🌺 राजमाता जीजाऊसाहेब भोसले पुण्यतिथि-20 जून 2025 – शुक्रवार-

Started by Atul Kaviraje, June 21, 2025, 11:26:36 AM

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Atul Kaviraje

राजमाता जीजाऊसाहेब भोसले पुण्यतिथि-तिथि के अनुसार-

यह रहा आपका भक्तिभाव पूर्ण, विस्तृत, चित्रों, प्रतीकों व इमोजी सहित हिंदी लेख – जो राजमाता जीजाऊसाहेब भोसले की महान जीवन यात्रा, उनके कार्यों, तथा उनकी पुण्यतिथि (तिथि अनुसार) पर केंद्रित है। लेख को १० प्रमुख बिंदुओं में विभाजित किया गया है।

🌺 राजमाता जीजाऊसाहेब भोसले : एक दिव्य चरित्र की गौरवगाथा 🌺
📅 पुण्यतिथि (तिथि अनुसार): ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी
🗓� 20 जून 2025 – शुक्रवार

1. 👑 परिचय : कौन थीं राजमाता जीजाऊ?
राजमाता जीजाबाई भोसले, जिन्हें श्रद्धापूर्वक "जीजाऊसाहेब" कहा जाता है, मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की माता थीं। उनका जन्म १२ जनवरी १५९८ को सिंधखेड राजा (जिला बुलढाणा, महाराष्ट्र) में हुआ था। वे एक उच्च चरित्र, वीरता, धर्मनिष्ठा व दूरदर्शिता की प्रतीक थीं।

🔸 उनका असली नाम था – जीजा बाई जाधव।
🔸 विवाह – शहाजी राजे भोसले से हुआ।
🔸 पुत्र – शिवाजी महाराज, जिन्होंने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की।

2. 👶 शिवाजी महाराज की शिक्षा की नींव
👩�👦 राजमाता जीजाऊ ने शिवाजी महाराज को बाल्यकाल से ही धर्म, न्याय, शौर्य, और प्रजाहित के सिद्धांतों से अवगत कराया।

📜 रामायण, महाभारत, तथा भगवद्गीता जैसे ग्रंथों से उन्होंने शिवाजी को संस्कार व प्रेरणा दी।

🕯� "राजा को प्रजा का सेवक होना चाहिए" – यह विचार जीजाबाई ने शिवाजी के चरित्र में रोपित किया।

3. 🏰 हिन्दवी स्वराज्य का सपना : जीजाऊ की दूरदृष्टि
🕊� जीजाऊ ने बार-बार शिवाजी को यह प्रेरणा दी कि भारतभूमि स्वतंत्र होनी चाहिए।
उन्होंने यह स्वप्न देखा कि "हिन्दवी स्वराज्य" की स्थापना हो – जहाँ धर्म, संस्कृति और स्वतंत्रता को सम्मान मिले।

🔱 शिवाजी का शपथ लेना रायगढ़ किले पर – "स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है" – जीजाऊ की प्रेरणा से ही हुआ।

4. 🧵 धर्मरक्षक और नीति की प्रतीक
⚖️ जीजाऊ ने हमेशा धर्म, न्याय और नीति की रक्षा की। उन्होंने कभी भी अधर्म, अन्याय या अत्याचार को स्वीकार नहीं किया।

🌺 उन्होंने हर संकट में प्रबल आस्था और विवेक से मार्गदर्शन दिया। उनकी सोच थी –
👉 "न्याय के लिए तलवार उठाना पाप नहीं, कर्तव्य है।"

5. ⚔️ रणनीति व राज्य संचालन में योगदान
जब शिवाजी महाराज युद्ध में व्यस्त रहते, तब जीजाऊसाहेब ने राजनीतिक निर्णय, प्रशासन और जन कल्याण कार्य संभाले।
🌾 उन्होंने कृषि, जलप्रबंधन और स्त्री-सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया।

🛕 धार्मिक व सांस्कृतिक पुनरुत्थान में उनका बड़ा हाथ था।

6. 🌸 स्त्री शक्ति की प्रेरणा : आज के युग के लिए संदेश
🧕 जीजाऊ केवल एक राजमाता नहीं थीं, वे एक महिला नेता, विचारक, और आदर्श माँ थीं।
उनका जीवन यह दिखाता है कि एक नारी, सहनशीलता के साथ-साथ निर्णय शक्ति व नीति की जननी भी हो सकती है।

🚺 आज की महिलाओं के लिए वे नेतृत्व, मातृत्व और राष्ट्रभक्ति का महान आदर्श हैं।

7. 🛡� कठिनाइयों में अडिग – संकटों से नहीं डरीं
जीजाऊ के जीवन में कई कठिन परिस्थितियाँ आईं –
🔸 पति शहाजी को मुगल दरबार में बंधक बनाया गया
🔸 पुत्रों का युद्ध में बलिदान
🔸 शिवाजी पर संकट
परंतु वे कभी विचलित नहीं हुईं। उनका धैर्य, विश्वास और विवेक सदा अडिग रहा।

💫 "संघर्ष में ही सच्ची शक्ति का जन्म होता है" – यह उनका जीवन मंत्र था।

8. 🕊� जीजाऊ की पुण्यतिथि का महत्व (ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी)
👉 20 जून 1674 को, राजमाता जीजाऊ का निधन हुआ – अर्थात उनकी पुण्यतिथि ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी को मनाई जाती है।

🏞� इस दिन महाराष्ट्र और पूरे भारत में राजमाता की प्रेरणा को याद कर श्रद्धांजलि दी जाती है।
🪔 मंदिरों, स्मारकों व घरों में दीप जलाकर, स्मरण सभा, पाठ व भजन का आयोजन होता है।

9. 📚 प्रेरक प्रसंग : कुछ उदाहरण
🔹 जब अफजल खान के विरुद्ध शिवाजी जा रहे थे, तो जीजाऊ ने आशीर्वाद देते हुए कहा –
"तू धर्म के लिए जा रहा है, मैं तुम्हारे विजय की प्रतीक्षा करूँगी, पर यदि धर्म के विरुद्ध गया तो तुम मेरा पुत्र नहीं।"

🔹 शिवाजी के राज्याभिषेक के समय, उन्होंने कहा –
"यह राज्य मेरा सपना था, अब तुमने उसे साकार किया।"

10. 🌟 निष्कर्ष : युगों तक अमर प्रेरणा
🙏 राजमाता जीजाऊ का जीवन एक पवित्र अग्नि की तरह है – जो न केवल इतिहास में बल्कि हर माँ, हर महिला, और हर राष्ट्रभक्त के हृदय में जलती रहेगी।

📜 उनका नाम इतिहास नहीं, प्रेरणा है।
🇮🇳 वे भारतमाता की एक सच्ची वीरांगना थीं, हैं और रहेंगी।

🖼� प्रतीक और चित्रों के माध्यम से सम्मान
🔱 राजमाता जीजाऊ का चित्र – सिंहासन के पास, हाथ में गीता
🛕 तुलजाभवानी मंदिर, जहां वे पूजा करती थीं
🪔 दीपक – उनकी निष्ठा का प्रतीक
⚔️ तलवार और धर्मध्वज – धर्म के लिए उनका त्याग
🌸 कमल – पवित्रता व मातृत्व का प्रतीक

✨💐 श्रद्धांजलि संदेश 💐✨
🕊� "राजमाता जीजाऊसाहेब को सादर नमन। उनका त्याग, शिक्षा और प्रेरणा हमारे जीवन को आलोकित करती रहे।"

--संकलन
--अतुल परब
--दिनांक-20.06.2025-शुक्रवार.
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