राजमाता जिजाऊ पुण्यतिथि-"शक्ति की जननी – राजमाता जिजाऊ"

Started by Atul Kaviraje, June 18, 2025, 10:08:48 AM

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Atul Kaviraje

राजमाता जिजाऊ साहेब की पुण्यतिथि (17 जून, तिथि अनुसार)।
यह कविता श्रद्धांजलि है उस वीर मातृशक्ति को जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे राष्ट्रनायक को संस्कार, स्वाभिमान और स्वराज्य का अमृत पिलाया।

7 चरणों की भक्तिभावपूर्ण दीर्घ हिंदी कविता

प्रत्येक चरण में 4 पंक्तियाँ

प्रत्येक का सरल हिंदी अर्थ

साथ में प्रतीक, चित्रात्मक भाषा, और भावनात्मक इमोजी

🌸 कविता शीर्षक: "शक्ति की जननी – राजमाता जिजाऊ"

🏔� चरण 1:
सह्याद्रि की छाया में जन्मी, तेजस्विनी एक दीप बनी 🕯�
धैर्य, नीति और धर्म-संस्कृति की, वह साक्षात प्रतीक बनी 📿
कुशलता, करुणा और विवेक से, हर कठिनाई जीत ली 🛡�
राजमाता थी वो, जिनकी ममता में स्वराज्य बीज सनी 🌱

अर्थ:
राजमाता जिजाऊ सह्याद्रि की तरह अडिग थीं, जिन्होंने शिवाजी को धर्म और स्वराज्य का मार्ग दिखाया।

👑 चरण 2:
कोख में पाला सिंह को, संस्कारों का दिया मूल 🔥
रातों में कथा सुनाकर, भरा उसे वीरता का फूल 📖
धर्मरक्षा, न्याय की बातें, उसकी सांसों में गूंथी 💬
राज नहीं, रजतिलक से पहले माटी को माँ मान दी 👣

अर्थ:
उन्होंने शिवाजी महाराज को न केवल जन्म दिया, बल्कि उन्हें धर्म, न्याय और राष्ट्रसेवा से ओतप्रोत किया।

⚔️ चरण 3:
शब्दों में शस्त्र था उनका, आदेशों में नीति थी ✍️
संघर्षों में भी उनकी आँखों में शांति थी 🕊�
शत्रु देख काँपे, जब पुत्र बना वज्र समान ⚡
और पीछे खड़ी माँ थी, जैसे शक्ति की खान 💪

अर्थ:
जिजाऊ का तेज इतना था कि उनका साया भी शिवाजी को वज्र की तरह दृढ़ बनाता था।

🌺 चरण 4:
नारी को दुर्बल कहने वालों को उत्तर बन गई 🚫
गृह से गढ़ तक, हर युद्ध में प्रेरणा बन गई 🏰
शिवनेरी की दीवारों में उनका आशीर्वाद था 🙌
हर स्त्री में जगाए उन्होंने आत्मगौरव का स्वाद 👑

अर्थ:
उन्होंने दिखाया कि नारी केवल गृहस्थ की नहीं, राष्ट्रनिर्माण की भी आधारशिला हो सकती है।

📿 चरण 5:
मंत्र सिखाए, धर्म बताए, आदर्शों की मूरत बनी 📜
कठिन समय में साहस दे, माँ के रूप में पूज्य बनी 🕉�
सत्ता नहीं, संस्कृति सिखाई; तलवार नहीं, नीति थमाई ⚖️
शिवाजी की शक्ति नहीं, वो उसकी आत्मा में समाई 🧘

अर्थ:
जिजाऊ केवल राजनीति नहीं, बल्कि संस्कृति, नीति और आत्मबल की सजीव मूर्ति थीं।

🌄 चरण 6:
पुण्यभूमि की पुण्यगाथा, जिजाऊ के गुणगान बिना अधूरी 🏞�
साम्राज्य की हर ईंट में है माँ की सीख ज़रूरी 🧱
जिसका आँचल बना ध्वज, और लोरी बनी रणधुन 🎶
उस माँ के चरणों में समर्पित, भारत की यह धड़कन 💓

अर्थ:
स्वराज्य की नींव में जिजाऊ का संस्कार है – उनके बिना मराठा इतिहास अपूर्ण है।

🌟 चरण 7:
आज भी गूंजता है नाम उनका, हर माँ में उनका अंश है 🤱
हर नारी जब साहस करे, उसमें जिजाऊ का स्पर्श है 🌺
श्रद्धा से नहीं, कर्म से दो उन्हें सच्चा सम्मान 🙏
राजमाता जिजाऊ – मातृशक्ति का अमर प्रमाण 🔱

अर्थ:
जिजाऊ केवल इतिहास नहीं, हर नारी की प्रेरणा हैं – उन्हें सम्मान शब्दों से नहीं, आचरण से देना होगा।

💐 भावपूर्ण श्रद्धांजलि:
"राजमाता जिजाबाई भोसले" – मातृशक्ति, नीति की मूर्ति,
स्वराज्य की जननी और भारत माता की सजीव प्रतिमा को कोटिशः नमन 🙏🇮🇳

--अतुल परब
--दिनांक-17.06.2025-मंगळवार.
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