🛡️ कविता शीर्षक: "सुरक्षा का साया, समाज का दायित्व" 🕊️

Started by Atul Kaviraje, June 18, 2025, 10:11:59 AM

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Atul Kaviraje

यह रही एक दीर्घ हिंदी कविता — सरल, तुकबंदीयुक्त, अर्थपूर्ण — जिसमें सामाजिक सुरक्षा जैसे गंभीर विषय को भावनात्मक और प्रतीकात्मक शैली में प्रस्तुत किया गया है।

✍️ कुल 07 चरण (हर चरण में 04 पंक्तियाँ)

📜 प्रत्येक चरण के बाद सरल हिंदी अर्थ

🕊� भावना, मानवता और सामाजिक न्याय का मिश्रण

🧩 इमोजी और प्रतीक चिह्नों के साथ प्रस्तुति

🛡� कविता शीर्षक: "सुरक्षा का साया, समाज का दायित्व" 🕊�

चरण १�⃣
जीवन की राहों में जब छाए धुंध, 🌫�
आशा की लौ न बुझे, रहे थोड़ी सुगंध। 🕯�
सामाजिक सुरक्षा बने दीपक समान,
हर अंधेरे में दे वह जीने का स्थान। 🏠✨

🔹 अर्थ:
जब जीवन कठिन हो, तब सामाजिक सुरक्षा एक दीपक की तरह रोशनी देती है और हर व्यक्ति को जीने की उम्मीद प्रदान करती है।

चरण २�⃣
बेरोज़गारी की आँधी जब उड़ा ले रोजगार, 💨🧑�🔧
सरकार बने सहारा, दे सम्मान और आधार। 📑
राशन हो, भत्ता हो, शिक्षा या काम,
हर हाथ को दो, उसका खुद का मुकाम। 🤝📚

🔹 अर्थ:
बेरोज़गारी के समय सामाजिक सुरक्षा योजनाएं व्यक्ति को जीने का सहारा देती हैं — भोजन, शिक्षा, और काम की ओर बढ़ने का मौका।

चरण ३�⃣
बीमारी जब छीन ले तन की शांति, 🏥
सामाजिक सहायता दे जीवन की गारंटी। 💉
दवा, डॉक्टर और देखभाल हो पास,
स्वास्थ्य में ही छिपा है जीवन का प्रकाश। 🩺🌞

🔹 अर्थ:
बीमारी के समय सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं व्यक्ति की रक्षा करती हैं, जिससे वह स्वस्थ होकर फिर से जीवन में आगे बढ़ सके।

चरण ४�⃣
वृद्धावस्था में जब साथ छूट जाए, 👵👴
सामाजिक पेंशन सहारा बन जाए। 💰
न हो बोझ किसी पर, न हो अपमान,
सम्मानित जीवन बने उनका सम्मान। 🪔🛏�

🔹 अर्थ:
बुजुर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा एक आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने की कुंजी है।

चरण ५�⃣
अपंगता जब छीन ले गति की रेखा, ♿
तब सहारा बने समाज की नेक राहें। 👥
सुगम जीवन, साधन और साथ,
हो हर नागरिक का पूरा अधिकार। ⚖️🏞�

🔹 अर्थ:
शारीरिक अक्षमता के बावजूद सामाजिक सुरक्षा व्यक्ति को जीने और आत्मनिर्भर बनने का अधिकार देती है।

चरण ६�⃣
मृत्यु के बाद जो छोड़ दे खालीपन, ⚰️
सरकार संभाले उनका जन-जीवन। 👩�👧�👦
बच्‍चों का पालन, विधवा का मान,
सुरक्षा हो उनका भी अधिकार समान। 🌹👪

🔹 अर्थ:
मृत्यु के बाद परिवार की मदद करना सामाजिक सुरक्षा की एक पवित्र जिम्मेदारी है।

चरण ७�⃣
सुरक्षा का ढांचा न हो केवल कागज़ी, 🧾
बल्कि हो ज़मीन पर असरदार और सजीव। 🏛�
समाज जब सबका दर्द अपनाए,
तभी सच्ची मानवता सामने आए। 🕊�🌍

🔹 अर्थ:
सामाजिक सुरक्षा की सफलता तभी है जब वह केवल योजना न रहकर ज़मीनी हकीकत बने — सबके लिए, बराबरी से।

📜 समापन संदेश:
"सामाजिक सुरक्षा वह छत है जो जीवन की बारिश में भीगने से बचाती है। यह अधिकार नहीं, दया नहीं — यह हर नागरिक का सहज सम्मान है।" 🛡�🌧�

--अतुल परब
--दिनांक-17.06.2025-मंगळवार.
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