादवराज महाराज पुण्यतिथि
📍 स्थान: धापेवाड़ा, नागपुर
🗓� तारीख: 15 जून 2025 – रविवार
🪔 भाव: श्रद्धा, भक्ति, प्रेरणा
🖼� प्रतीक, अर्थ, और इमोजी सहित

🌟 कविता शीर्षक: "यादवराज की अमर ज्योति"

🌼 चरण 1:
जिनकी वाणी में था प्रकाश,
संघर्षों में भी था विश्वास।
जन-जन के हित थे संकल्प,
संत वही, सच्चे विकल्प।

📖 अर्थ:
यादवराज महाराज की वाणी से ज्ञान की किरणें फैलती थीं। वे कठिन समय में भी विश्वास रखते और जनकल्याण को प्राथमिकता देते थे।

🕯� प्रतीक: 🔆 (प्रकाश), 🧘�♂️ (संतत्व), 🤝 (सेवा)

🌸 चरण 2:
धर्म नहीं बस कर्म की बानी,
हर जीव में देखी रमैनी।
भेदभाव को दूर हटाया,
मानवता का दीप जलाया।

📖 अर्थ:
उन्होंने कभी धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं किया, बल्कि हर प्राणी में ईश्वर को देखा। वे सच्चे मानवतावादी थे।

🕊� प्रतीक: 🫶 (मानवता), 🕯� (दीप), 🚫 (भेदभाव रहित जीवन)

🌻 चरण 3:
धापेवाड़ा की पावन धरती,
जग में गूँजे उनकी वाणी।
हर एक शब्द बना उपदेश,
हर नज़ारा संत की खोज।

📖 अर्थ:
धापेवाड़ा की भूमि संत यादवराज की उपस्थिति से पवित्र हुई, और उनकी वाणी आज भी प्रेरणादायक संदेश देती है।

📍 प्रतीक: 🏞� (धापेवाड़ा), 📜 (उपदेश), 🎶 (गूंज)

🌺 चरण 4:
गुरु न मानें सिर्फ़ कहे,
जो जीवन में रोशनी बहें।
शब्द नहीं बस कर्म रहे,
यादवराज ऐसे ही सहे।

📖 अर्थ:
सच्चा गुरु केवल बातों से नहीं, बल्कि कर्मों से पहचान लिया जाता है – जैसे यादवराज महाराज।

✨ प्रतीक: 👣 (गुरु मार्ग), 🔥 (कर्म की आंच), 💬 (सच्चे वचन)

🌹 चरण 5:
मंदिर नहीं, मन को पूजा,
सेवा में ही पाया दूजा।
संत वही जो साथ चले,
भटके को भी राह दिखाए।

📖 अर्थ:
यादवराज महाराज ने आडंबर नहीं किया, बल्कि मन की शुद्धि और सेवा को सच्ची भक्ति माना।

🕍 प्रतीक: 🧘�♀️ (आंतरिक साधना), ❤️ (सेवा), 🛤� (मार्गदर्शन)

🌼 चरण 6:
विरासत है उनका सिखाया,
हर युग ने उसको अपनाया।
आज भी मन मंदिर में बसते,
यादवराज, तुम अमर हो हृदय से।

📖 अर्थ:
उनकी दी हुई शिक्षा आज भी प्रासंगिक है, और लोग उन्हें अपने हृदय में बसाए हुए हैं।

📿 प्रतीक: 🧡 (हृदय), 🪔 (अमरज्योति), 📖 (शिक्षा)

🌸 चरण 7:
पुण्यतिथि पर अर्पित नमन,
श्रद्धा से सजे हर एक मन।
तेरे जैसा संत न दूजा,
साक्षात कृपा, जीवंत पूजा।

📖 अर्थ:
पुण्यतिथि के अवसर पर लोग पूरी श्रद्धा से उन्हें याद करते हैं। उनका जीवन ही साक्षात पूजन है।

🕊� प्रतीक: 🪷 (श्रद्धा), 🙏 (नमन), 🌸 (पवित्रता)

✨ संक्षिप्त भावार्थ:
यादवराज महाराज केवल संत नहीं, एक प्रेरणा स्रोत थे। उनके जीवन से हमें सेवा, मानवता, सदाचार, और त्याग की सीख मिलती है। उनकी पुण्यतिथि पर यह कविता श्रद्धा का पुष्प है।

🖼� कल्पनाशील चित्र/प्रतीक:
🔆 – ज्ञान की रोशनी
🪔 – संतों की अमर ज्योति
🛕 – भक्ति का मंदिर
🧘�♂️ – ध्यान और तपस्या
🌸 – श्रद्धा के फूल
📜 – उपदेशों का ग्रंथ
🕊� – शांति व मानवता

🙏जय संत श्री यादवराज महाराज की! 🌼

--अतुल परब
--दिनांक-15.06.2025-रविवार.
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