🌸 कविता शीर्षक: "चेरी-सा रस, प्रभु का स्पर्श" 🌸

Started by Atul Kaviraje, June 18, 2025, 10:11:19 AM

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Atul Kaviraje

यह रही 17 जून 2025 (मंगलवार) राष्ट्रीय चेरी टार्ट दिवस के अवसर पर एक भक्तिभाव पूर्ण, सुंदर, सरल और अर्थपूर्ण दीर्घ हिंदी कविता, जिसमें है:

07 चरण (प्रत्येक में 04 पंक्तियाँ)

प्रत्येक चरण का सरल हिंदी अर्थ

तुकबंदी, भक्ति, स्वाद और जीवन के प्रतीक

इमोजी और प्रतीक 🍒🪷🕉�✨

🌸 कविता शीर्षक: "चेरी-सा रस, प्रभु का स्पर्श" 🌸

चरण १�⃣
चेरी की मस्ती, खट्टी-मीठी बात, 🍒
जैसे भक्ति में छुपा हो प्रभु का साथ।
हर स्वाद में जब तू समा जाए,
मन-रसोई दिव्यता से भर जाए। 🌈🙏

अर्थ:
चेरी टार्ट का खट्टा-मीठा स्वाद जीवन की भक्ति से जुड़ा अनुभव देता है। जब हम हर स्वाद में प्रभु को देखें, तो वह अनुभव दिव्य हो जाता है।

चरण २�⃣
टार्ट की परतें जैसे जीवन की राह, 🧁
कभी कठिन, कभी सरल, पर तुझसे चाह।
तेरा नाम हो हर परत के साथ,
तो कटुता भी बन जाए मिठास की बात। 🍬🕉�

अर्थ:
टार्ट की परतें जीवन की तरह होती हैं—कभी कठिन, कभी आसान। जब हर परत में प्रभु का नाम जुड़ जाए, तब कठिनाइयाँ भी मीठी लगने लगती हैं।

चरण ३�⃣
मक्खन की नरमी, जैसे तेरा स्नेह, 🧈
मन को दे ठंडक, दे परम गेह।
तेरी कृपा जब पिघलती है यूँ,
जीवन की तपन भी शांत हो जाए सूँ। ❄️💖

अर्थ:
मक्खन की कोमलता ईश्वर के प्रेम का प्रतीक है। उनका स्नेह हर तपन और दुख को शांत कर देता है।

चरण ४�⃣
ओवन की आँच में जब पकती भावना, 🔥
भक्ति की तपस्या बनती साधना।
तेरे चरणों में चढ़े यह प्रसाद,
जीवन हो तुझसे सदा आबाद। 🙇�♂️🌸

अर्थ:
जैसे टार्ट ओवन में पकती है, वैसे ही भक्ति भी तपस्या में निखरती है। जब यह मिठाई प्रभु को समर्पित होती है, तो वह प्रसाद बन जाती है।

चरण ५�⃣
टार्ट का रंग, लाल-सा प्रीत, ❤️
जैसे राधा ने कान्हा से की जीत।
प्रेम रस जब अंदर से बहे,
तो जीवन भी मधुरता से सहे। 🎶👁��🗨�

अर्थ:
चेरी टार्ट का लाल रंग प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। जब प्रेम भीतर से बहता है, तो जीवन मधुर हो जाता है।

चरण ६�⃣
मिशिगन का पर्व, पर तुझसे जुड़ा, 🇺🇸🍒
हर उत्सव में तेरा नाम ही गूंजा।
किसी दुकान से लाओ या खुद बनाओ,
पर पहले तुझे अर्पण कर मिठास बढ़ाओ। 🛐🎁

अर्थ:
मिशिगन का चेरी टार्ट उत्सव एक सांसारिक पर्व है, लेकिन जब इसे प्रभु को समर्पित करते हैं, तब वह भक्ति का साधन बन जाता है।

चरण ७�⃣
१७ जून का यह मंगल दिवस, 📅🌞
बन जाए तुझसे मिलने का एक उपदेश।
हर मिठाई, हर परंपरा में तू,
मन कहे - "हे प्रभु, मैं बस तेरा ही हूँ!" 🕉�💫

अर्थ:
यह दिवस केवल मिठाई के लिए नहीं, बल्कि भक्ति की अनुभूति का माध्यम है। हर स्वाद, हर परंपरा में प्रभु का अंश दिखाई दे।

🍒 समापन संदेश:
"चेरी की मिठास, जब श्रद्धा से मिले — तब वो केवल मिठाई नहीं, एक प्रसाद बन जाती है।" 🌺🙏

--अतुल परब
--दिनांक-17.06.2025-मंगळवार.
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