🌼 कान्हा की नटखट लीलाएँ 🌼

Started by Atul Kaviraje, June 29, 2025, 03:07:00 PM

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Atul Kaviraje

🌼 कान्हा की नटखट लीलाएँ 🌼

१.
"शरारत" करके, कहाँ छिपे हो,
नाम तुम्हारा बताऊँगी यशोदा से।
"गोकुल की ग्वालन" प्रेम से बोली,
"कान्हा ने" मेरी "शरारत ही" की है।

अर्थ: हे कान्हा, शरारत करके तुम कहाँ छिप गए हो? मैं तुम्हारा नाम यशोदा को बताऊँगी! गोकुल की एक ग्वालन ने प्रेम से कहा कि कान्हा ने मुझसे शरारत ही की है।
भाव: इसमें ग्वालन का कृष्ण के प्रति लाड़ भरा गुस्सा और प्रेम व्यक्त होता है, जहाँ शरारतें करना उनके बीच के मासूम प्रेम का हिस्सा है।

२.
यमुना किनारे बजाए बाँसुरी,
मोहित कर दे सभी जीवों को।
"दही की हांडी" फोड़े नटखट,
माँ यशोदा, तुम उसे रोको।

अर्थ: यमुना नदी के किनारे वह बाँसुरी बजाता है और सभी जीवों को मोहित कर देता है। वह नटखट दही की हांडी फोड़ता है, माँ यशोदा, तुम उसे रोको।
भाव: कृष्ण की बाँसुरी और उसकी शरारतों का वर्णन, जहाँ बाँसुरी उसकी मोहकता और हांडी फोड़ना उसका चंचल स्वभाव दर्शाता है।

३.
"माखन" चुराकर खाए चुपचाप,
"गोपियाँ" देखें उसे दूर से ही।
"नखरे" उसके कितने अनोखे,
मन मोह लें प्यारे सभी।

अर्थ: वह माखन चुराकर चुपचाप खाता है, और गोपियाँ उसे दूर से ही देखती हैं। उसके नखरे कितने अनोखे हैं, जो सभी का मन मोह लेते हैं।
भाव: कृष्ण की माखन चुराने की शरारत और गोपियों का उस पर मासूम स्नेह इसमें दिखता है।

४.
"कालिंदी" के पानी में खेले,
"सखाओं" संग धूम मचाए।
"वस्त्र" चुराकर पेड़ पर रखे,
"कान्हा" हँसे, गोपियाँ शरमाएँ।

अर्थ: वह कालिंदी (यमुना) नदी के पानी में खेलता है, अपने मित्रों के साथ मस्ती करता है। वह वस्त्र चुराकर पेड़ पर रखता है, और कान्हा हँसता है, जिससे गोपियाँ शरमाती हैं।
भाव: कृष्ण की वस्त्रहरण की प्रसिद्ध शरारत, जो उसकी बाल लीलाओं और चंचल स्वभाव का अभिन्न अंग है।

५.
फूलों से सजाए "मोरपंख" सिर पर,
देखकर उसे मन तृप्त हो।
"राधा" संग खेले रासलीला,
"शरारतें" उसकी मन को भाए उसे।

अर्थ: फूलों से सजा मोरपंख वह सिर पर लगाता है, उसे देखकर मन तृप्त हो जाता है। राधा के साथ रासलीला खेलता है, उसकी शरारतें मन को अच्छी लगती हैं।
भाव: कृष्ण का सौंदर्य और रासलीला, जहाँ उसकी शरारतें भी प्रेम का ही एक हिस्सा हैं।

६.
"लोरी" गाकर यशोदा सुलाए,
फिर भी "बालक" शरारतों से छेड़े।
"माँ" कहकर पुकारे वह,
"प्रेम से" माँ उसे गले लगाए।

अर्थ: यशोदा लोरी गाकर उसे सुलाती है, फिर भी वह बालक शरारतों से छेड़ता है। 'माँ' कहकर वह पुकारता है, और माँ उसे प्रेम से गले लगाती है।
भाव: माँ यशोदा और कृष्ण का शुद्ध रिश्ता, जहाँ शरारतों के बावजूद माँ का प्रेम कभी कम नहीं होता।

७.
ऐसा यह "कान्हा" सबका प्यारा,
"गोकुल का" राजा, नटखट बालक।
"शरारतें" भले ही करे, फिर भी प्यारा,
"भक्ति से" स्मरण करने पर दे वह सहारा।

अर्थ: ऐसा यह कान्हा सबका प्यारा है, गोकुल का राजा, नटखट बालक। शरारतें भले ही करे, फिर भी वह प्यारा है, भक्ति से उसका स्मरण करने पर वह सहारा देता है।
भाव: कृष्ण की शरारतों में मिठास और उसकी भक्तों पर कृपा पर जोर दिया गया है।

🌅 प्रतीक और इमोजी (Symbols & Emojis):

👶 कान्हा (Kanha): छोटा कृष्ण, मासूमियत और शरारत।

🌳 गोकुल (Gokul): प्रकृति की शांति और कृष्ण की लीलाओं का स्थान।

🧈 माखन (Butter): कृष्ण की पसंदीदा वस्तु और उसकी चोरी की शरारतें।

🎶 बाँसुरी (Flute): कृष्ण का संगीत और मोहकता।

💃 गोपियाँ (Gopis): कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति का प्रतीक।

🌸 मोरपंख (Peacock Feather): कृष्ण का सौंदर्य और मुकुट।

💖 प्रेम (Love): कृष्ण की शरारतों में और भक्तों के मन में प्रेम।

🙏 भक्ति (Devotion): कृष्ण के प्रति श्रद्धा और समर्पण।

😊 आनंद (Joy): कृष्ण की लीलाओं से मिलने वाला आनंद।

🧾 इमोजी सारांश (Emoji Summary):

यह कविता 👶 कान्हा की 🌳 गोकुल में 🎶 बाँसुरी और 🧈 माखन की 💖 प्रेम से भरी शरारतों का वर्णन करती है। गोपियों की 💃 हँसी और 🌸 मोरपंख की सुंदरता से उसका 👶 नटखट स्वभाव दिखता है। अंत में, वह 💖 प्रेम और 🙏 भक्ति से सभी को 😊 आनंद देता है।

--अतुल परब
--दिनांक-29.06.2025-रविवार.
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